रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप को क्यों कहा शुक्रिया?

4 hours ago

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा को रूस-यूक्रेन संघर्ष को खत्म करने की कोशिशों के लिए धन्यवाद कहा है. यूक्रेन के ज़रिए जंगबंदी पर बातचीत की इच्छा जताने के बाद अपनी पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया में पुतिन ने कहा कि वह इस प्रस्ताव से सहमत हैं, लेकिन यह जंगबंदी दीर्घकालिक शांति स्थापित करने और संकट के मूल कारणों को खत्म करने के मकसद से होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि अलग-अलग देशों के नेता इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान दे रहे हैं, जिनमें चीन के राष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति शामिल हैं. उन्होंने इन सभी नेताओं की कोशिशों की तारीफ करते हुए कहा कि यह शांति और मानव जीवन की रक्षा के लिए एक सराहनीय पहल है.

क्या बोले पुतिन

पुतिन ने कहा कि रूस अमेरिका के जंगबंदी प्रस्ताव से सहमत है, लेकिन कुछ मुद्दों को हल करने की जरूरत है. उन्होंने यह भी सवाल किया कि जंगबंदी के हालात में हाल ही में यूक्रेनी फौज की तरफ से किए गए हमले का क्या होगा. उन्होंने कहा कि यह साफ नहीं है कि जो लोग रूस के सीमावर्ती इलाकों में घुसे थे, उन्हें वहां से निकाल दिया जाएगा या यूक्रेनी सरकार उन्हें आत्मसमर्पण का आदेश देगी.

रूस-यूक्रेन दोनों जगह जा चुके हैं पीएम मोदी

इससे पहले, पुतिन ने भारत को उन तीन देशों में से एक बताया था जिनसे वह यूक्रेन संघर्ष को हल करने के लिए लगातार संपर्क में हैं. पिछले साल जुलाई में प्रधानमंत्री मोदी रूस के दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने 22वें भारत-रूस द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया था. इसके बाद अगस्त में उन्होंने यूक्रेन का दौरा किया और राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से मुलाकात की.

क्या कहा था पीएम मोदी ने?

पीएम मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति से बातचीत के दौरान भारत की शांति स्थापना की नीति को दोहराया और कहा कि इस समस्या का हल सिर्फ बातचीत और कूटनीति के जरिए ही मुमकिन है. उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कोशिशों की तारीफ की और कहा कि जंगबंदी का हल जंग के मैदान में नहीं, बल्कि बातचीत की मेज पर ही निकल सकता है.

भारत शांति का पक्षधर: पीएम

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी साफ किया कि भारत इस संघर्ष में निष्पक्ष नहीं है, बल्कि वह शांति के पक्ष में है. उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद पुतिन के सामने यह साफ किया था कि 'यह युद्ध का समय नहीं है' और भारत चाहता है कि दोनों पक्ष आपसी बातचीत के ज़रिए हल निकालें. मोदी ने उम्मीद जताई कि डोनाल्ड ट्रंप की कोशिश जल्द ही रंग लाएगी और इस जंग का शांतिपूर्ण समाधान निकलेगा.

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