Death of Indian Students Abroad: बेहतर जीवन की आस में न जाने कितने भारतीय नौजवान विदेश में जाकर पढ़ाई का ख्वाब देख रहे हैं. इन दिनों, आईलेट्स (IELTS) और टॉफेल (TOEFL) की परीक्षा से जुड़ा शायद ही कोई इंस्टीट्यूट हो, जहां पर विदेश जाने के इच्छुक छात्रों की लंबी लाइन न लगी हो. यदि आप भी विदेश में पढ़ाई के लिए जाने की तैयारी कर रहे है तो वहां जाने से पहले एक स्याह हकीकत आप भी जान लीजिए.
इस स्याह हकीकत के साथ यह भी जान लीजिए कि वहां पहुंचने के बाद आपको किन बातों का ख्याल रखना है, जिससे आप उन छात्रों की सूची में शामिल न हों, जिस सूची का जिक्र हम आगे करने जा रहे है. दरअसल, यहां हम बात उन बच्चों की कर रहे हैं, जो बेहतर करियर की आस में पढ़ाई के लिए गए थे. बीते पांच साल के आंकड़ों की बात करें तो इन छात्रों में करीब 633 छात्रों ने अलग अलग वजहों से अपनी जान गंवाई है.
यानी, बीते पांच साल में औसतन हर तीसरे दिन एक भारतीय छात्र को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है. अब इसके पीछे वजह कुछ भी हो. यहां आपको बता दें कि इन 633 छात्रों में 19 छात्र-छात्राएं ऐेसे भी हैं, जिनकी जान उन पर हुए हमलों की वजह से गई है. इसमें सबसे अधिक भारतीय छात्र-छात्राओं पर 9 हमले कनाडा में हुए हैं. उल्लेखनीय है कि विदेश पर छात्रों की मौत के इस आंकड़े पर भारतीय विदेश मंत्रालय अपनी मोहर लगा चुका है.
यहां गई सर्वाधिक भारतीय छात्रों की जान
विदेश मंत्रालय के आंकड़ों की बात करें तो बीते पांच सालों में छात्रों की सबसे अधिक 172 मौतें कनाडा में गई हैं. इसके बाद, अपना करियर बनाने के लिए यूएसए गए 108 भारतीय छात्रों की बीते पांच सालों में हुई है. इसके अलावा, आस्ट्रेलिया में 57, जर्मनी में 24, इटली में 18, रूस में 37, यूक्रून में 18, यूके में 58 भारतीय बच्चों ने अपनी जान बीते पांच सालों में गंवाई है. यह फेहरिस्ट अभी यहां पर नहीं रुकती है, बल्कि लिस्ट में 41 देश ऐसे हैं, जिसमें कुल 633 भारतीय छात्रों ने बीते पांच सालों में अपनी जान गंवाई है.
विदेश में इन बातों का रखें खास ख्याल
यदि आप भी विदेश में पढ़ने जा रहे हैं तो कुछ बातों का ख्याल आपको जरूर रखना चाहिए. सबसे पहली बात, विदेश पहुंचने के साथ आपको अपने भारतीय मिशन से संपर्क करना चाहिए. भारतीय मिशन द्वारा आयोजित रिशेप्शन में जरूर भाग लें, जिससे आप अपने संबंधित भारतीय मिशन के अधिकारियों से रूबरू हो सकें. साथ ही, आपकी पूरी डिटेल भारतीय मिशन के पास पहुंच सके. इसके अलावा, आप विदेश मंत्रालय के मदद (MADAD) पोर्टल में खुल को रजिस्टर्ड जरूर कराएं, जिससे विपत्ति में आपतक सहायता पहुंच सके.
भारतीय मिशन की गाइडलाइन कर करें पालन
विदेश मंत्रालय के अनुसार, विदेश में संभावित चुनौतियों और खतरों को ध्यान में रखते हुए भारतीय मिशन समय समय पर भारतीय मूल के छात्रों को गाइडलाइन जारी करते हैं. इस गाइडलाइन में खुद को सुरक्षित रखने के साथ-साथ प्रतिक्रियात्मक उपायों के बारे में भी बताया जाता है. इसके अलावा, भारतीय मिशन के अधिकारी समय समय पर विश्वविद्यालयों का दौरा भी करते हैं. समय समय पर आप मिशन के अधिकारियों से मिलकर अपने दिल की बात जरूर बताएं.
किस देश में कितने बच्चों की हमलों से हुई मौत
देश | बच्चों की मृत्यु |
आस्ट्रेलिया | 01 |
चीन | 01 |
कनाडा | 09 |
किर्गिज़स्तान | 01 |
यूके | 01 |
यूएसए | 06 |
कुल | 19 |
बीते 5 सालों में किस देश में कितने भारतीय छात्रों की गई जान
देश | छात्रों की गई जान |
कनाडा | 172 |
अमेरिका | 108 |
यूके | 58 |
ऑस्ट्रेलिया | 57 |
रूस | 37 |
जर्मनी | 24 |
इटली | 18 |
यूक्रेन | 18 |
सऊदी अरब | 18 |
किर्गिस्तान | 12 |
जॉर्जिया | 12 |
साइप्रस | 12 |
चीन | 8 |
आर्मेनिया | 7 |
कजाकिस्तान | 7 |
फिलीपींस | 7 |
न्यूजीलैंड | 6 |
कतर | 6 |
फ्रांस | 6 |
ताइवान | 4 |
नीदरलैंड | 4 |
सिंगापुर | 3 |
स्पेन | 3 |
यूएई | 3 |
मिस्र | 2 |
आयरलैंड | 2 |
उज्बेकिस्तान | 2 |
दक्षिण कोरिया | 2 |
फिनलैंड | 2 |
मोल्दोवा | 2 |
दक्षिण अफ्रीका | 1 |
सूरीनाम | 1 |
बेल्जियम | 1 |
गैबोरोन | 1 |
पाकिस्तान | 1 |
मॉरीशस | 1 |
ताजिकिस्तान | 1 |
चेक गणराज्य | 1 |
ईरान | 1 |
हंगरी | 1 |
स्विट्जरलैंड | 1 |
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FIRST PUBLISHED :
August 1, 2024, 15:51 IST