नई दिल्ली: ट्रंप राज में भारत और अमेरिका के संबंध कैसे होंगे? इसे लेकर अभी से कयासों का दौर शुरू है. मगर पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच जो बातचीत हुई है, उसने दिखा दिया है कि भारत और अमेरिका का फ्यूचर कैसा होगा. डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी को शानदार आदमी बताया है और भारत को शानदार देश कहा है. मगर अमेरिका को यह याद रखने की जरूरत है कि भारत अब पिछलग्गू देश नहीं है. भारत अब अपना मुकद्दर खुद लिखता है. किसकी देश के दबाव में आकर अपनी नीतियां नहीं बनाता है और न बदलता है. अमेरिका और रूस की दुश्मनी में भी भारत का अपना स्टैंड बरकरार रहा है.
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच बुधवार को टेलीफोन पर बातचीत हुई है. इस बातचीत में जिस तरह से डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को सच्चा दोस्त कहकर तारीफ की है, उससे साफ संदेश है कि अमेरिका की नीतियां भारत विरोधी नहीं होंगी. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत हुई है, जबकि कमला हैरिस हार गई हैं. सूत्रों की मानें तो जीत के बाद बातचीत में डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें शानदार आदमी बताया और भारत की सराहना करते हुए उसे शानदार देश कहा. पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई.
सबसे पहले जानते हैं कि दोनों नेताओं के बीच फोन पर क्या-क्या बातचीत हुई?
डोनाल्ड ट्रंप और पीएम मोदी में फोन पर बातचीत हुई है, इसकी जानकारी खुद पीएम मोदी ने एक्स पोस्ट में दी है. उन्होंने लिखा, ‘मेरे मित्र, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ शानदार बातचीत हुई, उन्हें उनकी शानदार जीत पर बधाई दी. प्रौद्योगिकी, रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष और कई अन्य क्षेत्रों में भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने के लिए एक बार फिर मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं.’ सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं ने वैश्विक शांति के लिए मिलकर काम करने के संकल्प की पुष्टि की. ट्रंप ने कहा कि पूरी दुनिया पीएम मोदी से प्यार करती है. भारत एक शानदार देश है और भारतीय प्रधानमंत्री एक शानदार इंसान हैं.
भारत ने अमेरिका के दवाब को धता बताया
सूत्रों की मानें तो डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से कहा कि वह उन्हें और भारत को अपना सच्चा दोस्त मानते हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी उन पहले विश्व नेताओं में से एक थे जिनसे उन्होंने अपनी जीत के बाद बात की. डोनाल्ड ट्रंप ने इन बातों से पीएम मोदी और भारत को रिझाने की कोशिश की है. मगर भारत भी अपने हितों को ही साधेगा और वह किसी का पिछलग्गू नहीं बनेगा. इसका सबूत कई बार दे चुका है. जब भारत पर तेल खरीद को लेकर अमेरिका का दवाब था, तब भी भारत ने अपनी कमर सीधी ही रखी थी. उस वक्त भी भारत ने साफ कह दिया था कि रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखेगा. भारत की मोदी सरकार ने अमेरिका की बाइडन सरकार को साफ कहा था कि ऊर्जा सुरक्षा को लेकर भारत को जहां से भी जरूरत होगी, वहां से तेल की खरीद जारी रहेगी.
दोस्ती पक्की, नीति अपनी
भारत और रूस की दोस्ती अमेरिका को शुरू से पसंद नहीं रही है. अमेरिका में सरकार चाहे किसी की रही हो, मगर व्हाइट हाउस की एक नीति स्पष्ट रही है. वह यह कि भारत अपने मित्र रूस के साथ अधिक व्यापारिक संबंध न बनाए. अमेरिका चाहता है कि भारत रूस के बदले अमेरिका से अधिक व्यापार करे. चाहे तेल हो या हथियार, अमेरिका चाहता है कि भारत उससे ही व्यापार करे, न कि रूस से. मगर भारत का इन चीजों पर अपना स्टैंड साफ रहा है कि जहां माल अच्छा और दाम कम मिलेगा, सौदा वहीं से होगा. ऐसे में भले ही डोनाल्ड ट्रंप भारत को अपनी ओर लुभाने की कोशिश करेंगे, मगर नए भारत का नया स्डैंट क्लियर है. दोस्ती पक्की, नीति अपनी.
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FIRST PUBLISHED :
November 7, 2024, 06:49 IST