बिहार पर था कांग्रेस का दबदबा, तब 13 पार्टी थीं और कई सीटों पर दो विधायक

3 weeks ago

Last Updated:November 14, 2025, 10:03 IST

Bihar Chunav 2025: देशभर में बिहार चुनाव की चर्चा हो रही है. बिहार में पहली बार विधानसभा चुनाव साल 1952 में हुए थे. 2025 में बिहार विभानसभा चुनाव 18वीं बार हो रहे हैं.

बिहार पर था कांग्रेस का दबदबा, तब 13 पार्टी थीं और कई सीटों पर दो विधायकBihar Chunav-2025: बिहार चुनाव पहली बार 1952 में हुए थे

नई दिल्ली (Bihar Chunav 2025). आजादी के बाद जब भारत ने अपना संविधान अपनाया तो हर राज्य में लोकतंत्र की पहली नींव रखी गई. इसी कड़ी में बिहार में पहली बार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजा, जो 1951 के अंतिम महीनों से शुरू होकर 1952 की शुरुआत तक चला. यह चुनाव सिर्फ वोट डालने की प्रक्रिया नहीं थी, बल्कि करोड़ों लोगों के लिए ‘लोकतंत्र का पहला उत्सव’ था. इस चुनाव से तय हुआ कि देश के इस राज्य का भविष्य कौन तय करेगा. उस समय झारखंड भी बिहार का हिस्सा था. इसलिए सीटों की संख्या आज से कहीं ज्यादा थी. उस दौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सबसे बड़ी ताकत थी, जिसके सामने बाकी दल नन्हें-मुन्ने थे.

इन चुनावों ने बिहार को उसका पहला निर्वाचित मुख्यमंत्री दिया और यहीं से एक लंबी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत हुई, जो 74 सालों से लगातार जारी है. 2025 में हम नए चुनावी संग्राम के मुहाने पर खड़े हैं. अगर 1952 से लेकर अब तक हुए सभी विधानसभा चुनावों को गिना जाए तो 2025 में बिहार में 18वें विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. यह चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक रहा है, खासकर रिकॉर्ड तोड़ मतदान के लिए. बिहार चुनाव 2025 में 67.13% मतदान हुआ है, जो अब तक सर्वाधिक है. महिला मतदाताओं (71.6%) ने काफी उत्साह से वोटिंग की है, जो बिहार के बदलते चुनावी समीकरण और महिला सशक्तिकरण की कहानी कहता है.

बिहार का पहला विधानसभा चुनाव: आंकड़े और रोचक तथ्य

आजादी के बाद बिहार में पहली बार विधानसभा चुनाव 1951 में शुरू होकर 1952 में संपन्न हुए थे (आमतौर पर इन्हें 1952 का चुनाव कहा जाता है). यह चुनाव लगभग 21 दिनों तक चला था. इसमें 42.60% मतदान दर्ज किया गया था. बिहार के पहले चुनाव में बिहार विधानसभा में कुल 330 सीटें थीं.

रोचक तथ्य: उस समय कई निर्वाचन क्षेत्र ‘दो सदस्यीय’ (Two-member constituencies) हुआ करते थे, जहां एक सीट पर दो प्रत्याशियों को चुना जाता था. इस कारण 276 निर्वाचन क्षेत्रों में 330 सीटें थीं. यह प्रावधान 1957 के चुनाव तक लागू रहा.

पार्टियां: बिहार विधानसभा चुनाव 1952 में 13 राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया था. प्रमुख दलों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, सोशलिस्ट पार्टी, किसान मजदूर प्रजा पार्टी और झारखंड पार्टी शामिल थीं.

बिहार का पहला मुख्यमंत्री कौन था?

बिहार विधानसभा चुनाव 1952 के परिणाम चौंकाने वाले नहीं थे क्योंकि देश में तब कांग्रेस का ही वर्चस्व था:

राजनैतिक दलजीती गईं सीटें
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस239
झारखंड पार्टी32
सोशलिस्ट पार्टी23

विजेता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 330 में से 239 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल की थी. उस समय बिहार में कांग्रेस की सरकार बनी थी और श्रीकृष्ण सिंह (जिन्हें ‘श्री बाबू’ भी कहा जाता था) बिहार के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री थे. डॉ. अनुग्रह नारायण सिन्हा राज्य के पहले उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री बने.

बिहार चुनाव से जुड़े रोचक तथ्य

दो सदस्यीय क्षेत्र: 1952 के चुनाव में 50 निर्वाचन क्षेत्र ऐसे थे, जो दो सदस्यीय थे.. यानी इन क्षेत्रों से दो विधायकों का चुनाव किया जाता था. सबसे बड़ा रिकॉर्ड: 1951 के बाद से अब तक का सबसे ज्यादा मतदान 2025 के चुनाव में दर्ज किया गया है (लगभग 67.13%). महिला वोटर्स का जलवा: 2025 के चुनावों में पुरुषों की तुलना में महिला मतदाताओं (71.6%) का मतदान प्रतिश अधिक रहा है, जो बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में बड़ा बदलाव दर्शाता है.

Deepali Porwal

With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...और पढ़ें

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First Published :

November 14, 2025, 10:03 IST

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