Last Updated:April 19, 2025, 22:40 IST
Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के मामले में सुप्रीम कोर्ट 21 अप्रैल को एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर सकता है. इसमें पश्चिम बंगाल की सरकार से जवाब मांगा जा सकता है.

मुर्शिदाबाद हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट में 21 को सुनवाई होगी.(Image:PTI)
हाइलाइट्स
सुप्रीम कोर्ट 21 अप्रैल को मुर्शिदाबाद हिंसा पर सुनवाई करेगा.याचिका में एसआईटी जांच और राज्य सरकार से जवाब मांगा गया है.हिंसा में हिंदुओं को टारगेट करने का आरोप है.नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 21 अप्रैल को सुनवाई कर सकता है. यह याचिका वकील शशांक शेखर झा ने जनहित याचिका के तहत दायर की है. दायर की गई जनहित याचिका में मुर्शिदाबाद हिंसा की की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी के गठन की मांग की गई है. इसके अलावा याचिका में राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति में विफलता के लिए पश्चिम बंगाल सरकार से सफाई मांगने की मांग भी की गई है. याचिका में कहा गया है कि प्रशासन के कमजोर रवैये के चलते हिंसा हुई है.
मुर्शिदाबाद हिंसा मामले में 17 अप्रैल को कोलकाता हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी. उस दिन सुनवाई के दौरान कोर्ट में इस हिंसा से जुड़े मामले में एक रिपोर्ट पेश की गई है. सूत्र के मुताबिक इस रिपोर्ट में मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर कई बड़े खुलासे हुए हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार ने हाईकोर्ट में जो रिपोर्ट दाखिल की है, उसमें कहा गया है कि उपद्रवियों ने जानबूझकर हिंदुओं को टारगेट किया था. बंगाल सरकार की रिपोर्ट में डेट वाइज हिंसा के बारे में बताया गया है.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 8 अप्रैल को जंगीपुर में करीब 8 से 10 हजार की संख्या में भीड़ जुटी और उस दिन हिंसा में पुलिस की जान लेने की कोशिश की गई. पुलिस अधिकारी से उनकी लोडेड पिस्तौल छीनी गई. 11 अप्रैल को रघुनाथगंज औऱ शमशेर गंज में 5-5 हजार लोग जुटे और जमकर उपद्रव मचाया और 12 अप्रैल को उपद्रवियों ने हिंदुओं के घरों को टारगेट किया.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
April 19, 2025, 22:40 IST