अब पोलैंड बनेगा जंग का मैदान, रूस के खिलाफ लड़ाकू विमान भेजने लगे NATO देश

1 month ago

Poland News: रूस और यूक्रेन में कई सालों से जंग चल रही है. दोनों देश एक दूसरे के ऊपर आग के गोले बरसा रहे हैं. इस जंग को खत्म करने की लगातार पहल भी की जा रही है इसके बावजूद भी बमबारी चालू है. इस जंग में कई निर्दोष लोगों की जान चली गई है, अब यूक्रेन से 529 किमी दूर पोलैंड में भी जंग की सुगबुगाहट होने लगी है. रूस के कई ड्रोन पोलिश में देखे गए जिसे मार गिराया गया. जैसे ही ये खबर दुनिया में फैली तो नाटो के देश रूस के खिलाफ पोलैंड को बचाने के लिए उतर गए हैं और कई लड़ाकू विमान भेज दिए हैं.

पोलैंड को बचाने उतरा नाटो
रूस के खिलाफ पोलैंड को बचाने के लिए डेनमार्क, फ्रांस और जर्मनी उतर आया है. पोलैंड को मजबूत करने के लिए एक मिशन चलाया जा रहा है. जिसमें डेनमार्क 2 एफ-16 फाइटर जेट, एक एंटी-एयर वारफेयर फ्रिगेट, फ्रांस अपने 3 राफेल फाइटर जेट और जर्मनी 4 यूरोफाइटर जेट भेजेगा. इसके अलावा इटली और नीदरलैंड भी पोलैंड के समर्थन में उतर आया है. उसने पहले ही  F-35A स्टील्थ फाइटर जेट भेज दिए हैं, जो एस्टोनिया और पोलैंड में तैनात किए गये हैं. अमेरिका भी पोलैंड के समर्थन में उतर गया है. ये तैनाती इसलिए की गई है ताकि कोई भी अनहोनी हो तो जंग में पोलैंड की रक्षा की जा सके. 

'हमें नासमझ नहीं बनना चाहिए'
रूसी ड्रोन की सीमा लांघने के बाद पोलिश प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से हम खुले संघर्ष के सबसे करीब पहुंचे हैं. इसके अलावा डेनमार्क के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि वह पोलैंड की वायु रक्षा के लिए दो F-16 लड़ाकू विमानों के साथ-साथ एक युद्धपोत भी देगा. डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने कहा कि हमें नासमझ नहीं बनना चाहिए. पुतिन किसी भी हद तक जा सकते हैं और वह हमारी परीक्षा ले रहे हैं. इसलिए पोलैंड की रक्षा के लिए डेनमार्क योगदान दे रहा है. 

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रूस ने खारिज किया आरोप
पोलैंड का आरोप है रूस ने कई ड्रोन से पोलैंड पर हमला किया जिसके बाद पोलैंड ने कई ड्रोन को मार गिराया. हालांकि रूस का कहना है कि उसने पोलैंड को निशाना नहीं बनाया, संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वासिली नेबेंज़िया ने कहा इस हमले में इस्तेमाल किए गए ड्रोन की अधिकतम सीमा 700 किलोमीटर से ज़्यादा नहीं थी, जिससे उनका पोलिश क्षेत्र तक असंभव है. अगर ऐसा हुआ है तो रूस पोलैंड से चर्चा करने के लिए तैयार है. जबकि बेलारूस ने कहा कि रूस के नेविगेशन सिस्टम जाम होने के बाद ड्रोन रास्ते से भटक गए थे. 

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