Last Updated:October 03, 2025, 20:07 IST
Amir Khan Muttaqi India Visit: तालिबान सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी अगले हफ्ते भारत आएंगे. यह दोनों देशों के बीच पहला औपचारिक मंत्रीस्तरीय दौरा होगा.

नई दिल्ली: अगले हफ्ते भारत और अफगानिस्तान के रिश्तों में एक बड़ा अध्याय जुड़ने जा रहा है. तालिबान सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी 9 से 16 अक्टूबर के बीच भारत का दौरा करेंगे. यह दौरा इसलिए ऐतिहासिक है क्योंकि 2021 में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद पहली बार किसी तालिबानी मंत्री का भारत आगमन होगा. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने हाल ही में मुत्ताकी के विदेश दौरे पर लगी पाबंदी हटाई, जिसके बाद यह यात्रा संभव हो पाई है. भारत ने अब तक तालिबान सरकार को औपचारिक मान्यता नहीं दी है, लेकिन संपर्क और संवाद लगातार गहराता जा रहा है. इस यात्रा को उसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पुष्टि की कि इस दौरे के दौरान मानवीय सहायता, आतंकवाद, रणनीतिक साझेदारी और चाबहार पोर्ट जैसे अहम मुद्दों पर बातचीत होगी. इससे पहले मई में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और मुत्ताकी के बीच फोन पर बातचीत हुई थी. यह 1999–2000 के बाद पहला मौका था जब किसी भारतीय विदेश मंत्री और तालिबानी विदेश मंत्री के बीच सीधा संवाद हुआ.
भारत-तालिबान के बीच बढ़ती नजदीकियां
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत तालिबान से पूरी तरह दूरी बनाने की नीति छोड़कर अब ‘कंट्रोल्ड एंगेजमेंट’ की रणनीति अपना रहा है. हाल ही में भारत ने अफगानिस्तान को चाबहार पोर्ट के जरिए मानवीय सहायता भेजी थी और भूकंप पीड़ितों को भी राहत पहुंचाई थी. भारतीय अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने भी इस साल काबुल का दौरा किया था.
डिफेंस एक्सपर्ट का नजरिया, पाकिस्तान के लिए बुरी खबर
रक्षा विशेषज्ञ ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) हेमंत महाजन ने IANS से बातचीत में कहा कि यह दौरा भारत और तालिबान के रिश्तों में बड़ा मोड़ साबित हो सकता है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान शुरू से उम्मीद करता रहा है कि तालिबान उसके लिए ‘रणनीतिक गहराई’ (Strategic Depth) बनाएगा. यानी अफगानिस्तान को इस्तेमाल कर भारत के खिलाफ सैन्य दबाव बनाएगा. लेकिन मौजूदा हालात में तालिबान पाकिस्तान की हर मांग मानने को तैयार नहीं है.
महाजन ने कहा कि पाकिस्तान चाहता है कि उसकी एयरफोर्स अफगान एयरबेस का इस्तेमाल करे ताकि भारतीय वायुसेना के हमलों से बच सके. लेकिन तालिबान इस पर सहमत नहीं है. वहीं, ‘तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान’ (TTP) खुद पाकिस्तानी सेना पर हमले कर रहा है और खैबर-पख्तूनवा को अफगानिस्तान में मिलाने की बात करता है. यानी तालिबान और पाकिस्तान के बीच भी तनाव बढ़ रहा है.
पीओके में उबाल और भारत की रणनीतिक बढ़त
डिफेंस एक्सपर्ट ने पीओके की मौजूदा स्थिति का भी जिक्र किया. वहां अवामी एक्शन कमेटी की अगुवाई में लोग सड़कों पर उतरकर पाकिस्तान सरकार और सेना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि विधानसभा की सीटों का बंटवारा निष्पक्ष हो, प्राकृतिक संसाधनों का फायदा वहीं के लोगों को मिले और विकास के काम किए जाएं.
महाजन ने कहा कि पीओके के लोग अब भारत के कश्मीर से तुलना कर रहे हैं. भारत के कश्मीर में जहां पर्यटन और विकास तेजी से बढ़ रहा है, वहीं पीओके में बुनियादी सुविधाओं तक का अभाव है. यही वजह है कि वहां असंतोष उबाल पर है.
Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...और पढ़ें
Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...
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Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
October 03, 2025, 20:07 IST