पुराना राजेंद्र नगर में राव कोचिंग के बेसमेंट की लाइब्रेरी में जान गंवाने वाले छात्रों के परिजन आज भले ही न्यायालयों में इंसाफ की मांग कर रहे हैं, लेकिन अगर दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश का पालन 11 महीने पहले हो चुका होता, तो शायद ये घटना ही न होती. तारीख पर तारीख पर तारीख… के भरोसे चली न्यायव्यवस्था का डर न दिल्ली सरकार को लगा, न एमसीडी को और न ही दिल्ली फायर सर्विस विभाग को और यही वजह रही कि बारिश और ड्रेनेज के पानी की बाढ़ में एक बेसमेंट के अंदर डूबकर 3 होनहार बच्चों की जान चली गई.
दिल्ली सरकार, एमसीडी और फायर सर्विस विभाग के बेखौफ हो जाने का इससे बड़ा सबूत क्या होगा कि दिल्ली हाईकोर्ट इन तीनों को दिल्ली में बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरी और कोचिंग सेंटरों को लेकर निर्देश पर निर्देश देता रहा लेकिन इनके कान पर जूं तक नहीं रेंगी और आज दिल्ली में एक बड़ा हादसा घट गया.
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मामला 10 अक्टूबर 2023 का है. जब दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई, जिसमें याचिकाकर्ता ने पुराना राजेंद्र नगर, करोल बाग, नया राजेंद नगर, वेस्ट पटेल नगर, साउथ पटेल नगर और रंजीत नगर में बेसमेंट के अंदर चल रहे सेल्फ स्टडी सेंटर, रीडिंग रूम्स और लाइब्रेरीज की शिकायत दी. साथ ही हाईकोर्ट से एमसीडी को ये निर्देश देने की मांग की कि सिविल बॉडीज बिना लेआउट प्लान अप्रूवल के चल रहीं इन सभी अवैध गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से सील करे. याचिकाकर्ता ने दलील भी दी कि इन जगहों पर कभी भी हादसा हो सकता है.
हाईकोर्ट देता रहा तारीख पर तारीख…
जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी सिविक बॉडीज को 6 हफ्ते यानि डेढ़ महीने के अंदर उठाए गए इन सवालों पर काउंटर एफिडेविट फाइल करने का समय दिया और मामले की तारीख 21 दिसंबर 2023 मुकर्रर कर दी. हाईकोर्ट के इस आदेश पर न तो दिल्ली सरकार, न एमसीडी और न ही फायर सर्विस विभाग ने कोई एक्शन लिया, न एफिडेविट फाइल की और न ही हाईकोर्ट से अतिरिक्त समय मांगा.
इसके बाद हाईकोर्ट ने तीनों को अंतिम मौका देते हुए इस मामले में एफिडेविट फाइल करने का समय दिया और 9 अप्रैल 2024 की तारीख दे दी. इस दौरान याचिकाकर्ता ने फिर हाईकोर्ट से गुहार लगाई कि कोचिंग सेंटरों के बेसमेंट में चल रहीं ये गतिविधियां बच्चों को नुकसान पहुंचा सकती हैं.
आखिरकार 9 अप्रैल 2024 को भी इन तीनों ने कोई जवाब हाईकोर्ट को नहीं दिया और फिर हाईकोर्ट ने अगली तारीख 9 सितंबर 2024 दे दी, जो अभी बाकी है.
लेकिन यह सुनवाई हो पाती, इससे पहले ही राजेंद्र नगर के बेसमेंट में राव कोचिंग हादसा हो गया और 3 यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्र जान गंवा बैठे.
दूसरे केस में भी नहीं हुआ कुछ..
दिल्ली हाईकोर्ट में दूसरा केस भी साउथ पटले नगर, रंजीत नगर और राजेंद्र नगर में बेसमेंट में चल रही एक्टिविटीज को लेकर 9 मई 2024 को दायर किया गया. यहां किसी में जिम तो किसी में ई लाइब्रेरी चल रही थीं. यहां एडवांस नोटिस पर एमसीडी की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल हुए लर्नेड काउंसिल की ओर से कहा गया कि 4 हफ्तों के अंदर-अंदर एमसीडी किसी भी अवैध निर्माण या बिना अनुमति के हुए कंस्ट्रक्शन, फायर रिलेटेड ढील या बाय लॉज संबंधी मानकों को परखेगी और कानून के अनुसार तत्काल एक्शन लेगी.
हालांकि मई में हुई इस सुनवाई के बाद हुआ कुछ नहीं और दो महीने बाद ही राजेंद्र नगर में ऐसी घटना घट गई..
सिविक बॉडीज का रवैया बेहद लचर
इस बारे में दिल्ली हाईकोर्ट में सिविल एडवोकेट निशांत राय कहते हैं कि ये मामले बताते हैं कि दिल्ली सरकार, एमसीडी और फायर सर्विस दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देशों पर भी लचर रवैया अपना रही हैं. अपनी तरफ से एक्शन लेना तो दूर ये माननीय हाईकोर्ट के आदेशों का भी पालन नहीं कर रही हैं. जबकि अगर समय से एक्शन ले लिया गया होता तो शायद ऐसी दुर्घटना नहीं होती.
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FIRST PUBLISHED :
July 30, 2024, 12:34 IST