Last Updated:September 08, 2025, 06:09 IST
Hazratbal Dargah Row Congress: हजरतबल दरगाह में अशोक चिह्न तोड़ने पर उमर और फारूख अब्दुला के रुख से कांग्रेस बैकफुट पर है. बीजेपी बिहार चुनाव में इसे मुद्दा बनाकर कांग्रेस पर दबाव बढ़ा रही है. उधर तेजस्वी के बय...और पढ़ें

हजरतबल दरगाह में अशोक चिह्न को तोड़ने के मामले में जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर और उनके पिता फारूक अब्दुला के रुख ने कांग्रेस को बैकफुट पर धकेल दिया है. जहां एक ओर बीजेपी न सिर्फ नेशनल कॉन्फ्रेंस पर हमलावर है, बल्कि कांग्रेस को भी कटघरे में खड़ा कर रही है. बीजेपी ने इस मामले को बिहार चुनाव से जोड़कर कांग्रेस पर दबाव और बढ़ा दिया है. वही दूसरी तरफ हुड़दंगियों पर एक्शन लेने की तेजस्वी की मांग ने कांग्रेस को दोहरे धर्मसंकट में डाल दिया है.
भारत की पहचान अशोक चिह्न को कट्टरपंथियों द्वारा तोड़े जाने का मामला अब बिहार चुनाव से भी जुड़ रहा है. बीजेपी ने हाल ही में बिहार में वोटर अधिकार यात्रा करने वाले राहुल गांधी को निशाने पर ले लिया है. दरअसल कांग्रेस और राहुल गांधी की चुप्पी ने बीजेपी को हमले का बड़ा हथियार दे दिया है.
इंडिया गठबंधन के बहाने कांग्रेस पर हमलावर बीजेपी
बीजेपी कांग्रेस के गठबंधन धर्म के जरिए ही उसे धर्मसंकट में डालना चाहती है. बीजेपी जानती है कि मुस्लिम वोट और अब्दुल्ला परिवार से नजदीकी राहुल गांधी और कांग्रेस को इस मामले में साफ रुख अपनाने से रोक रहे हैं. यही वजह है कि बीजेपी पूरी ताकत से कांग्रेस की इसी कमजोरी पर वार कर रही है.
दरगाह में हुई तोड़फोड़ के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी की चुप्पी पर बीजेपी ने सवाल खड़े किए हैं. बीजेपी प्रवक्ताओं का कहना है कि राष्ट्रीय प्रतीक पर हमला महज एक तोड़फोड़ नहीं बल्कि देश की अस्मिता पर चोट है. ऐसे में कांग्रेस और राहुल गांधी का मौन रहना बताता है कि वे गठबंधन की मजबूरी में राष्ट्रहित से ऊपर वोटबैंक को तरजीह दे रहे हैं.
तेजस्वी के बयान ने बढ़ा दिया धर्मसंकट
हिंदुस्तान की सियासत में कश्मीर वैसे भी बहुत संवेदनशील मामला रहा है. अनुच्छेद 370 हटने के बाद बीजेपी अपने लिए घाटी में मौके देख रही है. इसी कड़ी में हजरतबल दरगाह का सुंदरीकरण करके वहां शिलापट्ट लगाया गया था, जिसमें अशोक चिह्न था. बीजेपी घाटी और पूरे प्रदेश में कट्ठापंथियों की विचारधारा के खिलाफ राष्ट्रवाद का रुख अपनाकर पूरे देश में उसका राजनीतिक फायदा उठाने की रणनीति पर काम कर रही है. हजरतबल में हुई घटना ने उसको और ऊर्जा दे दी है. इसी रणनीति के तहत बीजेपी कांग्रेस बिहार चुनाव से पहले घेर रही है.
कांग्रेस भले ही इस मामले पर खुलकर नहीं बोल रही है, लेकिन उसके सहयोगी तेजस्वी यादव ने अशोक चिह्न को तोड़ने वालों पर एक्शन लेने की मांग कर कांग्रेस की धड़कन बढ़ा दी है. हालांकि तेजस्वी ने इस मामले पर अपनी पार्टी के साथ ही कांग्रेस के साथ भी किसी तरह की संबंध होने से इनकार किया. बीजेपी तो बीजेपी लेकिन सहयोगी आरजेडी के बयान ने कांग्रेस की मुश्किल और बढ़ा दी है और इस मुद्दे पर साफ स्टैंड लेने का दबाव बढ़ा दिया है.
बिहार में चुनाव होने वाले है और उसके ठीक पहले चाहे वो बीड़ी और बिहार विवाद हो या कश्मीर में सम्राट अशोक के चिह्न को तोड़ने का मामला… बीजेपी इसको खूब उछाल रही है और साथ ही कांग्रेस का ब्लड प्रेशर भी बढ़ा रही है.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 08, 2025, 06:08 IST