Last Updated:June 16, 2025, 11:15 IST
Air India Plane Crash : अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया का विमान पिछले सप्ताह हादसे का शिकार बन गया था, जिसके बाद यूके की फर्म मामले की जांच करने और पीडि़त परिवारों को उचित कानूनी सलाह देने भारत आई है.

एयर इंडिया प्लेन क्रैश में 50 से ज्यादा ब्रिटिश नागरिकों की मौत हुई है.
हाइलाइट्स
यूके की कानूनी फर्म एयर इंडिया हादसे की जांच करेगी.पीड़ित परिवारों को शव के अंतिम संस्कार में सावधानी बरतने की सलाह.बीमा दावों के लिए यूके के कानूनों के तहत कानूनी सलाह लें.नई दिल्ली. यूके की एक कानूनी फर्म एयर इंडिया विमान हादसे की जांच करने आ रही है. हादसे में 241 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 53 ब्रिटिश नागरिक भी शामिल थे. यूके की फर्म कीस्टोन लॉ की जांच भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो की आधिकारिक जांच से स्वतंत्र है, जिसे यूके के एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच की चार सदस्यीय टीम का समर्थन प्राप्त है. फर्म का ध्यान संभावित जिम्मेदारी और विशेष रूप से यूके में पीड़ितों के परिवारों को कानूनी सहायता प्रदान करने पर है. फर्म ने पीडि़त परिवारों से कहा है कि अगर बीमा का दावा करना है तो उन्हें शव को जलाने या दफनाने को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए.
दरअसल, लंदन जा रहा विमान गुरुवार को दुर्घटनाग्रस्त हुआ था. यह एक बोइंग 787 ड्रीमलाइनर था जिसमें दो जनरल इलेक्ट्रिक इंजन लगे थे और अब इसकी तकनीकी और फोरेंसिक जांच हो रही है. कैपस्टोन लीगल के मैनेजिंग पार्टनर और इंग्लिश बैरिस्टर आशीष के सिंह ने कहा कि कीस्टोन का एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच से कोई लेना-देना नहीं है. हमारा ध्यान दुर्घटना में ब्रिटिश नागरिकों की मौत के कारण का पता लगाने पर है, जिसमें यूके की अदालतों में टॉर्ट कानून के तहत बोइंग और एयर इंडिया के खिलाफ दावे शामिल हो सकते हैं.
क्या है टॉर्ट कानून
ब्रिटेन का टॉर्ट कानून व्यक्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले गलत कार्यों से संबंधित है. यह गलत करने वालों को जिम्मेदार ठहराता है और दुर्घटनाओं से लेकर जानबूझकर किए गए कार्यों तक के नुकसान के लिए मुआवजा मांगने की अनुमति देता है. एविएशन विशेषज्ञ जेम्स हीली-प्रैट और ओवेन हन्ना कीस्टोन टीम का नेतृत्व कर रहे हैं और शिकागो स्थित विस्नर लॉ फर्म उनकी सहायता कर रही है. शिकागो की यह कानूनी फर्म, जो विमानन से संबंधित मुकदमों में विशेषज्ञता रखती है, ने 2020 के एयर इंडिया एक्सप्रेस हादसे में भी ग्राहकों को सलाह दी थी. तब दुबई से आ रहा एक विमान केरल के कालीकट हवाईअड्डे पर रनवे से फिसलकर 30 फुट गहरी खाई में गिर गया था और 21 लोगों की मौत हो गई थी.
अंतिम संस्कार पर जारी की चेतावनी
हीली-प्रैट ने कहा कि मृतकों की पहचान और उनके अवशेषों को उनके परिवारों को लौटाने की तत्काल आवश्यकता है. यूके में एक वरिष्ठ कोरोनर उन मामलों की जांच करेंगे, जिसके बाद औपचारिक जांच होगी. हीली-प्रैट ने भारत में अंतिम संस्कार पर विचार कर रहे मृत ब्रिटिश नागरिकों के परिवारों के लिए एक चेतावनी भी जारी किया. इसके अनुसार, यूके के कोरोनियल कानून के तहत दाह संस्कार किए गए अवशेष एक शरीर नहीं माने जाते, जिसका मतलब है कि वे यूके में जांच के लिए मान्य नहीं होंगे. नोट में कहा गया है कि हम परिवारों से आग्रह करते हैं कि वे विदेश में किसी भी अंतिम संस्कार व्यवस्था से पहले कानूनी सलाह लें.
बीमा की जटिल समस्या
इस दुर्घटना से भारत और विदेश में कई प्रकार के बीमा और पुनर्बीमा दावे उत्पन्न होंगे. कंसोर्टिया लीगल के सह-संस्थापक साझेदार सत्येंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि ब्रिटिश नागरिकों के साथ उनके परिजन यूके कानूनों के अनुसार दावे कर सकते हैं. विमान के कुल नुकसान के लिए मुआवजा देने के साथ कंपनियों पर यात्रियों की मृत्यु के दावों और तीसरे पक्षों के लिए मृत्यु, चोट और संपत्ति के नुकसान के लिए भी जिम्मेदारी होगी.
परिवार तय करे-जांच होगी या नहीं
पायनियर लीगल की साझेदार प्रीथा झा ने कहा कि कानूनी फर्में आमतौर पर पीड़ित के देश में अवशेषों की वापसी पर सलाह देने के लिए शामिल होती हैं. यह आमतौर पर इसलिए होता है, क्योंकि परिवारों को यह तय करना होता है कि मृत्यु के कारण की जांच की जानी चाहिए या नहीं. यह दाह संस्कार के बाद अवशेषों की वापसी के मामले में संभव नहीं है. फिलहाल टाटा समूह ने मृतकों के परिवारों को तत्काल सहायता देने का ऐलान किया है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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