Last Updated:June 01, 2025, 14:13 IST
Chirag Paswan News: चिराग पासवान के बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान क्या एनडीए में हलचल मचा दी है? क्या चिराग, नीतीश कुमार के बाद एनडीए का चेहरा बनने की तैयारी कर रहे हैं? या फिर उनकी रणनीति सीट बंटवारे में ...और पढ़ें

चिराग का विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला क्या उनकी सियासी महत्वाकांक्षा और रणनीति का हिस्सा है?
हाइलाइट्स
चिराग पासवान ने क्यों किया बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान?चिराग एनडीए में नीतीश के बाद चेहरा बनने की तैयारी में हैं?क्या चिराग NDA में सीट बंटवारे के लिए सौदेबाजी कर रहे हैं?पटना. क्या चिराग पासवान अब बिहार एनडीए में सबसे बड़े नेता बनने का ख्वाब देखने लगे हैं? क्या सीएम नीतीश कुमार के रहते चिराग पासवान का यह ख्वाब पूरा होगा? क्या चिराग पासवान का बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय एनडीए के भीतर सौदेबाजी की एक कोशिश है? क्या सचमुच में चिराग चुनाव लड़ेंगे ही? एलजेपी (रामविलास) के सुप्रीमो और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान बिहार की राजनीति में एक बार फिर चर्चा में हैं. चिराग पासवान के बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद एनडीए के भीतर सियासी पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है. ऐसे में जानते हैं कि आखिर बिहार चुनाव में चिराग पासवान ने चुनाव लड़ने का फैसला क्यों किया? क्या सचमुच में चिराग चुनाव लड़ेंगे या फिर इसके पीछे कोई बड़ा खेल है?
चिराग पासवान के हालिया बयानों और गतिविधियों से साफ झलक रहा है कि वह एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर इस बार समझौता नहीं करेंगे. लेकिन चिराग की मजबूरी है कि वह एनडीए में रहकर सीएम नीतीश कुमार का विरोध नहीं कर सकते हैं. हालांकि, वे नीतीश कुमार के बाद बिहार में एनडीए का चेहरा बनने की भी अंदर ही अंदर तैयारी कर रहे हैं. चिराग पासवान ने हाल ही में कहा था, ‘मैं बिहार के लिए ही राजनीति में आया हूं. सांसद बनने से ज्यादा महत्वपूर्ण मेरे लिए एक विधायक की भूमिका होगी, जहां मैं अपने राज्य के लिए ज्यादा कार्य कर सकूं.’
मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा तो नहीं?
यह बयान उनके बिहार की स्थानीय राजनीति में सक्रिय होने के इरादे को दर्शाता है. उनके समर्थकों द्वारा पटना में लगाए गए पोस्टर, जिनमें लिखा था, ‘बिहार कर रहा है इंतजार, ताजपोशी का इंतजार, चिराग के स्वागत को तैयार है बिहार’, उनकी मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकाक्षा को और बल देते हैं. हालांकि, चिराग ने सार्वजनिक रूप से नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए के एकजुट होने की बात दोहराई है. मीडिया में चिराग ने कहा, ‘एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगा. हम सभी उनके साथ है.’ फिर भी, उनके समर्थकों की गतिविधियां और उनके बयानों का लहजा कुछ और ही इशारा करता है.
क्या कहते हैं जानकार?
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि चिराग का यह कदम एनडीए के भीतर अपनी स्थिति मजबूत करने और भविष्य में बड़ा दांव खेलने की रणनीति हो सकता है. बिहार को करीब से जानने वाले वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार पांडेय कहते हैं, ‘चिराग पासवान बार-बार एनडीए को नीतीश के बाद नेता बनने का मैसेज दे रहे हैं. लेकिन जब तक नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं वह कैसे एनडीए का चेहरा बनेंगे? अगर नीतीश सीएम नहीं बनेंगे तो बीजेपी का सीएम होगा. सामान्य सीट से चुनाव लड़ने की बात कर वह एनडीए के भीतर प्रेशर टोक्टिक्स का गेम खेल रहे हैं. जहां तक रही बात सामान्य सीट से चुनाव लड़कर जीतने की तो उनके पिता रामविलास पासवान हमेशा रिजर्व सीट से चुनाव लड़े हैं. बिहार में अगर किसी दलित नेता ने सामान्य सीट से चुनाव लड़ा है तो वह राम सुंदर दास थे. सोनपुर सामान्य सीट से राम सुंदर दास एक बार चुनाव लड़े और जीते हैं.’
एनडीए में सीट बंटवारे का खेल
सीट बंटवारे का सियासी खेल बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में 243 सीटों का बंटवारा एनडीए के लिए एक बड़ी चुनौती है. चिराग की पार्टी, जो 2024 के लोकसभा चुनाव में पांच सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है, अब 40 से ज्यादा विधानसभा सीटों की मांग कर रही है. यह मांग जेडीयू और बीजेपी के लिए तनाव का कारण बनी है. क्योंकि, जेडीयू की सीटों में अगर कमी होती है तो इसका मतलब उसकी सियासी ताकत में कमी हो सकता है.
नीतीश के बाद चिराग?
बिहार चुनाव में निश्चित तौर पर चिराग पासवान एनडीए टीम का महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि चिराग का बिहार में सक्रिय होना और सामान्य सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान उनकी छवि को केवल दलित नेता से ऊपर उठाकर ‘A to Z’ नेता के रूप में स्थापित करने की कोशिश ही नहीं, बीजेपी के लिए खतरे की घंटी भी है.
कुल मिलाकर चिराग पासवान का विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला उनकी सियासी महत्वाकांक्षा और रणनीति का हिस्सा है. वे एनडीए में रहकर नीतीश कुमार का समर्थन तो कर रहे हैं, लेकिन उनकी गतिविधियां और समर्थकों के बयान भविष्य में बड़ा सौदा करने की ओर इशारा करते हैं. बिहार की सियासत में चिराग का अगला कदम क्या होगा, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन फिलहाल वे नीतीश के बाद नंबर वन बनने का ख्वाब देख रहे हैं.
Location :
Patna,Patna,Bihar