मैं होटल में रुकी, वो कस्टमर बनकर आया... सेक्स वर्कर रेप केस में कोर्ट ने कहा

12 hours ago

Last Updated:May 02, 2025, 14:50 IST

Sex Worker Rape Case: एक सेक्स वर्कर रेप केस में सुनवाई के दौरान आरोपी की सारी दलीलों को खारिज करते हुए आरोप तय करने का आदेश दे दिया है. कोर्ट ने इस मामले में पीड़िता को दलीलों को माना है जिसमें कहा गया है कि आ...और पढ़ें

मैं होटल में रुकी, वो कस्टमर बनकर आया... सेक्स वर्कर रेप केस में कोर्ट ने कहा

शादी का वादा कर रेप केस के आरोपी को जज ने क्या कहा?

अहमदाबाद के एक 32 वर्षीय व्यक्ति, जिसे एक सेक्स वर्कर ने झूठे विवाह के वादे के बाद रेप का आरोप लगाया था. उसे निचली अदालत ने राहत देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने इस मामले में आरोपी की दलीलें खारिज करते हुए कहा राहत देने से इनकार कर दिया.

पूर्वी अहमदाबाद में रहने वाले इस व्यक्ति पर 2023 में नारोदा पुलिस ने रेप, हमला और आपराधिक धमकी का आरोप लगाया था. यह शिकायत पश्चिम बंगाल की एक महिला ने दर्ज कराई थी, जो 2021 में वेश्यावृत्ति के लिए यहां आई थी. एक सत्र न्यायालय ने उसे अग्रिम जमानत दी थी क्योंकि वह महिला के साथ कुछ सालों से रह रहा था और उनके संबंध खराब होने के बाद शिकायत दर्ज की गई थी. जब व्यक्ति ने यह कहते हुए मामले से छुटकारा पाने की कोशिश की कि हमारा रिलेशनशिप लंबे समय से था और उस पर रेप का आरोप लागू नहीं होता, तो अभियोजक ने उसकी याचिका का विरोध किया.

पीड़िता ने कोर्ट में दी क्या दलीलें?
अभियोजक ने कहा कि रिकॉर्ड में पेश किए साक्ष्यों को केवल स्टाटिंग फेज में आरोप तय करने के लिए जांचा जाना है. आरोपी और पीड़िता के बीच शारीरिक संबंध थे. हालांकि पीड़िता का आरोप है कि आरोपी ने विवाह का झूठा वादा करके उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाए और उस वादे को पूरा नहीं किया. ऐसी स्थिति में, आरोपी के खिलाफ आरोप तय करने का मामला बनता है.

आरोपी ने बचाव में दी क्या दलील?
आरोपी के वकील ने याचिका में पीड़िता की दलीलों को विरोध किया. उन्होंने कहा कि पीड़िता के बयान के मुताबिक, वह वेश्यावृत्ति के लिए अहमदाबाद आई थी. इसके बाद, आरोपी ग्राहक के रूप में उसके संपर्क में आया. फिर उनके बीच एक संबंध बनें. अदालत ने पुलिस द्वारा दर्ज की गई पीड़िता के बयान की भी समीक्षा की, जिसमें उसने विस्तार से बताया कि वह अहमदाबाद कैसे आई और नाना चिलोदा के एक होटल में रुकी, कैसे आरोपी ग्राहक के रूप में उससे मिलने आया और कुछ महीनों बाद उससे शादी का वादा किया. उन्होंने एक-दूसरे के परिवारों से मुलाकात की और गोवा भी साथ गए. जब व्यक्ति पश्चिम बंगाल में उसके परिवार से मिलने गया, तो उनके बीच झगड़ा हुआ.

सुनवाई के बाद, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एम बी कोटक ने आरोपी की याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि आरोप तय करने के चरण में, सामग्री का मूल्यांकन सीमित उद्देश्य से किया जाना चाहिए. इस मामले में, यदि पीड़िता का बयान है कि आरोपी ने झूठे विवाह के वादे से उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और बाद में उस वादे से मुकर गया और यदि आरोपी इस बयान को नकारता है और उसकी रक्षा स्वीकार्य नहीं पाई जाती — तो यह नहीं माना जा सकता कि आरोपी ने अपराध नहीं किया है.

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