आपको याद होगा कुछ हफ्ते पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G7 समिट में भाग लेने कनाडा गए थे. जब वह लौटने की तैयारी कर रहे थे तो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मोदी को फोन कर कनाडा से सीधे वॉशिंगटन आने के लिए कहा था. आमतौर पर राष्ट्राध्यक्षों के इस तरह दौरे नहीं होते हैं. फिर भी पीएम ने पहले से तय प्रोग्राम का हवाला देते हुए ट्रंप के न्योते को आगे के लिए टाल दिया था. कुछ घंटे बाद ही पता चला कि व्हाइट हाउस में पाकिस्तान आर्मी चीफ असीम मुनीर को 'चौधरी' ट्रंप ने खाना खिलाया. आज इस घटनाक्रम को याद करने की एक खास वजह है. कुछ घंटे पहले ट्रंप ने जिस तरह की डील अजरबैजान और आर्मीनिया में कराई है, कुछ वैसा ही भारत और पाकिस्तान के बीच भी कराना चाह रहे थे.
जी हां, जब व्हाइटस हाउस की तरफ से 'The Peace President' वाले टेक्स्ट के साथ अजरबैजान और आर्मीनिया के नेताओं के साथ बीच में ट्रंप की तस्वीर शेयर की तो भारत के लोगों को पूरी कहानी समझ में आ गई. वैसे भी भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ट्रंप बौखलाए हुए हैं. वह दो दर्जन से ज्यादा बार कह चुके हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच जंग रुकवा दी लेकिन भारत सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया है.
उस दिन ट्रंप ने मुनीर को दोपहर के भोजन पर बुलाया था. ट्रंप चाहते थे कि पीएम मोदी को भी व्हाइट हाउस बुलाकर ऐसी ही तस्वीर दुनिया में शेयर की जाए. ट्रंप अब जल्द से जल्द खुद को नोबल पुरस्कार दिलाना चाह रहे हैं. वह खुद को शांति का मसीहा पेश करना चाहते हैं. हालांकि तब पीएम ने कहा था कि मिस्टर प्रेसिडेंट आगे का कार्यक्रम पहले से तय है और मुझे क्रोएशिया जाना है.