Last Updated:March 10, 2025, 16:15 IST
Bihar Politics: पटना में लालू प्रसाद यादव पर हमलावर पोस्टर लगे हैं, जिसमें उन्हें चारा घोटाले की याद दिलाई गई है. पोस्टरों पर विभिन्न घटनाक्रमों का जिक्र करते हुए "बिहार भूलेगा नहीं" का टैग लाइन लिखा हुआ है. भ...और पढ़ें

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के पोस्टर पर बिहार में राजनीति गर्म.
हाइलाइट्स
पटना में लालू यादव पर हमलावर पोस्टर लगे.इन पोस्टरों पर "बिहार भूलेगा नहीं" लिखा है.भाजपा और जेडीयू ने पोस्टर का समर्थन किया.पटना. बिहार की राजधानी पटना के चौक-चौराहों पर पोस्टर लगा है जिसमें राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर हमला किया गया है. पटना के चौक-चौराहों पर लगे येपोस्टर चर्चा का विषय बने हुए हैं. 10 मार्च 1990 को लालू यादव ने पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.आज 10 मार्च को लगाए गए इस पोस्टरों में लालू को ढोल बजाते, दातून चबाते पोस्टर लगाकर लिखा गया है कि आज ही लालू ने बिहार का ढोल बजाने और,चारा खाने की की शपथ ली थी.हर पोस्टर में लिखा गया कि बिहार भूलेगा नहीं. बता दें कि पटना के चौक-चौराहों पर लगाए गए पोस्टर की पृष्ठभूमि काले रंग की है. विभिन्न पोस्टर के मैसेज अलग-अलग हैं और साथ लालू यादव की तस्वीर लगी है.
बिहार भूलेगा नहीं…टैग लाइन के साथ एक फोटो उस पोस्टर पर है जिसमें वो ढोल बजाते दिख रहे हैं. लालू यादव की यह पुरानी तस्वीर लगती है जब वो होली में ढोल बजाकर भी अपने अंदाज में होली सबके साथ खेलते थे. एक अन्य पोस्टर में लिखा गया है, भूलेगा नहीं बिहार, 10 मार्च 1990 का वो काला दिन, जब लालू ने गाय का चारा भी चर लेने की शपथ ली थी. बिहार को मिला, तेल पिलावन-लाठी घुमावन राज. हालांकि ये पोस्टर किस संगठन की ओर से लगाया है. इसका कोई जिक्र नहीं किया गया है. किसी राजनीतिक दल या संगठन का नाम इस पर नहीं लिखा गया है.
पटना में लालू यादव के खिलाफ लगे पोस्टर पर राजनीति तेज.
पोस्टर पर अब राजनीतिक वार पलटवार का क्रम भी शुरू हो गया है. भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा, जिसने भी ये पोस्टर लगाया है, वो बधाई के पात्र हैं. पोस्टर के जरिए बिहार के युवाओं को जगाने का काम किया है. लालू यादव के काले इतिहास और काले चेहरे को दिखाने का काम किया है. ऐसे लोगों के इतिहास को जनता और नई पीढ़ी को जरूर बताना चाहिए.वहीं जेडीयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा, पोस्टर बिल्कुल सही लगाया गया है. आने वाले चुनाव में लोग इससे सतर्क होंगे. NDA बिहार में फिर से सरकार बनाने जा रही है.
बता दें कि 10 मार्च 1990 को लालू पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. इसके पांच साल बाद फिर से 1995 में विधानसभा चुनाव जीते और उनकी सत्ता में वापसी हुई. वर्ष 1997 में वे जनता दल से अलग हो गए और राष्ट्रीय जनता दल नाम से खुद की पार्टी बनाई थी. लेकिन, इसी बीच उन पर चारा घोटाला का आरोप लगा और उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. अपनी पत्नी राबड़ी देवी को लालू प्रसाद यादव ने अपनी जगह मुख्यमंत्री बनाया. इसके बाद लालू फिर कभी मुख्यमंत्री नहीं बन सके, लेकिन देश-प्रदेश की राजनीति में बड़े कद के तौर पर उनकी साख बरकरार रही.
First Published :
March 10, 2025, 16:15 IST