Last Updated:July 16, 2025, 16:37 IST
Mamata Banerjee Kolkata Rally: ममता बनर्जी ने बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमान के खिलाफ सरकार के एक्शन और SIR पर चुनाव आयोग की कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए इसे बंगाली अस्मिता से जोड़ने का प्रयास किया. उन्होंन...और पढ़ें

ममता बनर्जी ने बीजेपी पर हमला बोला. (File Photo)
हाइलाइट्स
ममता बनर्जी ने कोलकाता में हुई रैली में बंगाली अस्मिता का मुद्दा उठायाममता बनर्जी ने कहा बांग्लादेशी-रोहिंग्या के मुद्दे पर बीजेपी को घेराममता की रणनीति बीजेपी को महाराष्ट्र की स्तर पर बैकफुट पर धकेल पाएगी?नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कोलकाता में आज एक रैली को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर बंगाली भाषियों को “बांग्लादेशी रोहिंग्या” कहकर अपमानित करने और उन्हें डिटेंशन सेंटर में डालने का आरोप लगाया. ममता ने चेतावनी दी कि अगर बीजेपी बंगालियों को हिरासत में भेजती है, तो बंगाल 2026 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को “राजनीतिक रूप से हिरासत” में लेगा. बड़ा सवाल यह है कि क्या ममता बनर्जी महाराष्ट्र की स्तर पर ही बंगाल में भी बीजेपी को बंगाली अस्मिता का मुद्दा उठाते हुए बीजेपी को बैकफुट पर धकेल पाएगी.
क्या बोलीं ममता बनर्जी?
ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल के नागरिकों के पास वैध पहचान पत्र हैं और प्रवासी मजदूर अपनी काबिलियत के कारण अन्य राज्यों में काम कर रहे हैं. ममता ने बीजेपी को चुनौती दी कि वे साबित करें कि बंगाली भाषी रोहिंग्या हैं, जो म्यांमार के निवासी हैं. उन्होंने बंगाल में संभावित मतदाता सूची संशोधन को भी “बंगाली अस्मिता” पर हमला बताकर इसका कड़ा विरोध करने की बात कही. ममता की यह रणनीति बंगाली अस्मिता को केंद्र में रखकर बीजेपी को घेरने की है, जैसा कि महाराष्ट्र में मराठी अस्मिता के मुद्दे पर बीजेपी को बैकफुट पर लाने में शिवसेना और अन्य स्थानीय दलों ने किया था.
महाराष्ट्र में भारी पड़ा विपक्ष!
महाराष्ट्र में बीजेपी ने स्कूलों में मराठी के साथ-साथ हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में लागू करने की कोशिश की थी, लेकिन मराठी भाषा और संस्कृति को प्राथमिकता देने की मांग के आगे उसे पीछे हटना पड़ा. शिवसेना और अन्य दलों ने मराठी अस्मिता को जोर-शोर से उठाया. ऐसे में बीजेपी को अपनी नीति बदलनी पड़ी. ऐसा इसलिए क्योंकि मराठी भाषियों के बीच नाराजगी बढ़ रही थी. ममता भी इसी तरह बंगाली अस्मिता को हथियार बनाकर बीजेपी को निशाना बना रही हैं.
‘विधानसभा चुनाव में सबक सिखाएगी जनता’
ममता बनर्जी ने आज अपनी रैली में बंगाली भाषियों के साथ कथित भेदभाव सहित ओडिशा, दिल्ली और महाराष्ट्र में हिरासत और उत्पीड़न का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा, “बंगाली बोलना अपराध नहीं है. क्या पश्चिम बंगाल भारत का हिस्सा नहीं है? यह भावनात्मक अपील बंगाल के मतदाताओं को एकजुट करने की कोशिश है. बीजेपी का आरोप है कि ममता अवैध प्रवासियों को बचाने के लिए यह मुद्दा उठा रही हैं, लेकिन ममता इसे बंगाल के सम्मान से जोड़ रही हैं. 2026 के विधानसभा चुनावों में यह मुद्दा निर्णायक हो सकता है.
ममता की अपील का कितना होगा असर?
अब देखना होगा कि जैसे महाराष्ट्र में मराठी अस्मिता ने बीजेपी को रणनीति बदलने पर मजबूर किया था क्या वैसे ही बंगाल में भी होगा. इसपर कुछ भी कह पाना फिल्हाल जल्बाजी होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि बांग्लादेशी और रोहिग्याओं को मुद्दा उठाकर बीजेपी को कई राज्यों में राजनीतिक तौर पर फायदा मिला है. क्या ममता की यह रणनीति बीजेपी को रक्षात्मक रुख अपनाने के लिए बाध्य कर सकती है? इस सवाल का जवाब वक्त ही दे पाएगा.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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