कार्तिक मास का समय शिव और केशव के लिए अति प्रिय माना जाता है. इस महीने की विशेषता यह है कि सैकड़ों वर्षों के इतिहास वाले श्री नीलकंठेश्वर स्वामी मंदिर में शिव और केशव एक साथ दर्शन देते हैं. इस मंदिर में स्वंयभू रूप से प्रकट हुए शिवलिंग, विष्णु मूर्ति, और विष्णु नाभि से उत्पन्न पद्म में ब्रह्मा भी विराजमान हैं. प्रत्येक सोमवार को शिव नाम की ध्वनि से यह मंदिर गूंज उठता है. निजामाबाद शहर के मध्य में स्थित यह स्थल एक प्रसिद्ध शैवक्षेत्र है, और इस 1,400 वर्ष पुराने मंदिर में शिव और केशव का एक साथ होना अनोखा माना जाता है.
विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन
कार्तिक मास में यहां विशेष पूजाएं आयोजित की जाती हैं. मंदिर के पुजारी शेखर शर्मा के अनुसार, सुबह से शाम तक रोज विशेष अभिषेक किए जाते हैं. ईशान्य दिशा में प्रकट हुए श्री नीलकंठेश्वर स्वामी को कार्तिक मास के प्रारंभ से ही सुबह 5 बजे से 6 बजे तक रुद्राभिषेक किया जाता है. सुबह 5:30 बजे से आकाश दीपोत्सव शुरू होता है और शाम 6 बजे भी दीपोत्सव का आयोजन होता है. भक्त बड़ी संख्या में भोर में आकर दीपोत्सव और अभिषेक में शामिल होते हैं. मंदिर के अधिकारियों के अनुसार, कार्तिक मास के पूरे महीने विशेष पूजा-अर्चना चलती है.
विशेषताओं से परिपूर्ण देवालय
निजामाबाद के निवासियों के लिए पुण्य अर्जित करने का यह देवालय विशेष महत्त्व रखता है, जहां शिव और केशव एक साथ दर्शन देते हैं. इस मंदिर में शिव और विष्णु मूर्तियों के अलावा गणपति, आंजनेयस्वामी, और नागदेवता की प्रतिमाएं भी हैं. मंदिर के पास ही स्थित ‘कोनेरू’ नामक तालाब भी भक्तों को आकर्षित करता है. शातवाहन राजा पुलिकेशी ने राजाओं के काल की उत्कृष्ट शिल्पकला में इस मंदिर का निर्माण कराया था, और बाद में यह मंदिर काकतीय काल में शिवालय के रूप में स्थापित हुआ. रथ सप्तमी के दिन यहां भगवान की मूर्ति का उत्सव मनाया जाता है. श्रावण मास, कार्तिक मास, उगादी, हनुमान जयंती, और नवरात्रि जैसे पर्वों पर विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 7, 2024, 12:25 IST