भारत की अमेरिका को दो टूक- हमें नहीं चाहिए F-35; अपने जिगरी यार पर भरोसा!

21 hours ago

Last Updated:August 01, 2025, 06:37 IST

India-USA Defence Deal: भारत पिछले कुछ दशकों में फाइटर जेट और अन्‍य तरह के डिफेंस डील के लिए वेस्‍टर्न पावर पर भी भरोसा जताया है. इसमें अमेरिका और फ्रांस जैसे देश सबसे आगे है. रूस पर निर्भरता में कमी देखने को म...और पढ़ें

भारत की अमेरिका को दो टूक- हमें नहीं चाहिए F-35; अपने जिगरी यार पर भरोसा!भारत ने पांचवीं पीढ़ी के F-35 फाइटर जेट को खरीदने से साफ इनकार कर दिया है. (फोटो: एपी)

हाइलाइट्स

भारत अपने एयरफोर्स को मजबूत बनाने के लिए लगातार निवेश कर रहा हैइंडियन एयरफोर्स अब पांचवीं पीढ़ी के स्‍टील्‍थ फाइटर जेट खरीदना चाहता हैनई पॉलिसी के तहत भारत मॉडर्न जेट संयुक्‍त रूप से डेवलप करना चाहता है

India-USA Defence Deal: अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसद टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. भारतीय उत्‍पादों के लिए अमेरिका बहुत बड़ा बाजार है, ऐसे में ट्रंप की घोषणा का कारोबार पर असर पड़ने की पूरी संभावना है. हालांकि, अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने इस मसले पर बातचीत की मंशा भी जाहिर की है. इन सबके बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने अमेरिका के पांचवीं पीढ़ी के F-35 फाइटर जेट को खरीदने से इनकार कर दिया है. नई दिल्‍ली ने अपना पक्ष स्‍पष्‍ट करते हुए कहा कि वह ज्‍वाइंट वेंचर के तौर पर 5th जेनरेशन का लड़ाकू विमान डेवपल करना चाहता है. बता दें कि भारत के ऑल वेदर फ्रेंड रूस ने भी पांचवीं पीढ़ी के Su-57 फाइटर जेट मुहैय कराने का ऑफर दिया है. कुछ रिपोर्ट की मानें तो रूस ने टेक्‍नोलॉजी ट्रांसफर और संयुक्‍त रूप से पांचवीं पीढ़ी का विमान डेवलप करने का प्रस्‍ताव दिया है. F-35 फाइटर जेट पर भारत के रुख के बाद ऐसा माना जा रहा है कि रूस का Su-57 पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट डील में फ्रंट रनर हो सकता है.

‘ब्‍लूमबर्ग’ की र‍िपोर्ट के अनुसार, भारत अमेरिकी F-35 फाइटर जेट खरीदने को लेकर इच्‍छुक नहीं है. रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि इस बाबत भारत ने अमेरिका को सूचित कर दिया है कि वह F-35 स्टील्थ लड़ाकू विमान खरीदने का इच्छुक नहीं है. फ़रवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने भारत को ये महंगे लड़ाकू विमान बेचने की पेशकश की थी. हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि मोदी सरकार घरेलू स्तर पर रक्षा उपकरणों के संयुक्त डिज़ाइन और निर्माण पर केंद्रित साझेदारी में ज़्यादा रुचि रखती है. इसका सीधा सा मतलब यह है कि भारत ज्‍वाइंट और टेक्‍नोलॉजी ट्रांसफर के आधार पर डिफेंस डील करना चाहता है. बता दें कि ब्रिटेन की रॉयल नेवी का एफ-35 लड़ाकू विमान तकनीकी दिक्‍कतों के चलते केरल में तकरीबन 37 दिनों तक अटका रहा. इसके अलावा कैलिफोर्निया में एफ-35 जेट क्रैश भी हुआ है. इन दोनों घटनाओं से F-35 की एफिशिएंसी पर गंभीर सवाल उठे हैं.

रूस के पांचवीं पीढ़ी के SU-57 फाइटर जेट भारत के फोकस में हो सकता है. (फोटो: पीटीआई)

ट्रंप के टैरिफ वॉर से निपटने का तरीका

रिपोर्ट के अनुसार, भारत अमेरिका से आयात बढ़ाकर हालात को संतुलित करने की कोशिश कर सकता है. इसमें खास तौर पर प्राकृतिक गैस, कम्‍यूनिकेशन इक्विपमेंट और सोने के आयात को बढ़ाने पर विचार हो रहा है. इन कदमों से आने वाले 3 से 4 सालों में अमेरिका के साथ भारत का ट्रेड सरप्‍लस कम हो सकता है. हालांकि, भारत ने साफ कर दिया है कि वह अमेरिकी रक्षा उपकरणों की अतिरिक्त खरीद नहीं करेगा. इसमें F-35 स्टील्थ फाइटर जेट का प्रस्ताव भी शामिल है, जिसकी पेशकश ट्रंप ने फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा के दौरान की थी. भारत ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है और घरेलू रक्षा निर्माण पर जोर देने की नीति को दोहराया है. एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि भारत अमेरिकी दबाव के बावजूद संयुक्त रक्षा निर्माण और तकनीकी साझेदारी को प्राथमिकता देता है, न कि महंगे इंपोर्ट को.

टैरिफ की धमकी

ट्रंप की धमकी के बावजूद भारत ने फिलहाल वर्ल्‍ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) में अपनी जवाबी कार्रवाई के अधिकार को सुरक्षित रखते हुए संयम बरता है. सूत्रों के अनुसार, सरकार समय आने पर उचित कदम उठाने की तैयारी में है, लेकिन तत्‍काल टकराव से बचना चाहती है. ट्रंप ने हाल में दावा किया था कि भारत-पाकिस्तान के बीच मई में हुए चार दिन के संघर्ष को उन्होंने अपने ‘ट्रेड प्रेशर’ के ज़रिए खत्म करवाया था. भारत ने इस दावे को खारिज कर दिया है. यह बयान दोनों देशों के पहले से ही नाजुक रिश्तों को और तनावपूर्ण बना सकता है. वहीं, भारत इस वर्ष के अंत में क्वाड (Quad) शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करने जा रहा है, जिसमें अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं. ऐसे में भारत फिलहाल इन संबंधों में कूटनीतिक संतुलन बनाए रखने की कोशिश में है.

Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

August 01, 2025, 06:33 IST

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भारत की अमेरिका को दो टूक- हमें नहीं चाहिए F-35; अपने जिगरी यार पर भरोसा!

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