DNA Analyis: शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश की स्थिति सामान्य होने का नाम ही नहीं ले रही है. ढाका में यूनुस की टेंशन हद से ज्यादा बढ़ चुकी है. क्योंकि यूनुस के सिर पर अब बांग्लादेशी फौज तलवार बनकर मंडरा रही है. जिस ढाका की सड़कों पर यूनुस के गुर्गे दहशत फैला रहे थे. उस ढाका की सड़कों पर अब खाकी वर्दी नजर आ रही है.आखिर ढाका की सड़कों की तस्वीर क्यों बदल रही है और क्यों यूनुस को सता रहा है अपने तख्तापलट का डर.
छावनी में तब्दील हुई ढाका की सड़कें
फिलहाल ढाका में आर्मी की तकरीबन 1 ब्रिगेड मौजूद है. फौज के साथ ही साथ अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया है. बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड्स की कुछ टुकड़ियां भी ढाका में तैनात हैं और ढाका के नजदीकी जिलों से पुलिस को भी ढाका बुला लिया गया है. इतनी बड़ी तैनाती के पीछे मकसद बताया गया है. ढाका में होने जा रहे विरोध प्रदर्शन. हिज्ब उत तहरीर जैसे संगठनों ने बंद और प्रदर्शन बुलाए थे. दलील दी जा रही है कि प्रदर्शनों के दौरान किसी किस्म की हिंसा को रोकने के लिए लंबी चौड़ी तैनाती की गई है. लेकिन बांग्लादेशी आर्मी चीफ जनरल वकार का एक हुक्म इस दलील पर यकीन करने की इजाजत नहीं देता.
मूवमेंट का हुक्म दिया है
बांग्लादेश के आर्मी चीफ ने दो छावनी क्षेत्रों से फौज के मूवमेंट का हुक्म दिया है. इन दोनों छावनी क्षेत्रों में तैनात फौजियों और बख्तरबंद वाहनों को अगले कुछ दिनों के अंदर ढाका पहुंचने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही साथ घटैल छावनी क्षेत्र को भी अलर्ट मोड में रहने के लिए कहा गया है.
तख्तापलट से तल्ख हो गए थे रिश्ते
जनरल वकार और यूनुस के बीच रिश्ते शेख हसीना के तख्तापलट से ही तल्ख हो गए थे. माना जाता है कि जनरल वकार ये नहीं चाहते थे कि अवामी लीग के खिलाफ सिस्टम कोई एक्शन ले. साथ ही जनरल वकार बांग्लादेश की कट्टरपंमथी जमातों के भी खिलाफ थे और यूनुस की सरकार ने दोनों ही काम किए. यूनुस ने अपने दांव चले लेकिन जब जनरल वकार ने संदेश देना शुरु किया तो यूनुस सरकार की नींद उड़ गईं. क्योंकि सरकार कितनी भी ताकतवर हो लेकिन फौज के आगे नहीं टिक सकती.
किया था गिरफ्तार
जनरल वकार और यूनुस के बीच तनाव की खबरें पिछले कुछ महीनों से सामने आ रही हैं. इसी तनातनी के बीच एक ऐसी खबर आई थी. जिसने सबको चौंका दिया था. बांग्लादेश में रोहिंग्या आतंकी गुट अराकान रोहिंग्या सैलवेशन आर्मी के कमांडर को गिरफ्तार कर लिया गया था. बांग्लादेश के काउंटर टेरर डिपार्टमेंट ने अताउल्ला उर्फ जुनूनी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था. जिसके बाद अदालत ने उसे जेल भेज दिया था. माना जा रहा था कि कट्टरपंथी और आतंकी तत्वों के खिलाफ जनरल वकार की नाराजगी के चलते ये कदम उठाया गया था. लेकिन जुनूनी की गिरफ्तारी के बावजूद जनरल वकार का ढाका में फौज की तैनाती बढ़ाने का हुक्म बताता है कि सरकार के साथ चूहे बिल्ली के खेल से जनरल वकार परेशान हो चुके हैं. वो बांग्लादेश में कट्टरपंथियों के नेटवर्क को पूरी तरह तोड़ना चाहते हैं.