वाह रे अमेरिका! यूक्रेन को रूस से लड़वाकर कर दिया बर्बाद, जंग रोकने पर कहा- मुझे और भी काम

12 hours ago

Ukraine-Russia War: अमेरिकी विदेश मंत्री और कार्यवाहक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मार्को रुबियो ने यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका इस युद्ध को सुलझाने की कोशिशों में पीछे नहीं हटेगा, लेकिन दुनिया में और भी कई बड़ी समस्याएं हैं, जिन पर ध्यान देना जरूरी है. रुबियो का यह बयान बहुत कुछ कहता है यानी जो अमेरिका यूक्रेन को हर संभव मदद करके जंग लड़वा रहा था, अब उसकी प्राथमिकताएं बदल गई है तभी तो कह रहा कि उसके लिए अभी यूक्रेन जंग से भी अधिक और भी मामले हैं. 

ट्रंप के लिए और क्या जरूरी?
फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में रुबियो ने कहा, "हम इसे छोड़ने वाले नहीं हैं, लेकिन एक वक्त ऐसा आएगा जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को फैसला करना होगा कि वह इस मुद्दे पर और कितना वक्त देना चाहते हैं." उन्होंने आगे कहा, "यूक्रेन युद्ध महत्वपूर्ण है, लेकिन चीन के साथ चल रहे तनाव, ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाएं और दूसरी वैश्विक चुनौतियां लंबे समय में ज्यादा अहम हो सकती हैं." रुबियो का यह बयान संकेत देता है कि अमेरिका अपनी विदेश नीति में एक संतुलन बनाना चाहता है.

यूक्रेन को अकेला छोड़ देगा अमेरिका?
रुबियो ने यह भी बताया कि अमेरिका रूस और यूक्रेन की स्थिति को समझ रहा है. उन्होंने कहा, "दोनों पक्ष करीब हैं, लेकिन अभी भी बहुत दूर हैं. जल्द ही ठोस प्रगति की जरूरत है, वरना राष्ट्रपति को यह तय करना होगा कि इस पर और कितना समय देना है." इस बयान के बाद यह समझा जाए कि अगर अभी कोई शांति वार्ता नहीं बनी, उसके बाद यूक्रेन को अमेरिका अकेला ही छोड़ देगा.  इस बीच, संयुक्त राष्ट्र में रूस के स्थायी प्रतिनिधि वसीली नेबेन्ज्या ने कहा कि रूस और अमेरिका के बीच शांति योजना की बारीकियों पर अभी चर्चा नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि दोनों देश यूक्रेन युद्ध का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए बातचीत जारी रखे हुए हैं. नेबेन्ज्या ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा, "हम शुरू से ही कूटनीतिक रास्तों को प्राथमिकता देते हैं. रूस लंबे समय के समाधान पर जोर दे रहा है ताकि इस युद्ध को खत्म किया जा सके."

रुबियो के बयान के क्या है मायने?
रुबियो के बयान से यह साफ है कि अमेरिका यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन उसकी धैर्य की सीमा है. अगर जल्द प्रगति नहीं हुई, तो अमेरिका अपना ध्यान दूसरी वैश्विक समस्याओं, खासकर चीन और ईरान जैसे मुद्दों पर केंद्रित कर सकता है. यह स्थिति यूक्रेन के लिए चिंता का विषय हो सकती है, जो अमेरिकी सैन्य और आर्थिक मदद पर बहुत हद तक निर्भर है. साथ ही, यह बयान यूरोपीय सहयोगियों के लिए भी एक संदेश है कि वे शांति प्रक्रिया में और सक्रिय भूमिका निभाएं.

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