भारत-अमेरिका के बीच हुई सैन्य सहयोग पर अहम बैठक, टेंशन में PAK; चीन के उड़े होश!

5 hours ago

India-USA Defence Ties : हवाई में भारत और अमेरिका के बीच दो दिवसीय सैन्य सहयोग समूह (MCG) की 22वीं बैठक ने दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा दी है. बैठक में द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत करने, संयुक्त सैन्य अभ्यासों को आगे बढ़ाने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा व स्थिरता सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया. भारत-अमेरिका के बढ़ते रक्षा तालमेल से जहां पाकिस्तान में बेचैनी बढ़ गई है, वहीं चीन की चिंता भी साफ झलक रही है, क्योंकि यह साझेदारी हिंद-प्रशांत में शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकती है. एमसीजी की 22वीं बैठक का सह-अध्यक्षता भारत की ओर से एकीकृत रक्षा स्टाफ (सीआईएससी) के प्रमुख एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित और अमेरिका की ओर से हिंद-प्रशांत कमान के उप कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जोशुआ एम. रुड ने की. बैठक में दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच रणनीतिक और परिचालन स्तर पर सहयोग को आगे बढ़ाने पर बल दिया गया. मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ (HQ IDS) ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि बैठक में द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को सुदृढ़ करने और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने पर केंद्रित चर्चा हुई.

गौरतलब है कि पिछले वर्ष नवंबर में 21वीं एमसीजी बैठक नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में आयोजित हुई थी, जिसमें रुड ने वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था. उस दौरान दोनों पक्षों ने क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण आदान-प्रदान, रक्षा औद्योगिक सहयोग और पारंपरिक तथा हाइब्रिड खतरों के लिए तैयारी को मजबूत करने जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया था.

भारत और अमेरिका ने किया था वार्षिक सैन्य अभ्यास

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भारतीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, पिछली बैठक में दोनों देशों ने भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी के महत्व को रेखांकित करते हुए बढ़े हुए जुड़ाव और अंतर-संचालन क्षमता के माध्यम से रणनीतिक संबंधों को और सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता जताई थी. हाल ही में सितंबर 2024 में दोनों देशों के बीच प्रमुख वार्षिक सैन्य अभ्यास युद्ध अभ्यास का 21वां संस्करण अमेरिकी राज्य अलास्का के फोर्ट वेनराइट में आयोजित किया गया था. मद्रास रेजिमेंट की एक बटालियन की अगुवाई में 450 भारतीय सैनिकों ने अमेरिकी सेना की 11वीं एयरबोर्न डिवीजन की पहली इंफैंट्री ब्रिगेड कॉम्बैट टीम (आर्कटिक वोल्व्स) के साथ संयुक्त प्रशिक्षण किया. 2002 में प्लाटून स्तर पर शुरू हुए इस अभ्यास का दायरा अब काफी बढ़ चुका है. वर्षों से दोनों सेनाएं भारत के औली, चौबटिया और राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों से लेकर अमेरिका के अलास्का और संयुक्त बेस लुईस-मैककॉर्ड तक विविध परिस्थितियों में प्रशिक्षण कर चुकी हैं.

वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने हाल ही में कहा था कि भारत अमेरिका के साथ किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक सैन्य अभ्यास करता है जिनमें युद्ध अभ्यास, मालाबार, कोप इंडिया, वज्र प्रहार और टाइगर ट्रायम्फ जैसे अभ्यास शामिल हैं. दूतावास ने कहा कि ये अभ्यास दोनों लोकतंत्रों के बीच आपसी विश्वास और अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा तथा समृद्धि को सुदृढ़ करने के प्रति उनकी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं.

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