Last Updated:November 17, 2025, 19:29 IST
Lal Quila Car Blast Case: एनआईए ने लाल किला ब्लास्ट केस में आमिर रशीद अली के बाद जासिर बिलाल वानी उर्फ दानिश को श्रीनगर से गिरफ्तार किया, जो ड्रोन और रॉकेट हमले की साजिश में शामिल था. एनआईए ने दानिश को आज कोर्ट में पेश कर लंबी रिमांड प्राप्त कर ली है. आने वाले दिनों में इस केस में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं.
एनआईए ने बड़ा एक्शन लिया. नई दिल्ली. एनआईए ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए लाल किला ब्लास्ट केस में आमिर रशीद अली की गिरफ्तारी के बाद दूसरे आरोपी जासिर बिलाल वानी उर्फ दानिश को अरेस्ट किया है. जांच एजेंसी के मुताबिक दानिश कश्मीर का रहने वाला है. उसे श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया. NIA का दावा है कि दिल्ली में ड्रोन से हमले का प्लान था. आतंकी रॉकेट तकनीक को भी सीख रहे थे ताकि बड़े हमलों को अंजाम दिया जा सके.
ड्रोन और रॉकेट अटैक का था प्लान
जांच के दौरान एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में साजिश के तहत ड्रोन और रॉकेट ब्लास्ट की तैयारी थी. सूत्रों ने बताया जासिर ने आतंकियों को तकनीकी सहायता प्रदान की थी. वह ड्रोन में बदलाव कर उन्हें हमलों में इस्तेमाल लायक बनाता था और रॉकेट तैयार करने की कोशिश भी कर रहा था. इसी तकनीकी सहयोग के चलते हुए कार बम विस्फोट में 15 लोगों ने जान गवाई और करीब 32 लोग घायल हो गए. काज़ीगुंड (जिला अनंतनाग) का रहने वाला जासिर मुख्य आरोपी उमर उन नबी का करीबी सहयोगी था और हमले की साजिश रचने में सक्रिय भूमिका निभा रहा था. एनआईए अब भी धमाके की साजिश के विभिन्न पहलुओं की गहन जांच कर रही है. एजेंसी की कई टीमें अलग-अलग राज्यों में छापेमारी कर रही हैं ताकि इस आतंकी हमले में शामिल हर व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित की जा सके.
10 दिन की रिमांड पर आतंकी
एनआईए के मुताबिक कश्मीर निवासी संदिग्ध आरोपी जासिर बिलाल वानी उर्फ दानिश को एनआईए की टीम ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर से गिरफ्तार किया. जांच एजेंसी के द्वारा इस केस में सबसे पहले आरोपी के तौर पर आमिर राशिद अली को गिरफ्तार किया गया था, जिसे जांच एजेंसी द्वारा 17 नवंबर को दिल्ली स्थित एनआईए की विशेष कोर्ट में पेश किया गया था, जिसके बाद कोर्ट ने उसे 10 दिनों की एनआईए रिमांड में भेज दिया है. अब 18 नवंबर को जासिर बिलाल वानी उर्फ दानिश को दिल्ली स्थित पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा और आगे उसकी रिमांड की जाएगी.
साजिश के तहत ड्रोन और रॉकेट के प्रयोग की भी हुई थी तैयारी
जांच एजेंसी के वरिष्ठ सूत्र अधिकारी के मुताबिक इस मामले की तफ्तीश के दौरान ये इनपुट्स भी सामने आया है कि जासिर ने आतंकियों को तकनीकी सहायता प्रदान की थी. वह ड्रोन में बदलाव कर उन्हें हमलों में इस्तेमाल लायक बनाता था और रॉकेट तैयार करने की कोशिश भी कर रहा था. इसी तकनीकी सहयोग के चलते हुए कार बम विस्फोट में मौके पर ही 10 लोगों की मौत और करीब 32 लोग घायल हुए थे. काज़ीगुंड (जिला अनंतनाग) का रहने वाला जासिर, मुख्य आरोपी उमर उन नबी का करीबी सहयोगी था और हमले की साजिश रचने में सक्रिय भूमिका निभा रहा था.एनआईए अब भी धमाके की साजिश के विभिन्न पहलुओं की गहन जांच कर रही है. एजेंसी की कई टीमें अलग-अलग राज्यों में छापेमारी कर रही हैं ताकि इस आतंकी हमले में शामिल हर व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित की जा सके.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
November 17, 2025, 19:27 IST

2 hours ago
