India-Vietnam Brahmos Missile Deal: फिलीपींस के बाद अब वियतनाम के भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने की डील अंतिम रूप देने के करीब पहुंच गई है और संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही यह फाइनल हो सकती है. भारत और वियतनाम 700 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी करीब 5951 करोड़ रुपये के ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम सौदे पर हस्ताक्षर करने के सबसे करीब पहुंच गआ हैं. इस सौदे पर कुछ ही महीनों में हस्ताक्षर हो सकते हैं और यह पता चला है कि वियतनामी रक्षा मंत्रालय द्वारा प्रारंभिक तकनीकी-वाणिज्यिक विवरण पहले ही साझा और चर्चा किए जा चुके हैं. इसके तहत वियतनामी सेना और नौसेना दोनों से ऑर्डर मिलने की उम्मीद है.
फिलीपींस के बाद दूसरा देश बनेगा वियतनाम
यदि भारत और वियतनाम के बीच ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने की डील फाइनल हो जाती है तो वियतनाम, फिलीपींस के बाद भारत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल खरीदने वाला दूसरा देश बन जाएगा. समझा जाता है कि वियतनाम कुछ समय से ब्रह्मोस एयरोस्पेस (बीएपीएल) से मसौदा समझौते का इंतजार कर रहा है, जिसमें अंतिम सौदे की राशि, डिलीवरी की समयसीमा, भुगतान की शर्तें आदि शामिल हैं.
किसी भी मौसम में लॉन्च की जा सकती है मिसाइल
ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. ब्रह्मोस मिसाइल को ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा विकसित किया गया है, जो भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और रूस के एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया के बीच सहयोग है. यह मिसाइल पनडुब्बियों, जहाजों, विमानों या जमीन से कई तरह से लॉन्च की जा सकती है. यह मिसाइल ध्वनि से करीब तीन गुना ज्यादा रफ्तार से चलती है और इसकी उड़ान सीमा 290 किलोमीटर है. यह मिसाइल 'फायर एंड फॉरगेट' सिद्धांत पर काम करती है. यानी, लॉन्च करने के बाद इसे मार्गदर्शन की जरूरत नहीं होती और यह अपने टारगेट को हिट करती है. यह मिसाइल किसी तरह के मौसम में दिन के अलावा रात में भी लॉन्च की जा सकती है.
रक्षा संबंधों को मजबूत कर रहे भारत-वियतनाम
भारत और वियतनाम रक्षा संबंधों को मजबूत कर रहे हैं. इस सप्ताह की शुरुआत में वियतनाम अंतर्राष्ट्रीय रक्षा एक्सपो VIDE24 में भारत मंडप का उद्घाटन वियतनाम के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री जनरल लुओंग टैम क्वांग, भारतीय सचिव-रक्षा उत्पादन संजीव कुमार और वियतनाम में भारतीय राजदूत संदीप आर्य ने संयुक्त रूप से किया. VIDE24 में भारत सहित नवीनतम वैश्विक रक्षा प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया गया. भारत से ब्रह्मोस एयरोस्पेस, DRDO, HAL और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के साथ प्रदर्शकों में से एक था.