मुश्किलें बढ़ीं तो एकसाथ आया गांव...लगा दिए 6000 पेड़, सुबह-शाम होती देखभाल

1 month ago

Last Updated:March 13, 2025, 13:14 IST

Gujarat news: अमरेली जिले के युवा पर्यावरण संरक्षण के लिए आगे आ रहे हैं. सिमरन गांव में हजारों पेड़ लगाए गए हैं, जिनकी नियमित देखभाल हो रही है.

मुश्किलें बढ़ीं तो एकसाथ आया गांव...लगा दिए 6000 पेड़, सुबह-शाम होती देखभाल

पूरे गांव ने मिलकर 6000 पेड़ लगा दिए

अमरेली जिले में इन दिनों एक अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है. यहां के युवा अब मोबाइल और सोशल मीडिया से हटकर प्रकृति की ओर लौट रहे हैं. वे अपने गांवों को हरा-भरा बनाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. दानदाताओं और गांववालों के सहयोग से यहां हजारों पेड़ लगाए जा रहे हैं. सावरकुंडला तालुका के सिमरन गांव में अब तक 5 से 6 हजार पेड़ लगाए जा चुके हैं. खास बात यह है कि सिर्फ पेड़ लगाए ही नहीं गए, बल्कि उनकी देखभाल भी पूरे मन से की जा रही है.

पेड़ों के बिना मुश्किल होती जा रही जिंदगी
अमरेली के कई गांव तेजी से शहरों की तरह विकसित हो रहे हैं. इससे हरे-भरे इलाकों में कमी आ रही है और तापमान बढ़ता जा रहा है. खेती पर भी इसका असर पड़ रहा है क्योंकि बारिश अब पहले जैसी नियमित नहीं रही. पर्यावरण को बचाने और हरियाली को बढ़ाने के लिए यहां के युवाओं ने कमान संभाली है. वे समझ चुके हैं कि अगर अभी कुछ नहीं किया गया, तो भविष्य में पानी की समस्या और ज्यादा बढ़ जाएगी, गर्मी असहनीय हो जाएगी और गांवों में रहने वाले लोग मुश्किल में पड़ जाएंगे.

पेड़ों से सजे गांव के रास्ते, राहगीरों को मिल रही छांव
सिमरन गांव से लेकर जीरा, मोटा भामोदरा और सावरकुंडला-अमरेली राजमार्ग तक अब हर तरफ हरियाली नजर आ रही है. इस अभियान में जामुन, इमली, गोरस इमली और पीपल जैसे पेड़ लगाए गए हैं, जिनके फल पक्षियों के लिए भोजन का काम करेंगे और सड़क पर चलने वाले लोगों को ठंडी छांव भी मिलेगी. पहले जहां धूप में चलना मुश्किल होता था, वहीं अब इन पेड़ों के कारण रास्ते पर ठंडक बनी रहती है.

सिर्फ पेड़ लगाना नहीं, उनकी देखभाल भी जरूरी
अक्सर देखा जाता है कि लोग उत्साह में पेड़ तो लगा देते हैं, लेकिन कुछ ही महीनों बाद वे सूख जाते हैं क्योंकि उनकी देखभाल नहीं की जाती. सिमरन गांव में यह गलती नहीं दोहराई गई. यहां हर पेड़ की सुबह-शाम निगरानी की जाती है और हर तीन दिन में पानी दिया जाता है. गांव के लोग मिलकर इन पेड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं ताकि वे बड़े होकर पर्यावरण को फायदा पहुंचा सकें.

पशु-पक्षियों और इंसानों के लिए भी फायदेमंद हैं ये पेड़
ये पेड़ न सिर्फ गांव की खूबसूरती बढ़ा रहे हैं, बल्कि पशु-पक्षियों के लिए भी सुरक्षित आश्रय बन रहे हैं. पक्षी अब इन पेड़ों की शाखाओं पर बसेरा बना रहे हैं और उनके फल खाकर अपना पेट भर रहे हैं. इसके अलावा, इन पेड़ों से गांव की हवा भी शुद्ध हो रही है, जिससे लोगों को सांस लेने में राहत मिल रही है.

जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद करेगा यह अभियान
ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी समस्या बन गए हैं. अगर समय रहते इसे रोका नहीं गया तो आने वाले वर्षों में गर्मी और ज्यादा बढ़ेगी, बारिश और कम होगी और खेती करना मुश्किल हो जाएगा. अमरेली जिले के लोगों ने यह समझ लिया है और इसी वजह से वे पेड़ लगा रहे हैं.

First Published :

March 13, 2025, 13:14 IST

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