मुल्ला मुलायम के बाद मौलाना तेजस्वी... BJP की UP-बिहार में खेल करने की तैयारी

4 hours ago

Last Updated:July 01, 2025, 12:03 IST

Bihar Chunav: तेजस्वी का वक्फ बोर्ड बयान बिहार चुनाव में एक टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है? बीजेपी की '80-20' रणनीति और 'नमाजवादी' तंज तेजस्वी की सेक्युलर छवि को नुकसान पहुंचाएगा? बीजेपी का 'मुल्ला' टैग इस्तेमा...और पढ़ें

मुल्ला मुलायम के बाद मौलाना तेजस्वी... BJP की UP-बिहार में खेल करने की तैयारी

तेजस्वी यादव को 'नमाजवाद और मुल्ला' वाला उपाधि देने के मायने?

हाइलाइट्स

तेजस्वी यादव पर बीजेपी ने क्यों हमलावर हो गई है?क्या यूपी के बाद बिहार में 80-20 का खेल शुरू?तेजस्वी यादव पर क्यों लगा 'मुल्ला' का टैग?

पटना. बिहार की सियासत में तेजस्वी यादव एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं. 29 जून 2025 को पटना के गांधी मैदान में आयोजित ‘वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ’ रैली में तेजस्वी ने वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर तीखा बयान दिया. उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार बिहार में सत्ता में आती है, तो वे इस कानून को ‘कूड़ेदान में फेंक देंगे’ तेजस्वी के इस बयान ने भारतीय जनता पार्टी को तेजस्वी और राष्ट्रीय जनता दल पर हमला करने का मौका दे दिया. बीजेपी ने न केवल तेजस्वी यादव को लपेटा बल्कि, इस बयान के आड़ में मुल्ला मुलायम के बाद मुल्ला तेजस्वी यादव तक कह दिया. बीजेपी ने इसे तुष्टिकरण की राजनीति करार देते हुए तेजस्वी को ‘नमाजवादी’ और ‘मुल्ला तेजस्वी’ जैसे तंजों से नवाजा, जिससे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण और ’80-20′ की रणनीति की चर्चा तेज हो गई है.

पटना के गांधी मैदान में तेजस्वी ने वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला बताते हुए कहा कि यह कानून संविधान के खिलाफ है और उनकी सरकार इसे लागू नहीं होने देगी. इस बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तेजस्वी को ‘नमाजवादी’ करार देते हुए कहा कि वे ‘वोट के लालच में शरिया कानून लागू करना चाहते हैं.’ बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने इसे संसद और न्यायपालिका के अपमान का मामला बताया, जबकि उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी को ‘तुष्टिकरण का प्रतीक’ करार दिया. बीजेपी ने इसे इंडी गठबंधन की ‘संविधान विरोधी’ मानसिकता का सबूत बताया.

’80-20′ की रणनीति: बीजेपी का सियासी दांव

बीजेपी की यह प्रतिक्रिया बिहार और उत्तर प्रदेश में ’80-20′ की रणनीति को बल देती दिख रही है, जिसमें 80% हिंदू मतदाताओं को एकजुट कर 20% अल्पसंख्यक वोटों को किनारे करने की कोशिश की जाती है. बिहार में, जहां मुस्लिम-यादव (MY) समीकरण आरजेडी की रीढ़ रहा है, बीजेपी इस बयान को भुनाकर हिंदू मतदाताओं को ध्रुवीकृत करने की रणनीति पर काम कर रही है. ‘मुल्ला मुलायम’ और ‘मुल्ला अखिलेश’ जैसे तंज, जो समाजवादी पार्टी (एसपी) नेताओं पर बीजेपी द्वारा पहले इस्तेमाल किए गए, अब तेजस्वी पर लागू किए जा रहे हैं. यह रणनीति बीजेपी की उस पुरानी रणनीति का हिस्सा है, जिसमें विपक्षी नेताओं को अल्पसंख्यक तुष्टिकरण से जोड़कर हिंदू मतदाताओं को अपने पक्ष में किया जाता है.

‘मुल्ला’ टैग का इतिहास और तेजस्वी पर हमला

‘मुल्ला मुलायम’ का तंज मुलायम सिंह यादव के दौर में शुरू हुआ, जब उनकी समाजवादी पार्टी को मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति से जोड़ा गया. अखिलेश यादव पर भी ‘मुल्ला अखिलेश’ का लेबल लगाकर बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में ध्रुवीकरण की कोशिश की. अब तेजस्वी के वक्फ बोर्ड बयान के बाद बीजेपी ने उन्हें ‘मुल्ला तेजस्वी’ कहकर निशाना बनाया है. गिरिराज सिंह ने कहा, ‘तेजस्वी न समाजवादी हैं, न परिवारवादी, बल्कि असली नमाजवादी हैं.’

तेजस्वी और आरजेडी की प्रतिक्रिया

तेजस्वी ने बीजेपी के हमलों का जवाब देते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक गरीब मुस्लिम समुदाय की जमीनों पर कब्जे की साजिश है. उन्होंने इसे संविधान और अल्पसंख्यक अधिकारों पर हमला बताया. तेजस्वी ने कहा, ‘बीजेपी गरीबों और वंचितों के खिलाफ साजिश रच रही है. हम इसका कानूनी और जमीनी स्तर पर विरोध करेंगे.’ आरजेडी ने इसे बीजेपी की ‘विभाजनकारी’ राजनीति का जवाब बताते हुए अपने समर्थकों को एकजुट करने की कोशिश की है. तेजस्वी ने यह भी कहा कि उनकी लड़ाई हर वर्ग के लिए है, न कि केवल किसी एक समुदाय के लिए, जिससे वे अपनी ‘A to Z’ रणनीति को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं.

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बिहार चुनाव पर प्रभाव

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में यह विवाद अहम भूमिका निभा सकता है. बीजेपी की रणनीति हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण को बढ़ावा देकर अपने कोर वोट बैंक को मजबूत करने की है. वहीं, तेजस्वी अपनी ‘A to Z’ रणनीति के तहत वैश्य, तेली, रविदास, और मुसहर जैसे समुदायों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. हाल के महीनों में उन्होंने वैश्य समाज के सम्मेलनों में हिस्सा लिया और वैश्य आयोग के गठन का वादा किया. लेकिन वक्फ बोर्ड बयान ने उनके इस प्रयास को झटका दिया है, क्योंकि बीजेपी इसे तुष्टिकरण के रूप में प्रचारित कर रही है. वहीं, तेजस्वी के इस बयान पर अखिलेश यादव का समर्थन मिला है. अखिलेश ने कहा, ‘हम बिहार चुनाव में तेजस्वी और लालू जी के साथ हैं. बीजेपी संविधान का उल्लंघन करती है.’

रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...

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