Last Updated:June 24, 2025, 13:35 IST
Delhi Classroom Scam: दिल्ली स्कूल क्लासरूम घोटाले में एसीबी की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. यह मामला दिल्ली में 12,748 अर्ध-स्थायी क्लासरूम बनाए जाने से जुड़ा है. इसकी शुरुआती लागत 860 करोड़ रुपये आंकी गई थी, ...और पढ़ें

दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन ने क्लास रूम घोटाला मामले में बड़ा दावा किया है.
हाइलाइट्स
दिल्ली क्लासरूम घोटाले की ACB की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है.मनीष सिसोदिया और सत्येंद जैन ने इस मामले में PWD अधिकारियों को दोषी ठहराया.PWD इंजीनियरों ने सिसोदिया और जैन के निर्देशों पर काम होने का दावा किया.दिल्ली सरकार के स्कूलों में क्लासरूम बनाने में हुए कथित घोटाले की जांच कर रही एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) की पूछताछ में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन ने बड़ा दावा किया है. सूत्रों के अनुसार, आम आदमी पार्टी (AAP) के दोनों नेताओं ने निर्माण लागत में हुई बेतहाशा बढ़ोतरी के लिए पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि, दूसरी ओर एसीबी के पास मौजूद दस्तावेज कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं. पूछताछ में शामिल पीडब्लूडी के इंजीनियरों ने दावा किया है कि परियोजना में हुए बदलाव और लागत में बढ़ोतरी सीधे तौर पर सिसोदिया और जैन के निर्देश पर हुई थी.
यह मामला दिल्ली सरकार के उस प्रोजेक्ट से जुड़ा है, जिसके तहत 12,748 अर्ध-स्थायी (Semi-Permanent Structures) क्लासरूम बनाए जाने थे. इसकी शुरुआती लागत 860 करोड़ रुपये आंकी गई थी, लेकिन यह कथित रूप से बिना नई निविदाएं निकाले और वित्तीय नियमों की अनदेखी करते हुए 2,800 करोड़ से अधिक पहुंच गई.
एसीबी की क्या में क्या पता चला?
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एसीबी की जांच में पता चला है कि इस प्रोजेक्ट में कुल 16 प्रारंभिक अनुमानों को मिलाकर 63 छोटे-छोटे टेंडर में बांट दिया गया था, ताकि बड़ी निविदा से बचा जा सके. पूछताछ के दौरान मनीष सिसोदिया ने कहा कि 8 अगस्त 2015 को हुई बैठक की अध्यक्षता पीडब्लूडी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने की थी और सभी फैसले अधिकारी स्तर पर लिए गए होंगे. उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों से अनुमति लेने की जिम्मेदारी भी संबंधित अधिकारियों की थी और उन्हें विश्वास है कि सभी नियमों का पालन किया गया होगा.
रिपोर्ट के मुताबिक, जब सिसोदिया से पूछा गया कि सभी अनुमानों को एकसाथ क्यों नहीं रखा गया, तो उन्होंने कहा कि यह कार्यक्षेत्र से जुड़े अधिकारियों से ही पूछा जाना चाहिए. उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें उस निजी फर्म की जानकारी नहीं है, जिस पर महंगे मटीरियल सुझाने का आरोप है.
क्या बोले सत्येंद्र जैन?
वहीं सत्येंद्र जैन ने भी खुद को इससे अलग बताते हुए कहा कि पीडब्लूडी खाली जगहों पर SPS क्लासरूम बना रहा था और शिक्षा विभाग ने छात्रों की सुविधा के लिए बेहतर क्वालिटी की मांग की थी, जैसे कि विट्रिफाइड टाइल्स, कोटा स्टोन और ब्रिक क्लैडिंग. उन्होंने भी फर्म से किसी संबंध से इनकार किया. लेकिन पीडब्लूडी के एक प्रोजेक्ट मैनेजर की गवाही एसीबी के पास दर्ज है, जिसमें उन्होंने बताया कि सत्येंद्र जैन के मौखिक निर्देश पर पांच स्कूलों में 42.5 करोड़ रुपये के काम बिना टेंडर के कराए गए. उन्होंने दावा किया कि जैन ने खुद स्थायी भवनों की जगह SPS निर्माण को मंजूरी दी और साइट विजिट से लेकर फोन कॉल और प्रेजेंटेशन तक सभी चीजों की निगरानी की.
पीडब्लूडी अधिकारी ने यह भी बताया कि 21 जून 2016 को जैन के चैंबर में एक फर्म की तरफ से प्रेजेंटेशन दिखाया गया, जिसमें बाद में क्लासरूम के सैंपल मॉडल को भी उन्हीं ने साइट पर जाकर स्वीकृति दी. एसीबी के रिकॉर्ड के मुताबिक, एक अन्य वरिष्ठ इंजीनियर ने अपने बयान में बताया कि जैन और सिसोदिया दोनों ही समय-समय पर निर्माण में बदलाव को मंजूरी देते थे.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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Location :
New Delhi,Delhi