Last Updated:March 18, 2025, 12:45 IST
Priyanka Gandhi Sonia Gandhi Question in Parliament: प्रियंका गांधी ने लोकसभा में वायनाड के किसानों की समस्याओं पर सवाल उठाए, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जवाब में कहा कि केंद्र सरकार किसी राज्य के साथ भेदभ...और पढ़ें

प्रियंका और सोनिया गांधी ने पूछा था सवाल. (Sansad TV)
हाइलाइट्स
प्रियंका गांधी ने वायनाड के किसानों की समस्याओं पर सवाल उठाए.शिवराज सिंह चौहान ने कहा, केंद्र सरकार किसी राज्य के साथ भेदभाव नहीं करती.केंद्र सरकार हर आपदा में राज्यों को मदद करती है.Priyanka Gandhi Sonia Gandhi Question in Parliament: संसद में बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान आज लोकसभा में प्रियंका गांधी और राज्यसभा में उनकी मां सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार से सवाल पूछे. प्रियंका ने वायनाड में प्राकृतिक आपदा के बाद वहां के किसानों से जुड़ा सवाल कृषि मंत्री से पूछा. वहीं, मां के सवाल मनरेगा से जुड़े थे. प्रिंयका के जवाब में शिवराज सिंह चौहान से साफ कर दिया कि पीएम मोदी और केंद्र सरकार किसी राज्य के साथ भेदभाव नहीं करती है. उन्होंने आंध्र प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि दिक्कत हुई तो मैं खुद वहां गया था.
प्रियंका गांधी का सवाल
प्रियंका गांधी ने पूछा कि विदर्भ के पैकेज के दौरान केरल के तीन जिलों को भी जोड़ा गया. वायनाड़ में 2024 में आई प्रलह को देखते हुए क्या मंत्रालय वायनाड़ को लेकर कोई स्पेशन रिव्यू करने जा रहा है. इसके अलावा केरल के रबड़ किसान द्वारा फेस की जा रही परेशानियों को देखते हुए सरकार कोई कदम उठा रही है. साथ ही क्या उन्हें एमएसपी के दायरे में लाया जा सकता है. मिची के दामों में उथल-पुथल को देखते हुए मंत्रालय के पास कोई स्पेशल प्लान है क्या? उन्होंने कहा कि मोहदय ने उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री जी की किसानों के प्रति कितनी हमदर्दी है. प्रधानमंत्री जीत खुद वायनाड़ गए थे. उन्होंने खुद किसानों की पीड़ा देखी. मैं उनसे आग्रह करना चाहता हूं कि वो केरल और वायनाड़ के किसानों के प्रति भी हमदर्दी दिखाएं.
शिवराज सिंह चौहान का जवाब
प्रियंका के सवाल के बाद शिवराज सिंह चौहान खड़े हुए. उन्होंने कहा कि किसान किसान हैं, वो चाहे केरल का हो या कर्नाटक का हो. भेदभाव का कोई सवाल नहीं है. मैं यह निवेदन करना चाहता हूं कि जब इस तरह की आपदाएं आती हैं तो केंद्र सरकार हर राज्य एसबीआरएफ के तहत राज्यों को राशि आवंटित करता है. प्लानिंग कमिशन अनुशंसा करता है, उसके आधार पर ही ऐसा किया जाता है. और उसमें 75 प्रतिशत हिस्सा केंद्र का होता है और 25 प्रतिशत राशि राज्य की होती है. जब ऐसी आपदा आती है तो उस राशि का राज्य उपयोग करते हैं लेकिन बावजूद इसके कोई बड़ी प्राकृतिक आपदा आती है तो केंद्र सरकार विशेष टीम भेजती है.
‘मैं खुद आंध्र प्रदेश गया गया’
शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि आंद्र प्रदेश और तेजंगाना में दिक्कत हुई थी. अत्यंत बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति पैदा हुई थी. केंद्रीय टीम वहां गई थी. मैं भी वहां या था. वहां हमने स्थिति का आकलन भी किया था. रिपोर्ट भी समिट की थी. इसके आधार पर फिर एनडीआरएफ की राशि राज्य सरकारों को दी जाती हें. केरल को भी एनडीआरएफ के तहत 138 करोड़ रुपये दिए गए थे. मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि बिना किसी भेदभाव के अगर कोई संकट आएगा तो केरल सरकार राजय सरकारों के साथ खड़ी रहेगी.
रबड़ किसानों के सवाल पर भी दिया जवाब
शिवराज सिंह ने प्रियका गांधी के आखिरी सवाल पर कहा कि उन्होंने रेट की बात पूछी. मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि पिछले दिनों चीनी के दाम कम हो गए थे. मिर्ची भी मसालों में आती है. हमने तुरंत यह निर्णय लिया कि रेट चीनी के 11 हजार रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदी जाएगी. हमने यहां से आदेश जारी किए. आपने अलग-अलग तरह के किसानों के बारे में पूछा. मैं सुपारी उत्पादक किसानों के बीच कर्नाटक गया. भयानक बीमारी के कारण वो पेड़ नष्ट हो गए. हमने स्पेशल पैकेज दिया. जहां भी प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों को दिक्कत आएगी. उनके साथ भारत सरकार खड़ी रहेगी. उनके साथ भारत सरकार खड़ी रहेगी.
राज्यसभा में क्या बोलीं सोनिया गांधी?
उधर, सोनिया गांधी ने राज्यसभा में रोजगार योजना मनरेगा को कमजोर करने के बारे में राज्यसभा में चिंता जताई. उन्होंने भाजपा सरकार पर इस योजना को व्यवस्थित रूप से कमजोर करने का आरोप लगाया। कहा गया कि केंद्रीय बजट के तहत इस योजना के लिए बहुत कम धनराशि आवंटित की गई. सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार के समक्ष पांच मांगें रखीं, जिनमें फंड में बढ़ोतरी और केंद्रीय बजट में उच्च प्राथमिकता शामिल है. कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने कहा कि बजट आवंटन 86,000 करोड़ रुपये पर स्थिर है, जो जीडीपी के प्रतिशत के रूप में 10 साल का सबसे कम है. मुद्रास्फीति के लिए समायोजित होने पर, प्रभावी बजट में 4,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई है.
सोनिया ने कई मुद्दे उठाए
सोनिया गांधी ने इसके अलावा कहा कि अनुमान बताते हैं कि आवंटित धन का लगभग 20% पिछले वर्षों के लंबित बकाये को चुकाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस प्रणाली को आधार आधारित भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) और राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली (एनएमएमएस) सहित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने योजना को बनाए रखने और विस्तार करने के लिए पर्याप्त वित्तीय प्रावधान, प्रति दिन 400 रुपये की न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि, समय पर मजदूरी का वितरण, एबीपीएस और एनएमएमएस की अनिवार्य आवश्यकताओं को हटाने और गारंटीकृत कार्य दिवसों की संख्या को 100 दिनों से बढ़ाकर 150 दिन प्रति वर्ष करने की मांग की. उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत सम्मानजनक रोजगार और वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ये उपाय आवश्यक हैं.
First Published :
March 18, 2025, 12:29 IST