Last Updated:July 27, 2025, 19:28 IST
Tejashwi Yadav News: बिहार चुनाव 2025 से पहले तेजस्वी यादव ने राज्य के दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को निशाने पर क्यों लेना शुरू कर दिया है? अपराध और कानून-व्यवस्था को लेकर सीएम नीतीश कुमार अब ...और पढ़ें

हाइलाइट्स
तेजस्वी यादव ने दोनों डिप्टी सीएम को निशाने पर लिया.अपराध और कानून-व्यवस्था पर सियासी तनाव बढ़ा.तेजस्वी की रणनीति एनडीए की साख कमजोर करना है.पटना. बिहार चुनाव से पहले राज्य में अपराध और कानून-व्यवस्था को लेकर काफी हो हंगामा हो रहा है. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले आरजेडी इसे बड़ा मुद्दा बनाने के मौके को गंवाना नहीं चाहती है. इसी का नतीजा है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के हर प्रेस कॉन्फ्रेंस या मीडिया बातचीत में वह राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाने से नहीं चूकते. तेजस्वी यादव ने अचानक से ही ‘राजनीति में अपना ‘गियर’ बदल लिया है. रविवार को भी जब तेजस्वी यादव से अपराध पर चिराग पासवान के बयान के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने इशारों-इशारों में राज्य के दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा पर तंज कसा. तेजस्वी यादव का ताजा बयान बताता है कि उनके निशाने पर अब नीतीश कुमार नहीं बल्कि राज्य के दोनों डिप्टी सीएम हैं. क्योंकि, दोनों डिप्टी सीएम विधानसभा के मौजूदा सत्र में तेजस्वी यादव पर ज्यादा हमलावर रहे हैं. ऐसे में तेजस्वी ने भी अब अपना टारगेट बदलकर सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा की तरफ कर दिया है.
बीते कुछ दिनों से हर दिन बिहार में कुछ न कुछ अपराध की घटनाएं घट रही हैं. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले यह मुद्दा और गर्म हो गया है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बिहार में बढ़ते अपराध पर अब नीतीश कुमार पर न हमला बोलकर राज्य के दोनों डिप्टी सीएम पर निशाना साध रहे हैं. लेकिन सवाल यह है कि अपराध के मुद्दे पर दोनों डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के निशाने पर क्यों अचानक आ गए हैं? क्या यह सियासी रणनीति है या वास्तविक आरोपों का आधार है?
तेजस्वी ने अपना टारगेट क्यों बदला?
जब मीडिया ने तेजस्वी यादव से पूछा कि अपराध को लेकर चिराग पासवान सवाल उठा रहे हैं, तो तेजस्वी यादव ने कहा, ‘अपराध तो इतना बढ़ गया है कि अपराधी विजय और स्रमाट हो चुके हैं. क्रीमिनल डिसऑर्डर हो चुका है लॉ एंड ऑर्डर का.’ चिराग पासवान पर तंज कसते हुए तेजस्वी बोले, ‘चिराग पासवान ये मुद्दा उठा रहे हैं. वह भी तो सरकार का ही अंग हैं. आप तो केंद्र के मंत्री हैं और आपके पांच-पांच एमपी हैं तो आप इतना कमजोर क्यों समझ रहे हैं? चिराग पासवान अपनी ही सरकार और नीतीश जी पर उंगली उठा रहे हैं और वो ये दिखा रहे हैं कि वह कितने कमजोर हो चुके हैं. आपको लग रहा है कि बिहार में अपराध इतना बढ़ गया है, बलात्कार बढ़ गया और भ्रष्टाचार बढ़ गया है तो फिर भी आप उस गठबंधन में क्यों हैं?’
क्या बिहार चुनाव से पहले तेजस्वी की नई चाल है?
बिहार में हाल के महीनों में हत्याओं और आपराधिक घटनाओं में आई तेजी ने विपक्ष को सरकार पर हमला करने का मौका दिया है. पटना में व्यवसायी गोपाल खेमका और विक्रम झा की हत्या और फिर गया में होमगार्ड की भर्ती में एक लड़की के साथ रेप की घटना ने विपक्ष को बड़ा मौका दिया है. तेजस्वी यादव ने इन घटनाओं को नीतीश सरकार की नाकामी करार दिया है. लेकिन अब वह राज्य के दोनों डिप्टी सीएम को निशाने पर ले रहे हैं. क्योंकि हाल के दिनों में तेजस्वी पर इन्हीं दोनों ने ज्यादा पलटवार किया है. दोनों ने भू-माफिया, बालू माफिया और शराब माफिया को विपक्ष खासकर आरजेडी से जोड़ा, जिससे सियासी तनाव बढ़ गया.
सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा क्यों निशाने पर?
ऐसे में सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा का नाम उछालने के पीछे तेजस्वी की सियासी रणनीति साफ दिखती है. सम्राट चौधरी कुशवाहा समुदाय से हैं और बीजेपी के प्रदेश संगठन में मजबूत पकड़ रखते हैं. आरजेडी सहित पूरा विपक्ष नीतीश कुमार के विकल्प के रूप में देखता है. उनकी आक्रामक शैली और ओबीसी वोटरों में प्रभाव उन्हें विपक्ष के लिए खतरा बनाता है. दूसरी ओर, विजय सिन्हा भूमिहार समुदाय से आते हैं, जो लालू और राबड़ी राज में सबसे ज्यादा मुखर होकर खड़ी रही है. भूमिहार जाति बीजेपी की रणनीति में भी अहम भूमिका निभाते हैं. ऐसे में तेजस्वी यादव अपने वोटरों में गोलबंदी कर और अपराध के मुद्दे से जोड़कर उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश करने का प्लान बनाया है, ताकि एनडीए की एकजुटता कमजोर हो.
कुल मिलाकर, अपराध के बहाने सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा का नाम लेना तेजस्वी यादव की रणनीति का हिस्सा है, जिसका मकसद एनडीए सरकार की विश्वसनीयता और इन नेताओं की साख को कमजोर करना है. हालांकि, दोनों नेताओं ने इन आरोपों का जवाब आक्रामकता से दिया है, जिससे सियासी जंग और तेज हो गई है. बिहार में चुनावी माहौल गर्म होने के साथ यह साफ है कि अपराध का मुद्दा सिर्फ कानून-व्यवस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सियासी शह-मात का खेल बन चुका है.
रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...
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