बाप ने छुपाया था..., नहीं चली पिता की चालाकी, चुटकियों में पुलिस ने खोला 'राज'

3 weeks ago
क्राइम ब्रांच को मिला अहम सुराग.क्राइम ब्रांच को मिला अहम सुराग.

Pune Hit and Run Case: पुणे हिट एंड रन के नाबालिग आरोपी के पिता गिरफ्तार हो चुके हैं. मगर वह गिरफ्तारी से पहले खुद को और अपने बेटे को बचाने के लिए बड़ी साजिश रची थी. केस दर्ज होते ही वह पुणे से फरार हो गया था, लेकिन उसकी गिरफ्तारी ने पुलिस और क्राइम ब्रांच के कई सवालों को सुलझा दिया है. दरअसल, उसने इस घटना की अहम सुराग ‘मोबाइल’ को कहीं छुपा दिया था. पर पुलिस हिरासत में उसकी कुछ न चली और सारे राज उगल दिए. क्राइम ब्रांच को वह मोबाइल मिल चुका है, उसमें कई अहम सुराग दफ्न हैं, पुलिस आसानी से बाप-बेटे पर शिकंजा कस सकेगी.

मालूम हो कि क्राइम ब्रांच अब आरोपी नाबालिग आरोपी के दादा से पूछताछ करनी शुरू कर दी है. पुलिस कारोबारी विशाल अग्रवाल, उसके पिता सुरेंद्र कुमार अग्रवाल और नाबालिग बेटे से पूछताछ कर रही है. आरोप है कि घटना के दिन नाबालिग कार चला रहा था. वह नशे की हालत में कार को 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भगा रहा था. चंद ही पल में उसने मध्य प्रदेश के रहने वाले दो इंजीनियरों को अपनी पोर्शे कार से रौंद दिया.

पिता ने मानी गलती
विशाल अग्रवाल से पूछताछ की जा रही है क्योंकि उन्होंने अपने नाबालिग बेटे को कार ले जाने दी और ड्राइवर को उसे कार चलाने देने की अनुमति दी जिसके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था. बताया जा रहा है कि पूछताछ के दौरान उन्होंने माना कि 18 मई की रात अपने बेटे को लग्जरी कार देकर उन्होंने “गलती” की, जिससे 19 मई को तड़के हादसा हुआ था.

छोटा राजन से जुड़ा है मामला
बुजुर्ग सुरेंद्र कुमार अग्रवाल से एक 15 साल पुराने मामले में पूछताछ चल रही है जिसमें उन पर अक्टूबर 2009 में कारोबार को लेकर हुए विवाद में शिवसेना के पूर्व पार्षद अजय भोसले को मारने का आदेश देने का आरोप है. यह मामला अभी अदालत में विचाराधीन है, और क्राइम ब्रांच माफिया छोटा राजन से साथ उनके संबंधों की जांच कर रहा है.

पार्टी पर 48 हजार रुपये खर्च
राष्ट्रीय सुर्खी बन चुके नाबालिग से संबंधित अधिकार बाल सुधार गृह में पूछताछ कर रहे हैं. मामले में जनाक्रोश सामने आने के बाद उसे 22 मई से वहां रखा गया है. नाबालिग ने अपने दोस्तों के साथ एक रेस्टोरेंट और पब में पार्टी पर 48 हजार रुपये खर्च किये थे. वहां उनकी उम्र की पुष्टि किये बिना उन्हें इंपोर्टेड ब्रांड की ज्यादा नशे वाली शराब परोसी गई थी. इसके अलावा निर्देशित समय सीमा के बाद भी पब को खुला रखा गया.

निबंध लिखने की सजा
पार्टी करने के बाद नाबालिग अपनी पोर्श कार में तेज रफ्तार ड्राइव करने लगा. इसी दौरान कार ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी, जिस पर दो लोग – अश्विनी कोष्टा और अनीश अवधिया (दोनों 24) सवार थे. वे दोस्तों के साथ रीयूनियन के बाद घर लौट रहे थे. महज 15 घंटे के भीतर पारिवारिक रसूख का इस्तेमाल करते हुए आरोपी को जमानत मिल गई थी. सजा के तौर पर उसे पोर्श हादसे पर एक निबंध लिखने के लिए कहा गया, और वह एक पखवाड़े तक येरवदा ट्रैफिक पुलिस विभाग के साथ काम करने तथा नशा मुक्ति के लिए मेडिकल काउंसिलिंग करवाने पर सहमत हुआ.

तीन गिरफ्तारी हो चुकी है
मामले में अग्रवाल परिवार से बाहर भी तीन आरोपियों को 20 मई को गिरफ्तार किया गया था. इनमें कोजी रेस्टोरेंट के मालिक प्रह्लाद भूतड़ा, प्रबंधक सचिन काटकर और बारटेंडर संदीप सांग्ले शामिल हैं. तीनों फिलहाल (24 मई तक) पुलिस की हिरासत में हैं. आबकारी विभाग (Excise Department) ने बुधवार को रेस्टोरेंट पर छापेमारी कर उसे सील कर दिया.

FIRST PUBLISHED :

May 23, 2024, 22:53 IST

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