Last Updated:July 01, 2025, 12:50 IST
Small savings schemes : सरकार ने लगातार 6वीं तिमाही में भी छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट घटने और एफडी पर ब्याज कम होने के बावजूद ऐसा न करने के पीछे आखिर सरकार का मकसद क्...और पढ़ें

सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें नहीं बदली हैं.
हाइलाइट्स
सरकार ने छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें बरकरार रखी हैं.पीपीएफ पर 7.1%, सुकन्या योजना पर 8.2% ब्याज दरें जारी रहेंगी.सरकार बचत को बढ़ावा देने पर फोकस कर रही है.नई दिल्ली. रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 1 फीसदी की कटौती कर दी है. इसके बाद लोन तो सस्ता हुआ ही, एफडी पर ब्याज दरों में भी कमी आई है. बावजूद इसके सरकार ने छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है और जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए पहले की तरह ही ब्याज दर को बरकरार रखा है. आखिर सरकार की मंशा क्या है, जो छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
सरकार ने लगातार 6वीं तिमाही में भी छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. 30 जून को जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए सरकार ने ब्याज दरें निर्धारित की हैं, जिसके बाद पीपीएफ, एनएससी, सुकन्या, किसान विकास पत्र पर पहले की तरह ही रिटर्न मिलता रहेगा. इन छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वालों को सितंबर तक यही ब्याज मिलेगा. सरकार हर तिमाही में इन ब्याज दरों को निर्धारित करती है. इसका मतलब है कि 30 सितंबर को फिर अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए ब्याज दरें निर्धारित की जाएंगी.
क्यों सरकार ने नहीं घटाया ब्याज
जब रेपो रेट 1 फीसदी कम हो गया, एफडी पर ब्याज दरें घट रही हैं तो आखिर सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती क्यों नहीं की. इसका एक ही मतलब है कि सरकार बचत को बढ़ावा देने पर फोकस कर रही है. आम आदमी के लिए छोटी बचत योजनाओं में निवेश करना सबसे सुरक्षित विकल्प माना जाता है, लिहाजा सरकार भी इस विकल्प को बनाए रखना चाहती है.
छोटी बचत योजनाओं पर कितना ब्याज
कैसे करते हैं इसमें निवेश
छोटी बचत योजनाओं को सरकार डाकघर या बैंक के जरिये चलाती है और यहीं जाकर इसमें निवेश भी किया जा सकता है. सरकार ने छोटी बचत योजनाओं में पिछली बार वित्तवर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही यानी जनवरी-मार्च में बदलाव किया था. तब इन योजनाओं की ब्याज दरों में मामूली रूप से कटौती की गई थी. हालांकि, इसके बाद से 6 तिमाही तक कोई बदलाव नहीं हुआ.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
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Location :
New Delhi,Delhi