वो गुट ज‍िस पर मण‍िपुर में 'आग लगाने' का लग रहा आरोप, जानें इसके बारे में सब

3 hours ago

Last Updated:June 08, 2025, 15:54 IST

Manipur News: मणिपुर हिंसा में अरम्बाई टेंगगोल का नाम चर्चा में है. संस्कृति की बात करने वाला यह गुट अब आगजनी, नफरत और दंगों के आरोपों में घिरा है. CBI ने एक सदस्य को गिरफ्तार किया है. आइए इस खबर में जानते हैं ...और पढ़ें

वो गुट ज‍िस पर मण‍िपुर में 'आग लगाने' का लग रहा आरोप, जानें इसके बारे में सब

अरम्बाई टेंगगोल संगठन के सदस्य कंनन सिंह की गिरफ्तारी के बाद मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़क गई. (फोटो PTI)

हाइलाइट्स

CBI ने अरम्बाई टेंगगोल के सदस्य कंनन सिंह को गिरफ्तार किया.अरम्बाई टेंगगोल पर मणिपुर हिंसा भड़काने का आरोप है.संगठन ने 2020 में सांस्कृतिक पुनर्जागरण के रूप में शुरुआत की.

Manipur News: मणिपुर में 2023 की जातीय हिंसा ने न केवल राज्य को हिला दिया बल्कि देशभर को झकझोर कर रख दिया. इसी हिंसा की जड़ में अब एक संगठन का नाम बार-बार सामने आ रहा है. उस संगठन का नाम है अरम्बाई टेंगगोल. एक ऐसा गुट जिसने शुरुआत तो संस्कृति बचाने के नाम पर की लेकिन वक्त के उस पर दंगे भड़काने, गांव जलवाने और समाज को बांटने के आरोप लगने लगे हैं. ताजा घटनाक्रम में CBI ने इस संगठन से जुड़े एक सक्रिय सदस्य कंनन सिंह को इंफाल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है. इस गिरफ्तारी के बाद मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है.

यह गिरफ्तारी मणिपुर हिंसा से जुड़े उन मामलों का हिस्सा है जिनकी जांच सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केंद्रीय एजेंसी कर रही है. CBI का कहना है कि आरोपी को गुवाहाटी लाया गया है जहां उसे कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड मांगी जाएगी.

कौन है अरम्बाई टेंगगोल?
‘अरम्बाई टेंगगोल’ का मतलब होता है “भाले फेंकने वाले घुड़सवार”. इस संगठन की शुरुआत साल 2020 में एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण समूह के रूप में हुई थी. इसका मकसद था मणिपुर के मैतेई समुदाय की पहचान, संस्कृति और उनके गौरवशाली अतीत को पुनर्जीवित करना. यह संगठन पुराने मणिपुर यानी कंगलईपाक की विरासत और सनामही धर्म को बढ़ावा देने की बात करता था.

किसने बनाई थी ये टोली?
संगठन की स्थापना कुछ कट्टर मैतेई युवाओं और परंपरावादी बुद्धिजीवियों ने मिलकर की थी. इनमें से कई पहले से ही मणिपुरी संस्कृति और सनामही धर्म के प्रचार-प्रसार से जुड़े थे. इन संस्थापकों ने सोशल मीडिया और लोक आयोजनों के जरिए ‘मैतेई जागरूकता’ का माहौल बनाया. हालांकि संगठन ने खुद को ‘गैर-राजनीतिक’ और ‘सांस्कृतिक’ बताया. लेकिन समय के साथ इसके नेताओं ने सार्वजनिक रूप से राजनीतिक मुद्दों और विवादास्पद मांगों को भी समर्थन देना शुरू कर दिया.

संगठन की स्थापना कुछ कट्टर मैतेई युवाओं और परंपरावादी बुद्धिजीवियों ने मिलकर की थी. (फोटो PTI)

कहां से जुड़ते हैं इसके तार?
2023 में जब मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़की, तो अरम्बाई टेंगगोल अचानक एक भीड़-नेता के रूप में उभरा. आरोप है कि इसी संगठन ने सोशल मीडिया और जमीनी स्तर पर कुकी समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने में अहम भूमिका निभाई. कई रिपोर्टों के मुताबिक अरम्बाई टेंगगोल से जुड़े लोगों ने मैतेई भीड़ के साथ मिलकर कुकी गांवों में आगज़नी और लूटपाट की.

कैसे बदला संगठन का स्वरूप?
हिंसा के बाद कंगला किला में हुए ‘शपथ ग्रहण’ कार्यक्रम ने इस बदलाव को औपचारिक रूप दे दिया. इसी मौके पर अरम्बाई टेंगगोल ने एक छह सूत्रीय राजनीतिक एजेंडा घोषित किया… इसमें शामिल था:

NRC की मांग, कुकी विद्रोही संगठनों से ‘सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन’ खत्म करना, और कुकी समुदाय को अनुसूचित जनजातियों की सूची से हटाना. इन मांगों ने मणिपुर की जातीय राजनीति को और उलझा दिया.

कंनन सिंह की गिरफ्तारी क्यों अहम है?
CBI द्वारा पकड़ा गया कंनन सिंह उन मामलों में आरोपी है जो हिंसा, दंगों और लोगों की हत्या से जुड़े हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर CBI इन मामलों की जांच कर रही है और राज्य की संवेदनशीलता को देखते हुए केसों को मणिपुर से हटाकर गुवाहाटी ट्रांसफर किया गया है. गिरफ्तार आरोपी को गुवाहाटी लाया गया जहां कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड की मांग की जाएगी. उसके परिजनों को गिरफ्तारी की जानकारी दे दी गई है.

अब आगे क्या?
CBI की यह गिरफ्तारी संकेत देती है कि अब मणिपुर में हिंसा भड़काने वालों पर शिकंजा कसने की कोशिशें तेज हो रही हैं. लेकिन सवाल अब भी बाकी है क्या अरम्बाई टेंगगोल जैसे संगठनों को सिर्फ ‘सांस्कृतिक समूह’ कहकर छोड़ा जा सकता है? कई जानकारों का मानना है कि जब तक इस तरह के गुटों के वैचारिक और डिजिटल नेटवर्क की परतें नहीं खोली जातीं तब तक मणिपुर की शांति सिर्फ कागज पर रहेगी.

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Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें

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