मदद के नाम पर वो इन्फ्लुएंसर दुनियाभर से फंडिंग मांगता था, 24 घंटे में कैसे गिरा दी नेपाल सरकार?

5 hours ago

नेपाल में स्टूडेंट्स के हिंसक प्रदर्शन के 24 घंटे के भीतर प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का इस्तीफा हो गया है. सभी मंत्रियों ने भी पद छोड़ दिया है. यह कोशिश उग्र हो चुके आंदोलन को शांत करने की है. आज टीवी पर प्रसारित वीडियो में दिखाया गया कि नेपाल के वित्त मंत्री को प्रदर्शनकारियों ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा. उन्हें लात मारी गई. हेलिकॉप्टर से कई वरिष्ठ मंत्रियों को घर से निकाला गया. पीएम और राष्ट्रपति के निजी घरों को निशाना बनाया गया. दोपहर ढाई बजे के करीब नेपाल की संसद को भी युवाओं की भीड़ ने फूंक दिया. मतलब इस समय नेपाल में घनघोर अशांति है. दुनियाभर के लोगों के मन में सवाल है कि मालदीव, श्रीलंका, बांग्लादेश के बाद अब भारत के पड़ोसी नेपाल में ये क्या हो रहा है? पढ़ने वाले लड़के और लड़कियों का लीडर कौन है जिसने नेपाल सरकार को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया. थोड़ा सर्च करने पर 'हामी नेपाल' एनजीओ का नाम सामने आता है. इसका अगुआ महज 36 साल का है और वह 10 साल से इस एनजीओ को चला रहा है. 

गौर करने वाली बात यह है कि इस प्रोटेस्ट में युवाओं के कई संगठन शामिल हैं लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा जिस लड़के की हो रही है वो एक इन्फ्लुएंसर है. महीन बाल, हल्की दाढ़ी वाले इस युवा का नाम है- सुदन गुरुंग. इनके इंस्टाग्राम पेज पर जाएंगे तो फिल्मी एक्टर वाला स्वैग दिखेगा. प्रोफाइल में इन्होंने खुद को नेपाली/एंडवेंचरर/ट्रवेलर/डीजे/एंटरप्रेनर लिखा है लेकिन असल में यह दुनियाभर से फंड जुटाने का काम करते आ रहे हैं. हामी नेपाल के संस्थापक सुदन गुरुंग ही हैं. 

आप इनका सोशल मीडिया पोस्ट खंगालेंगे तो पता चलता है कि केआईआईटी भुवनेश्वर में नेपाली छात्रा की मौत से लेकर कोरोना महामारी, भूकंप, भ्रष्टाचार पर अपने विचार रखने के साथ यह नेताओं और सेना के अधिकारियों से काफी मिलते जुलते रहते थे. नेपाल में ट्रवेल एजेंसी के काले कारनामे का खुलासा हो या कोई दूसरा ज्वलंत मुद्दा हामी नेपाल ने धीरे-धीरे देश के लोगों के दिलों में अपनी जगह बना ली. 

Add Zee News as a Preferred Source

एक पोस्ट में गुरुंग के फोटो के साथ उनके बारे में विस्तार से लिखा गया है. इसमें बताया जाता है कि सुदन गुरुंग एक समर्पित परोपकारी हैं, जो लोगों की मदद करते रहते हैं. उन्होंने पिछले 10 वर्षों के दौरान आपदा राहत, सामाजिक सेवाएं और आपातकालीन सहायता प्रदान करने वाली एक गैर-लाभकारी संस्था हामी नेपाल के माध्यम से संसाधन जुटाया है. वह दुनियाभर के देशों से जुटाए गए फंड को मैनेज करते हैं, दान जुटाने के साथ उसे बाढ़, भूस्खलन और भूकंप से प्रभावित समुदायों में बांटते हैं. अब आप सोचिए, जो शख्स विस्थापित परिवारों को 10 साल से भोजन, कपड़े, कंबल और दवाइयां बांटता दिखा हो उसके साथ जनता का सपोर्ट किस कदर होगा. 

हां, यही वजह थी कि 8 सितंबर को प्रोटेस्ट के एक आह्वान पर फिल्मी हस्तियों से लेकर तमाम युवा खुलकर सड़कों पर आ गए. फिल्मी हस्तियों और कुछ प्रबुद्ध वर्गों की तरफ से फंडिंग की गई थी. संकट के समय जल्द से जल्द से मदद जुटाने की गुरुंग की क्षमता ने हामी नेपाल को नेपाल के घर-घर में मशहूर कर दिया. 

Read Full Article at Source