Last Updated:March 14, 2025, 12:44 IST
Ranya Rao Gold Smuggling: रान्या राव गोल्ड तस्करी केस में CBI ने FIR में 'आरोपी कॉलम' खाली छोड़ सबको चौंकाया है. क्या जल्द होगी बड़ी गिरफ्तारी? जानिए इस हाई-प्रोफाइल केस का पूरा मामला और CBI की रणनीति...

रान्या राव केस में सीबीआई ने एफआईआर में आरोपी वाला कॉलम खाली रखा है.
हाइलाइट्स
सीबीआई की एफआईआर में 'आरोपी' कॉलम को खाली छोड़ दिया हैआरोपी कॉलम को खाली छोड़ने के बाद इस सीबीआई का मास्टर स्ट्रोक बताया जा रहा है.इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली में मनी-लॉन्ड्रिंग का मामला दर्जबेंगलुरु: कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव से जुड़े सोने की तस्करी के मामले में सीबीआई ने गुरुवार को दर्ज एफआईआर में ‘आरोपी’ कॉलम को खाली छोड़ दिया है, जिससे राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई है. आरोपी कॉलम को खाली छोड़ने के बाद इस सीबीआई का मास्टर स्ट्रोक बताया जा रहा है.
सीबीआई के इस फैसले से एजेंसी को किसी भी व्यक्ति को समन करने की सुविधा मिल जाती है खासकर जब राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) को इस रैकेट में एक सिंडिकेट के शामिल होने का शक है. डीआरआई ने सोने की तस्करी के कई मामलों का दस्तावेज इक्ट्ठा करें हैं, जिसमें दो महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां शामिल हैं जो दुबई और भारत के बीच एक संगठित नेटवर्क की ओर इशारा करती हैं.
ईडी को क्या-क्या मिला?
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली में मनी-लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया और गुरुवार को रान्या के लावेल रोड फ्लैट समेत बेंगलुरु के पांच अन्य स्थानों पर छापेमारी की. बेंगलुरु के अधिकारियों की मदद से ईडी अधिकारियों ने अडुगोडी, इंदिरानगर और कोरमंगला में रान्या के पति से जुड़े ऑफिस में भी छापा मारा. बताया जा रहा है कि दिनभर की छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जब्त किए गए.
क्या है मामला?
6 मार्च को मुंबई एयरपोर्ट पर 21.2 किलोग्राम सोने के साथ दो विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया, जिसकी कीमत 19 करोड़ रुपये थी. ठीक कुछ दिन बाद जब रान्या को बेंगलुरु में 14.2 किलोग्राम सोने की तस्करी करते हुए पकड़ा गया था. उनके घर पर की गई तलाशी में और भी बरामदगी हुई. इन ऑपरेशनों की पैमाने एक नेटवर्क की ओर इशारा करती है, जिसमें विदेशी नागरिक और संभवतः कई बड़े सरकारी अधिकारी शामिल हो सकते हैं.
किस सेक्शन में सीबीआई ने दर्ज की एफआईआर
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 12 के तहत सीबीआई की जांच ने दांव बढ़ा दिए हैं. यह मामला सरकारी हलकों में गहरे पैठे भ्रष्टाचार को उजागर कर सकता है, खासकर उन अधिकारियों को जो कथित तौर पर ऐसी अवैध गतिविधियों में मदद कर रहे हैं.
Location :
Bangalore,Bangalore,Karnataka
First Published :
March 14, 2025, 12:44 IST