Last Updated:July 15, 2025, 12:18 IST
DRDO ने बेहद ताकतवर हाइपरसोनिक मिसाइल ET-LDHCM तैयार की है. प्रोजेक्ट विष्णु के तहत बनाई गई इस मिसाइल की रफ्तार ध्वनि से भी 8 गुना तेज है. वहीं इसकी मारक क्षमता 1500 किलोमीटर तक है, जो इसे ब्रह्मोस और अग्नि-5 भ...और पढ़ें

DRDO ने बेहद ताकतवर हाइपरसोनिक मिसाइल ET-LDHCM तैयार की है.
हाइलाइट्स
DRDO ने बेहद ताकतवर हाइपरसोनिक मिसाइल ET-LDHCM बनाई है.ET-LDHCM मिसाइल की रेंज 1500 किमी और गति MAC-8 है.यह मिसाइल जमीन, समुद्र और हवा से लॉन्च की जा सकती है.भारत ने एक बार फिर दुनिया को चौंका दिया है. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने एक ऐसी हाइपरसोनिक मिसाइल तैयार की है, जिसकी रफ्तार और मारक क्षमता अब तक के सभी भारतीय मिसाइल सिस्टम ब्रह्मोस, अग्नि और आकाश से कहीं ज्यादा है. इसे ‘एक्सटेंडेड ट्रैजेक्टरी लॉन्ग ड्यूरेशन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल (ET-LDHCM)’ नाम दिया गया है. यह मैक 8 की रफ्तार यानी ध्वनि की गति से आठ गुना तेज उड़ान भर सकती है और 1,500 किलोमीटर दूर तक लक्ष्य को भेद सकती है.
इस मिसाइल को DRDO के ‘प्रोजेक्ट विष्णु’ के तहत विकसित किया गया है. यह भारत की अब तक की सबसे उन्नत रणनीतिक मिसाइल मानी जा रही है, जो ब्रह्मोस, अग्नि-5 और आकाश से कही ज्यादा ताकतवर है.
भारत का नया ब्रह्मास्त्र
ET-LDHCM मिसाइल भारत की रक्षा तकनीक में एक क्रांतिकारी कदम है. यह मिसाइल स्क्रैमजेट इंजन से लैस है, जो वायुमंडल की ऑक्सीजन का उपयोग करके पारंपरिक रोटेटिंग कंप्रेसर के बिना काम करता है. यह तकनीक इसे MAC-8 की गति देती है, जो ब्रह्मोस की मच-3 गति (3,675 किमी/घंटा) से तीन गुना ज्यादा है. ब्रह्मोस की शुरुआती रेंज 290 किमी थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 450 किमी किया गया, लेकिन ET-LDHCM की रेंज सीधे 1,500 किलोमीटर है. यह इसे भारत का अब तक का सबसे लंबी दूरी वाला और तेज मिसाइल बनाता है.
दुश्मनों की नींद उड़ाने वाला हथियार
यह मिसाइल 1,000 से 2,000 किलोग्राम तक के पारंपरिक या परमाणु हथियार ले जा सकती है. इसकी खासियत यह है कि यह कम ऊंचाई पर उड़ान भरती है, जिससे इसे रडार से पकड़ना मुश्किल हो जाता है. यह मिसाइल उड़ान के दौरान अपनी दिशा बदल सकती है, जिससे यह युद्धक्षेत्र में अत्यधिक लचीली और प्रभावी बन जाती है. यह 2,000 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को सहन करने में सक्षम है, जो हाइपरसोनिक गति के दौरान स्थिरता और सटीकता सुनिश्चित करता है.
ET-LDHCM को जमीन, समुद्र और हवा से लॉन्च किया जा सकता है, जिससे यह दुश्मन के कमांड सेंटर, रडार ठिकानों, नौसैनिक संपत्तियों और मजबूत बंकरों को निशाना बनाने में सक्षम है. इसकी सटीकता और स्टील्थ क्षमता रूस के S-500 और इजरायल के आयरन डोम जैसे उन्नत रक्षा कवच के लिए भी चुनौती बनाती है.
