Last Updated:June 19, 2025, 12:47 IST
Desi Fighter Jet Tejas Mk1A: तेजस Mk-1A का पहला उड़ान टेस्ट अगले माह संभावित है. HAL हर साल 8 विमान बनाएगा. Mk-II का प्रोडक्शन 2029 से शुरू होगा. तेजस भारत की डिफेंस इंडस्ट्री को मजबूत कर रहा है.

भारत देसी फाइटर जेट तेजस का प्रोडक्शन तेजी से बढ़ा रहा है.
हाइलाइट्स
तेजस Mk-1A का पहला उड़ान टेस्ट अगले माह संभावित है.HAL हर साल 8 तेजस विमान बनाएगा.तेजस Mk-II का प्रोडक्शन 2029 से शुरू होगा.Desi Fighter Jet Tejas Mk1A: भारत का देसी फाइटर जेट तेजस अब तेजी से बन रहा है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने इसकी रफ्तार बढ़ा दी है. नासिक में बनी तेजस Mk-1A का पहला उड़ान टेस्ट अगले माह की 15 तारीख तक संभावित है. यह भारत के आत्मनिर्भरता मिशन का हिस्सा है. तेजस Mk-1A भारतीय वायुसेना के लिए खास है. इसमें एडवांस्ड रडार और हथियार सिस्टम लगे हैं. 16 महीने की देरी के बाद यह प्रोजेक्ट फिर पटरी पर आया है. HAL अब हर साल 8 विमानों का प्रोडक्शन करेगा.
पहला विमान इस साल अगस्त तक वायुसेना को मिलेगा. दूसरी ओर, तेजस Mk-II का प्रोडक्शन भी शुरू होने वाला है. इसका पहला प्रोटोटाइप इस साल के अंत तक तैयार होगा. पहली उड़ान 2026 की पहली तिमाही में होगी. प्रोडक्शन 2029 से शुरू होगा. 2034 तक ऐसे 120 विमान बनाने का लक्ष्य है. यह वायु सेना के पुराने विमानों को रिप्लेस करेगा. Mk-II में नया इंजन और बेहतर तकनीक होगी. इसमें ज्यादा हथियार ले जाने की क्षमता होगी.
नासिक का नया प्रोडक्शन सेंटर
तेजस के उत्पादन को रफ्तार देने में नासिक का नया प्रोडक्शन सेंटर अहम भूमिका निभा रहा है. यहां हर साल 8 विमान बनेंगे. बेंगलुरु के सेंटर्स भी तेजस बना रहे हैं. कुल मिलाकर 24 विमान सालाना बनने की योजना है. यह भारत की डिफेंस इंडस्ट्री के लिए बड़ी उपलब्धि है. पहले सप्लाई चेन और टेक्निकल दिक्कतों की वजह से देरी हुई थी. अब ये समस्याएं हल हो गई हैं.
तेजस भारत को इंटरनेशनल लेवल पर मजबूत कर रहा है. यह दुनिया का सबसे हल्का सुपरसोनिक फाइटर जेट है. वायु सेना इसे बॉर्डर सिक्योरिटी के लिए इस्तेमाल करेगी. इससे चीन और पाकिस्तान जैसे देशों से निपटने में मदद मिलेगी. तेजस की सफलता से भारत हथियार निर्यात में आगे बढ़ रहा है. दूसरे देश भी इसमें रुचि दिखा रहे हैं. एचएएल ने प्रोडक्शन को तेज करने के लिए कदम उठाए हैं.
नए इंजन और रडार टेस्टिंग
तेजस विमान के नए इंजन और रडार की टेस्टिंग चल रही है. वायु सेना को 2025 में 12 तेजस Mk-1A मिलने वाले थे. लेकिन, 2030 तक 180 विमानों का ऑर्डर पूरा होगा. यह डील 48,000 करोड़ रुपये की है. Mk-II के लिए 10,000 करोड़ का बजट मंजूर हुआ है.
तेजस प्रोग्राम से नौजवानों को रोजगार मिल रहा है. हजारों इंजीनियर और टेक्नीशियन इसमें काम कर रहे हैं. प्राइवेट कंपनियां भी इसमें शामिल हैं. टाटा और लार्सन एंड टुब्रो जैसे नाम जुड़े हैं. यह आत्मनिर्भर भारत का मॉडल है. वायु सेना के लिए यह गेम चेंजर साबित होगा. पुराने मिग-21 और जागुआर की जगह लेगा. तेजस की रेंज और पावर बढ़ेगी. AI और AESA रडार इसे खास बनाते हैं.
हर 15 दिन में नया विमान
हर 15 दिन में एक नया विमान तैयार होगा. यह भारत की हवाई ताकत को मजबूत करेगा. हालांकि, चैलेंज भी हैं. इंजन सप्लाई में देरी की आशंका बनी हुई है. GE से इंजन मंगवाने में दिक्कत हो सकती है. लेकिन HAL इसे सुलझाने की कोशिश कर रही है. स्वदेशी इंजन पर भी काम चल रहा है. कुल मिलाकर, तेजस भारत का गर्व है. यह तकनीक और साहस का प्रतीक है. 2025 से 2034 तक यह प्रोग्राम चमकेगा. भारत अब डिफेंस में सुपरपावर बनने की राह पर है. दुनिया की नजरें तेजस पर हैं. यह भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
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