Last Updated:July 27, 2025, 20:05 IST
दुनिया भर में भारतीय मूल के करीब 1.8 करोड़ लोग है. इंजीनियर, टेक विशेषज्ञ और वित्तीय पेशेवर दुनिया की बड़ी- बड़ी कंपनियों को लीड कर रहे हैं. अगर वियतनाम की तर्ज पर रिवर्स ब्रेन ड्रेन के तहत भारतीय मूल के स्पेश...और पढ़ें

वियतनाम ने हाल ही में अपनी अर्थव्यवस्था को हाई-वैल्यू उद्योगों की ओर ले जाने के लिए रिवर्स ब्रेन ड्रेन नीति को अपनाया है. इस नीति के तहत वियतनाम ने विदेशों में रहने वाले अपने कुशल पेशेवरों को वापस लाने के लिए इमिग्रेशन नियमों को सरल किया और दोहरी नागरिकता की शुरुआत की. इसका उद्देश्य सेमीकंडक्टर, एआई और वित्त जैसे क्षेत्रों में प्रतिभा पूल को मजबूत करना है. इसके तहत ही मिन्ह होआंग जैसे पेशेवर अमेरिका में अच्छी नौकरी और जीवन छोड़कर हनोई लौटे हैं. वियतनाम की यह रणनीति भारत के लिए एक प्रेरणा हो सकती है. अगर भारत ऐसी नीति अपनाए तो यह न केवल अमेरिका और चीन को पीछे छोड़ सकता है, बल्कि विश्व गुरु के रूप में उभर सकता है.
सुंदर पिचाई-सत्या नडेला अगर भारत आए तो…
भारत ने पहले ही रिवर्स ब्रेन ड्रेन की दिशा में कदम उठाए हैं और इसका प्रभाव दिख रहा है. भारतीय मूल के पेशेवर जैसे सुंदर पिचाई (गूगल), सत्या नडेला (माइक्रोसॉफ्ट), और इंद्रा नूयी (पूर्व पेप्सिको सीईओ), वैश्विक टेक और वित्तीय क्षेत्र में नेतृत्व कर रहे हैं. सिलिकॉन वैली में 26% स्टार्टअप भारतीय प्रवासियों द्वारा स्थापित किए गए हैं और विश्व बैंक जैसे संगठनों में भी भारतीय पेशेवर महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं. अगर ये प्रतिभाएं भारत लौटें तो देश की तकनीकी, वित्तीय और इनोवेशन में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है.
भारत बनेगा तीसरी अर्थव्यवस्था
भारत 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है. हमें पहले से ही कुछ हद तक रिवर्स ब्रेन ड्रेन से लाभ मिल रहा है. उदाहरण के लिए जोहो कॉर्पोरेशन के संस्थापक श्रीधर वेम्बु ने अमेरिका से लौटकर भारत में तकनीकी इनोवेशन को बढ़ावा दिया. वियतनाम ने रिवर्स ब्रेन ड्रेन के तहत विदेशों में रह रहे अपने लोगों को नई नीति के तहत टेक्स में छूट, रिसर्च एंड डेवलपमेंट में निवेश और प्रवासियों के लिए नौकरी के अवसर दिए हैं. अगर भारत भी ऐसी ही नीति अपनाए तो यहां भी अधिक पेशेवरों आकर्षित हो सकते हैं. भारतीय डायस्पोरा यानी दुनिया भर में भारतीय मूल के लोग की जनसंख्या करीब1.8 करोड़ है. इनमें लाखों कुशल इंजीनियर, टेक विशेषज्ञ और वित्तीय पेशेवर शामिल हैं. इनके वापस आने से स्टार्टअप इकोसिस्टम, फिनटेक, और एआई जैसे क्षेत्रों में भारत की स्थिति मजबूत होगी.
वियतनाम के रिवर्स ब्रेन ड्रेन मॉडल में क्या है?
वियतनाम की तरह भारत को भी प्रशासनिक बाधाओं को कम करना होगा. वियतनाम में प्रांतीय स्तर पर नियमों का असमान कार्यान्वयन और आश्रित वीजा की कमी जैसी चुनौतियां हैं. भारत में भी सरकारी प्रक्रियाओं को सरल करने और प्रवासियों के लिए आकर्षक वातावरण बनाने की जरूरत है. उदाहरण के लिए, गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (GIFT) में विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस स्थापित किए जा रहे हैं, जो वैश्विक शिक्षा और नौकरी के अवसरों को बढ़ावा दे सकते हैं.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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