रूस, अमेरिका, चीन जैसी ताकत
यह परीक्षण ऐसे समय में हुआ है, जब वैश्विक और क्षेत्रीय तनाव चरम पर हैं. इजरायल-ईरान संघर्ष, रूस-यूक्रेन युद्ध और भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण रिश्तों के बीच भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को तेजी से मजबूत कर रहा है. खासकर, तुर्की के पाकिस्तान के साथ बढ़ते गठजोड़ और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए भारत ने अपनी मिसाइल प्रणालियों जैसे ब्रह्मोस, अग्नि-5 और आकाश को अपग्रेड करने के साथ-साथ नए हथियार विकसित करने पर जोर दिया है.
ET-LDHCM का सफल परीक्षण भारत को रूस, अमेरिका और चीन जैसे चुनिंदा देशों की श्रेणी में लाता है, जिनके पास स्वदेशी हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक है. यह मिसाइल न केवल पाकिस्तान के खिलाफ भारत की रणनीतिक रोकथाम (डिटरेंस) को मजबूत करती है, बल्कि इंडो-पैसिफिक में चीन की बढ़ती ताकत का जवाब भी देती है.
क्या है DRDO का प्रोजेक्ट विष्णु?
DRDO का प्रोजेक्ट विष्णु भारत की सबसे महत्वाकांक्षी हाइपरसोनिक मिसाइल परियोजना है. इसके तहत 12 अलग-अलग हाइपरसोनिक मिसाइल सिस्टम विकसित किए जा रहे हैं, जिनमें हमलावर मिसाइलों के साथ-साथ दुश्मन की क्रूज या बैलिस्टिक मिसाइलों को रास्ते में नष्ट करने वाली इंटरसेप्टर मिसाइलें भी शामिल हैं. ET-LDHCM इस परियोजना का प्रमुख हिस्सा है, जिसे पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से बनाया गया है.
DRDO ने नवंबर 2024 में हाइपरसोनिक मिसाइल का पहला परीक्षण किया था, जिसमें स्क्रैमजेट इंजन का 1,000 सेकंड तक सफल परीक्षण हुआ. यह उपलब्धि भारत की स्वदेशी तकनीक और रक्षा नवाचार में आत्मनिर्भरता को दर्शाती है.
ET-LDHCM की सफलता न केवल सैन्य क्षेत्र में, बल्कि अंतरिक्ष प्रक्षेपण, आपदा प्रतिक्रिया और रक्षा विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में भी भारत को लाभ देगी. इस परियोजना में कई भारतीय MSME और निजी कंपनियों ने योगदान दिया है, जिससे स्थानीय नवाचार और रोजगार के अवसर बढ़े हैं.
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह मिसाइल एशिया में सैन्य संतुलन को बदल सकती है. इसकी गति, रेंज और चुपके क्षमता इसे मौजूदा रक्षा तंत्रों के लिए लगभग अजेय बनाती है. यह भारत की रणनीतिक हड़ताल क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को भी प्रभावित करेगा.
ET-LDHCM का सफल परीक्षण भारत की रक्षा तकनीक में एक नया अध्याय है. प्रोजेक्ट विष्णु के तहत विकसित यह मिसाइल ब्रह्मोस, अग्नि-5 और आकाश जैसे सिस्टमों से कहीं आगे है. यह न केवल भारत की रक्षा क्षमता को मजबूत करता है, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत को एक उभरती सैन्य शक्ति के रूप में स्थापित करता है. जैसे-जैसे भारत अपनी रक्षा आधुनिकीकरण की यात्रा को तेज करता है, ET-LDHCM जैसी मिसाइलें दुश्मनों के लिए एक सख्त चेतावनी हैं.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
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