नई दिल्ली. तीन तरफ से समुद्र से घिरे भारत की 11098 किलोमीटर लंबी कोस्ट लाइन और 2.4 मिलियन वर्ग किलोमीटर में फैला एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन सुरक्षा के लेहाजा से बेहद जरूरी और चुनौतीपूर्ण है. इसी का फायदा उठाकर पाकिस्तान ने साल 2008 में नवंबर की 26 तारीख को मुंबई हमले को अंजाम दिया. लेकिन उसके बाद से किसी भी हमले की कोशिश को अंजाम देने की हिम्मत तक नहीं जुटा सका. 26/11 के बाद से भारतीय तटीय सुरक्षा चाक चौबंद करने के लिए कई कदम उठाए गए. जिसमें सबसे जरूरी था इंफॉरमेशन का इंटीग्रेशन यानी की केंद्र सरकार, तटीय इलाके वाले राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के संबंधित मंत्रालय और एजेंसियों के बीच तालमेल को बढ़ावा देना.
26/11 के बाद से सरकार ने कोस्टल पुलिस को मजबूत किया. कोस्टल एरिया में सर्विलांस के लिए कैमरे तैनात किए और जितनी भी कोस्टल एजेंसियां है, उन्हें भी मजबूती दी. इसी मजबूती की समीक्षा भी साल 2018 से शुरू की गई. इस अभ्यास को नाम दिया गया सी विजिल. ये अभ्यास पोर्ट, ऑयल रिग, अंडर वॉटर केबल लैंडिंग प्वाइंट और क्रिटिकल इफ्रास्ट्रकचर की सुरक्षा को मजबूत करने पर केंद्रित है.
क्या है ये सी विजिल?
सी विजिल अभ्यास का ये चौथा संस्करण है. इस अभ्यास का सबसे बड़ा मकसद तटीय सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदमों को रियल टाइम सिचुएशन बनाकर उनका अभ्यास करना और उसकी समीक्षा करना है. सी विजिल 2024 में नौसेना सभी तटीय राज्यों की मेरिटाइम एजेंसी, कोस्टगर्ड, कस्टम, शिपिंग, फिशरीज विभागों के शिप और अन्य विभाग सहित कुल 6 मंत्रालय 21 एजेंसी, एक साथ अभ्यास करेंगी. इस साल पहली बार नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के अधिकारी भी शामिल होंगे जो कि कोस्टल डिफेंस एंड सिक्योरिटी रेडिनेस की समीक्षा करेंगे. अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप सहित देश की पूरी तटीय सुरक्षा के नौसेना इंचार्ज बाकायदा पूरी तैयारियों और निर्माणों का ऑडिट भी करेंगे.
20 और 21 नवंबर को होगा अभ्यास
20 और 21 नवंबर को आयोजित किए जाने वाले इस अभ्यास में 11 हजार से ज्यादा किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा और EEZ को सुरक्षित रखने के लिहाज से ये एक राष्ट्रीय स्तर का अभ्यास है. ये अभ्यास बंगाल की खाड़ी, अरब सागर, हिंद महासागर और जितने भी एक्सक्लूसिव इकॉनोमिक जोन हैं, वहां एक साथ किया जाएगा. इसके लिए कई अलग-अलग जगह पर कंट्रोल सेंटर भी बनाए गए हैं. जहां से ये पूरा अभ्यास मॉनिटर किया जाएगा. सी विजिल में भारतीय नौसेना और कोस्ट गार्ड के जंगी जहाज, हेलिकॉप्टर, ऑफशोर पेट्रोल वेसेल हिस्सा लेंगे. इस अभ्यास के तहत इस बात की तस्दीक की जाएगी की 26/11 मुम्बई हमले के बाद से तटीय राज्यों , और एजेंसियों के बीच तालमेल और क्विक रिंस्पांस किस हद तक मजूबत हुआ है.
कैसे दिया जाएगा अभ्यास को अंजाम
समुद्री सीमा की सुरक्षा तहत तैनाती लेयर में होती है. जैसे कि पहली लेयर में नौसेना समुद्री तट से 200 नॉटिकल मील पर भारत के एक्सक्लूसिव इकॉनोमिक जोन पर तैनात है. उसके बाद दूसरी लेयर में कोस्टगार्ड जो कि तट से 16 नॉटिकल मील तक की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालती है. उसके बाद कोस्टल पुलिस और अन्य तटीय एजेंसियों के बीच रीयल टाइम सिचुएशन को तैयार कर के खतरे से निपटने का अभ्यास किया जाएगा. इसमें मछली पकड़ने वाली संदिग्ध बोट को किस तरह से स्पीड बोट के जरिए घेरकर उसे काबू में लाया जाता है. संदिग्धों सामग्री वाले बड़े मालवाहक और तट की तरफ़ बढ़ते हुए अनआईडेंटिफाइड जहाजों पर ऑपरेशन कर के कैसे उन्हें रोका जाता है.
मरीन कमॉडों के ऑयल रिग पर हैलिबॉर्न एक्सरसाइज ड्रिल को विषम परिस्थितियों में सफलता पूर्वक अंजाम देने का अभ्यास किया जाएगा. सभी स्टेक होल्डर के बीच कम्युनिकेशन और उसके आधार पर रिएक्शन को परखा जाएगा. समुद्र के रास्ते आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना, नॉर्को टेररिज्म और पाइरेसी जैसे गतिविधियों को रोककर देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करना सबसे महत्वपूर्ण है. इसी दिशा में केंद्र सरकार, राज्य सरकार और यूनियन टेरेटेरी के सभी मेरिटाइम सिक्योरिटी से संबंधित विभागों को एक साथ लाकर इसकी समीक्षा की जाएगी.
Tags: Arabian Sea, Mumbai Terrorist Attack, Security, Terrorist attack
FIRST PUBLISHED :
November 14, 2024, 18:52 IST