संसद के सामने ट्रेन, वो भी कनॉट प्‍लेस होते हुए पहुंची, पर एक भी यात्री नहीं!

7 hours ago

Last Updated:July 14, 2025, 10:42 IST

Train front of Parliament House- संसद भवन के सामने ट्रेन, यह सुनकर बड़ा अजीब लग रहा होगा लेकिन सच है, कि राष्‍ट्रपति भवन के निर्माण के लिए ट्रे को संसद भवन तक चलाया गया था.

संसद के सामने ट्रेन, वो भी कनॉट प्‍लेस होते हुए पहुंची, पर एक भी यात्री नहीं!

इस तरह संसद के सामने से जाती थी ट्रेन.

हाइलाइट्स

राष्‍ट्रपति भवन और साउथ-नार्थ ब्‍लाके के निर्माण के समय चली थी ट्रेनट्रेन से पत्‍थरों की ढुलाई की जाती थीकनाट प्‍लेस के निर्माण के समय हटा दी गयी थी पटरियां

नई दिल्‍ली. संसद के सामने ट्रेन, वो भी कनॉट प्‍लेस होकर पहुंची. हालांकि इसमें एक भी यात्री सवार नहीं था. क्‍योंकि यह मालगाड़ी थी. हालांकि आपको सुनकर अजीब लग रहा होगा. लेकिन सच है, संसद के सामने तक ट्रेन चली थी. राष्‍ट्रपति भवन को बनाने के लिए रेलवे को संसद भवन के सामने तक ट्रेन चलानी पड़ी थी. इतना ही नहीं इसके ि‍लए स्‍पेशल रेलवे ट्रैक बिछाया गया था, जो कनाट प्‍लेट होते हुए संसद भवन के सामने होकर गया था. जानिए इस खास ट्रैक के संबंध में-

रेल मंत्रालय के अनुसार रायसीना हिल्‍स में संसद भवन, राष्‍ट्रपति भवन, नार्थ व साउथ ब्‍लाक के निर्माण में लाल तथा बलुआ पत्‍थरों का इस्‍तेमाल हुआ है. ये पत्‍थर राजस्‍थान से लाए गए हैं. इनती भारी मात्रा में यहां तक पहुंचाना चैलेंज था. संसद का निर्माण 1921 में शुरू हुआ था. उस समय नई दिल्‍ली स्‍टेशन नहीं था. पुरानी दिल्‍ली से इन पत्‍थरों को रायसीना हिल्‍स लाया जा जाता था.

सड़क से पहुंचाने में लग रहा था समय

सड़क मार्ग से पत्‍थरों को पहुंचाने में काफी समय लग रहा था. इसी वजह से रेलवे अधिकारियों ने पत्‍थरों को ट्रेन से रायसीना हिल्‍स पहुंचाने का फैसला किया. इसके लिए सदर बाजार से रायसीना हिल्‍स तक रेलवे ट्रैक बिछाने का फैसला किया गया. क्‍योंकि पुरानी दिल्‍ली की ओर जाने वाली ट्रेनें सदर बाजार होकर जाती थीं, यहां तक ट्रैक बिछा हुआ था. इंजीनियरों ने दिनरात काम करके जल्‍द ही ट्रैक बिछा दिया.

यह था ट्रैक का रूट

ट्रैक का निर्माण मौजूदा नई दिल्‍ली स्‍टेशन( उस समय नहीं था), कनाट प्‍लेस होते हुए संसद भवन के सामने तक किया गया. इसी ट्रैक पर पत्‍थर ढोने की ट्रेन शुरू की गयी, जो संसद भवन के सामने तक जाती थी,यहां पर पत्‍थर उतारकर वापस लौट आती थी. इस तरह सड़क मार्ग की तुलना में ट्रेन से पत्‍थरों सप्‍लाई तेजी से शुरू हुई. इसी का परिणाम है कि छह वर्ष में निर्माण कार्य पूरा हो गया.

कनाट प्‍लेस के निर्माण के समय हटाया गया ट्रैक

उस समय कनाट प्‍लेस का निर्माण नहीं हुआ था. ट्रैक यहीं से गया था लेकिन बाद में इसका निर्माण किया जाना था. इस वजह से ट्रैक को हटाने का फैसला लिया गया. इसका निर्माण 1929 में शुरू हुआ था.

आज भी मौजूद है ट्रैक

यह ट्रैक आज भी मौजूद है. नई दिल्‍ली स्‍टेशन से एक ट्रैक इस्‍टेट एंट्री रोड की ओर जा रहा है, जो कनाट प्‍लेट के बाहरी सर्कल से पहले तक है. उत्‍तर रेलवे के सीपीआरओ आफिस के ठीक बगल में जाकर यह रेलवे ट्रैक देखा जा सकता है. आज भी यहां तक कई इंजन आते हैं और कनाट प्‍लेस की बाहरी सर्कल की दीवार से लौट जाते हैं.

Location :

New Delhi,Delhi

homenation

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