Last Updated:October 19, 2025, 17:41 IST
Bihar Chunav RJD Madan Shah Protest: आरजेडी के मदन साह ने मधुबन सीट पर टिकट न मिलने पर लालू यादव के आवास के बाहर भावुक प्रदर्शन किया. साह ने तेजस्वी यादव के करीबी संजय यादव व इंजीनियर सुनील पर टिकट बेचने का आरोप लगाया.

पटना. ‘जा रहे हैं मर जाएंगे. लालू यादव बोले थे हमक टिकट देने के लिए. मधुबन विधानसभा से हैं. बाप रे बाप 2020 में 2000 वोट से हमको हराया गया. लालू यादव बोले बौआ तू लड़ियो इलेक्शन, बाप रे बाप हम मर जाएंगे. बेटा-बेटी की शादी हम नहीं किए. दलाल को जो टिकट दिया है. संजय यादव अरे बाप रे बाप 2 करोड़ 17 लाख रुपया लिया है. संजय यादव और इंजीनियर सुनील ने पैसा लिया है. लालू जी हमारे गुरु हैं, गुरु हैं. लालू जी के लिए प्राण दे देंगे.’ बिहार चुनाव की गहमागहमी के बीच राजनीति के नेपथ्य में दबे एक कार्यकर्ता का दर्द उस वक्त फूट पड़ा, जब उसे उसकी निष्ठा का फल नहीं मिला. आरजेडी के वरिष्ठ कार्यकर्ता और मधुबन विधानसभा सीट से प्रबल दावेदार मदन शाह ने टिकट नहीं मिलने पर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के आवास के बाहर एक ऐसा मार्मिक प्रदर्शन किया, जो कार्यकर्ताओं के बलिदान और पार्टी के आंतरिक भ्रष्टाचार के खिलाफ एक जोरदार चीख बनकर सामने आया.
लालू आवास के गेट के ठीक बाहर, मदन शाह ने अपना कुर्ता फाड़ लिया, जमीन पर लेटकर रोए और दर्द भरे शब्दों में पार्टी नेताओं पर सीधे आरोप लगाए. रोते हुए शाह ने कहा, ‘बाप रे बाप! जा रहे हैं मर जाएंगे. लालू यादव बोले थे हमको टिकट देने के लिए… 2020 में 2000 वोट से हमको हराया गया. लालू यादव बोले बौआ तू लड़ियो इलेक्शन. बेटा-बेटी की शादी हम नहीं किए. लेकिन दलाल ने टिकट बेच दिया.’
हे राम..
ये माना की “लालू एंड कंपनी” का तो पारिवारिक व्यवसाय है।
पर हरियाणा के यादव जी तो डाकू निकले,हरियाणा में इस तरह के भी यादव होते है..?🥺
आरजेडी कार्यकर्ता का दर्द
मदन शाह ने रोते हुए आरोप लगाया कि पार्टी के भीतर मौजूद कुछ दलालों ने मधुबन सीट का टिकट 2 करोड़ 70 लाख रुपये लेकर बेच दिया. उन्होंने संजय यादव और इंजीनियर सुनील जैसे कुछ नेताओं पर सीधे तौर पर पैसा लेने का आरोप लगाया. शाह का कहना था कि उन्होंने पैसा नहीं दिया, इसलिए उनका टिकट काट दिया गया.
क्या अब राजनीति सिर्फ पैसेवालों के लिए है?
यह विवाद सिर्फ एक व्यक्ति के टिकट कटने का नहीं है, बल्कि यह उन हजारों कार्यकर्ताओं के दर्द को बयां करता है, जो बिना किसी व्यक्तिगत लाभ के वर्षों तक पार्टी की सेवा करते हैं. शाह ने लालू यादव के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त करते हुए कहा, ‘लालू जी हमारे गुरु हैं, गुरु हैं. लालू जी के लिए प्राण दे देंगेट. इस तरह के बयान कार्यकर्ता और शीर्ष नेतृत्व के बीच के भावनात्मक संबंध को दर्शाते हैं, लेकिन जब टिकट बंटवारे में पैसे का खेल होता है तो यह संबंध टूटता हुआ दिखाई देता है.
कार्यकर्ताओं के इस तरह सड़क पर आने से आरजेडी के सीएम फेस तेजस्वी यादव की ‘नई आरजेडी’ और ‘रोजगार की बात’ वाली छवि को गंभीर झटका लगता है. तेजस्वी यादव पार्टी को पारंपरिक लालू युग की छवि से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन टिकट बंटवारे में भ्रष्टाचार के आरोप और कार्यकर्ताओं के आंसू उनके अरमानों पर पानी फेर सकते हैं. मदन शाह का दर्द केवल एक व्यक्ति का दुख नहीं है, बल्कि यह बिहार की उस कार्यकर्ता संस्कृति का प्रतीक है, जहां वर्षों की तपस्या के बाद भी सिद्धांतों पर पैसा हावी होता दिखाई देता है. यदि आरजेडी शीर्ष नेतृत्व इन आरोपों पर तुरंत कार्रवाई नहीं करता है तो निश्चित रूप से इस कार्यकर्ता का दर्द, मधुबन विधानसभा के मतदाताओं के निर्णय को प्रभावित करेगा और पूरे राज्य में एक नकारात्मक संदेश जाएगा.
रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...
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First Published :
October 19, 2025, 17:41 IST