Last Updated:June 04, 2025, 14:58 IST
Indus Waters Treaty: पहलगाम अटैक के बाद भारत ने पाकिस्तान पर सबसे पहले डिप्लोमेटिक अटैक किया था. सिंधु जल समझौते को सस्पेंड कर दिया गया. भारत की यह चोट इस्लामाबाद को नूर खान एयरबेस को तबाह करने से भी ज्याद...और पढ़ें

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सिंधु जल समझौते के सस्पेंड होने से बौखलाए हुए हैं. (फोटो: पीटीआई)
सिंधु जल समझौता के स्थगित करने के भारत के कदम से पाकिस्तान के होश उड़े हुए हैं. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पूरी तरह से बौखलाए हुए हैं. यही वजह है कि उन्होंने दशकों पुराने डायमर-भाषा डैम का काम जल्द से जल्द पूरा करने की बात कही है, ताकि पाकिस्तान की वॉटर स्टोरेज कैपेसिटी को बढ़ाया जा सके. शहबाज सरकार ने इसके लिए जारी फंड को भी बढ़ा दिया है.
नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच तनाव के बीच भारत द्वारा 1960 की सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को निलंबित करने के फैसले ने पाकिस्तान को आपातकालीन मोड़ में ला दिया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने डायमर-भाषा डैम के निर्माण में तेजी लाने का निर्देश दिया है. पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम शरीफ ने मंगलवार को कोर मुख्यालय पेशावर में दिए गए अपने भाषण में जल सुरक्षा को लेकर चिंता जताई और प्रांतों से कहा कि वे वॉटर स्टोरेज की क्षमता बढ़ाने के उपाय सुझाएं. उन्होंने कहा कि भारत के इस कदम से पाकिस्तान की पानी पर निर्भरता और उसकी जल प्रबंधन प्रणाली की कमजोरी उजागर हुई है.
भारत ने यह फैसला 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद लिया था, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) शामिल थी. इसके बाद भारत ने संधि को ‘अस्थायी रूप से स्थगित’ कर दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपने पहले संबोधन में साफ किया कि जब तक पाकिस्तान आतंकियों पर सख्त कार्रवाई नहीं करता, तब तक सिंधु जल संधि पर कोई वार्ता नहीं होगी. उन्होंने कहा कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते.
इस संधि के तहत भारत को पूर्वी नदियों (सतलुज, ब्यास और रावी) का पूर्ण उपयोग मिला था, जबकि पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम और चिनाब) से पानी मिलता रहा है. लेकिन, अब भारत ने बाढ़ की चेतावनी और कृषि से संबंधित जल आंकड़े साझा करना भी बंद कर दिया है. भारत की यह रणनीति न केवल पाकिस्तान पर दबाव बनाने का तरीका है, बल्कि इससे देश के भीतर हाइड्रोपावर प्लांट्स के जलाशयों को बार-बार भरकर और फ्लशिंग के जरिए ऊर्जा उत्पादन को भी बढ़ाया जा सकेगा.
पाकिस्तान की जल सुरक्षा पर संकट के बीच शहबाज़ शरीफ ने कहा कि डायमर-भाषा डैम को शीघ्र पूरा करना जरूरी है, ताकि बिजली उत्पादन और जल भंडारण की समस्या को हल किया जा सके. यह डैम 1980 के दशक से प्रस्तावित है, लेकिन भू-स्थान, पर्यावरणीय प्रभाव और वित्तीय संकट जैसी वजहों से इसका निर्माण अटका रहा.
हालांकि, पाकिस्तान सरकार अब वित्तीय संकट के चलते जल और ऊर्जा क्षेत्र का बजट भी घटाने जा रही है. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में पानी क्षेत्र का बजट 135 अरब रुपये से घटाकर 109 अरब रुपये किया जा सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों से पाकिस्तान को 135 मिलियन एकड़ फीट पानी मिलता है, जिसका 93% वह कृषि में उपयोग करता है. ऐसे में भारत के फैसले ने पाकिस्तान के लिए एक बड़े जल संकट की चेतावनी दे दी है.
भारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखें
Location :
New Delhi,Delhi