Last Updated:August 08, 2025, 14:28 IST
What is DA Rule : सरकारी कर्मचारियों को हर 6 महीने में महंगाई भत्ते का इंतजार रहता है. लेकिन, अगर सरकार इसका भुगतान न करे तो क्या कर्मचारी इसे चैलेंज कर सकते हैं. सवाल ये है कि क्या डीए कर्मचारियों का अधिकार...और पढ़ें

नई दिल्ली. महंगाई भत्ता (DA) पाना क्या कर्मचारियों का अधिकार है या फिर यह सरकार की कृपा पर निर्भर करता है. निजी कर्मचारियों को भी यह अलाउंस कुछ कंपनियां देती हैं, लेकिन सरकारी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ने का यह एक बड़ा जरिया होता है. केंद्र और राज्य के लाखों कर्मचारियों को हर 6 महीने बाद अपनी सैलरी में महंगाई भत्ता बढ़ने का इंतजार रहता है. लेकिन, सवा यह उठता है कि क्या सरकार इस महंगाई भत्ते को रोक भी सकती है या फिर यह कर्मचारियों का अधिकार होता है और सरकार के लिए इसका भुगतान करना जरूरी होता है. फिलहाल इस मुद्दे पर बहस सुप्रीम कोर्ट में जारी है.
पश्चिम बंगाल सरकार और वहां के कुछ कर्मचारियों के बीच महंगाई भत्ते को लेकर सु्प्रीम कोर्ट में मुकदमा चल रहा है. शीर्ष अदालत ने अभी तक इस पर अपना फैसला तो नहीं दिया है, लेकिन कर्मचारी संगठनों का कहना है कि उनके लिए महंगाई भत्ता जरूरी किया जाना चाहिए. सरकारी कर्मचारियों को हर 6 महीने पर महंगाई दर के आधार पर डीए का भुगतान किया जाता है. फिलहाल सभी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है, लेकिन इससे पहले यह जानते हैं कि क्या कर्मचारियों को डीए मिलना उनके अधिकार का हिस्सा होता है.
क्या कहता है डीए का नियम
अखिल भारतीय सेवाओं (महंगाई भत्ता) नियम, 1972 साफ कहता है कि अगर किसी कर्मचारी की सेवा शर्तों में महंगाई भत्ता देने का प्रावधान शामिल है, तो सरकार को निश्चित रूप से इसका भुगतान करना होगा. हालांकि, सेवा की शर्तों में डीए के भुगतान की शर्तें भी शामिल होती हैं और इसका निपटारा इन्हीं शर्तों के अधीन किया जाना जरूरी होता है. इस बारे में कार्मिक मंत्रालय ने भी 2 जुलाई, 1997 को एक आदेश देशभर के राज्यों और लेखा महानियंत्रक को जारी किया था. इसमें साफ कहा गया था कि भारतीय सेवा नियम के अधीन आने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से महंगाई भत्ते का भुगतान किया जाना चाहिए. इस बारे में किसी भी विवाद पर फैसला लेने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार को होगा.
डीए अधिकार या फिर कृपा
महंगाई भत्ता कर्मचारियों का अधिकार है या फिर सरकार की कृपा. इस सवाल का जवाब स्पष्ट नहीं है, क्योंकि एक तरफ तो सरकार ने इसे सेवा नियमों के अधीन कर्मचारियों को भुगतान करना अनिवार्य किया है. डीए को सरकारी कर्मचारियों की सैलरी का हिस्सा माना जाता है. लिहाजा इसका भुगतान उन्हें आवश्यक रूप से किया जाना चाहिए. लेकिन, इसी सेवा नियम में सरकार ने एक नियम भी जोड़ा है कि सरकार महंगाई भत्ते का भुगतान अपनी हालात के आधार पर कर सकती है. इससे जाहिर होता है कि कुछ हद तक महंगाई भत्ता पाना सरकार की कृपा पर भी निर्भर करता है.
कर्मचारियों को कब नहीं मिलता महंगाई भत्ता
सर्विस रूल्स की शर्तों में कई ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जब किसी कर्मचारी को महंगाई भत्ता नहीं देने का अधिकार सरकार के पास होता है. इसमें साफ कहा गया है कि कुछ विशेष परिस्थितियों में महंगाई भत्ते को रोका जा सकता है.
क्या सरकार को चैलेंज कर सकते हैं कर्मचारी
अगर आपात स्थिति और सर्विस रूल्स में दिए गए नियमों से इतर किसी अन्य वजह से सरकार ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को रोका तो कर्मचारी उसे चैलेंज कर सकते हैं. इस मामले में कर्मचारी अपने नियोक्ता के खिलाफ श्रम कानून और सेवा नियमों के तहत चुनौती दे सकते हैं. इसकी शिकायत प्रशासनिक न्यायालय अथवा श्रम न्यायालय में शिकायत दर्ज करा सकते हैं. यहां से राहत नहीं मिलने पर वह अदालत का दरवाजा भी खटखटाया जा सकता है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 08, 2025, 14:28 IST