हाइलाइट्स
साल 2014 में 7वां वेतन आयोग बना था. 10 साल बाद फिर इसका गठन होना है. अभी सरकार की ओर से बयान नहीं आया.
8th Pay Commission: देश के लाखों सरकारी कर्मचारियों के लिए नवंबर का महीना बेहद खास होने वाला है. संभावना जताई जा रही है कि 10 साल का इंतजार अब खत्म हो सकता है. अगले महीने सरकार और कर्मचारी संगठन मिलकर वेतन बढ़ाने पर फैसला करेंगे. इसकी मांग तो लंबे समय से की जा रही है, लेकिन यह पहला मौका होगा जब सरकार और कर्मचारी संगठन इस मुद्दे पर फैसला करने के लिए आमने-सामने होंगे. अगर इस पर सहमति बनती है तो यह सरकारी कर्मचारियों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं होगा.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं 8वें वेतन आयोग की. सरकारी कर्मचारियों को लंबे समय से 8वें वेतन आयोग के गठन का इंतजार है, जो उनकी सैलरी बढ़ाने पर फैसला करेगा. लगातार मांग के बावजूद अभी तक सरकार की ओर से इस पर कोई बयान नहीं दिया गया है, लेकिन अब कर्मचारियों की सर्विस शर्तों पर चर्चा के लिए गठित ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM) ने अगले महीने यानी नवंबर में कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक करने पर सहमति जताई है. इस बैठक में 8वें वेतन आयोग पर भी चर्चा की जाएगी.
क्यों जताई जा रही संभावना
इस बार 8वें वेतन आयोग पर चर्चा और फैसले की संभावना इसलिए ज्यादा जताई जा रही है, क्योंकि ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन के प्रमुख और JCM की नेशनल काउंसिल के सचिव शिव गोपाल मिश्रा का कहना है कि इस बैठक में 8वें वेतन आयोग पर कुछ स्पष्टता मिलने की पूरी उम्मीद है. बैठक में कर्मचारी संगठनों के सदस्य इस मुद्दे को उठाएंगे.
10 साल पहले बना था पिछला आयोग
शिव गोपाल मिश्रा का कहना है कि कर्मचारी यूनियन पहले भी सरकार को ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन अभी तक इस पर कोई बयान नहीं आया है. पिछला वेतन आयोग यानी 7वें आयोग का गठन 2014 में हुआ था और इसकी सिफारिशें 2016 से लागू की गई थी. आमतौर पर यह वेतन आयोग हर 10 साल पर लागू किया जाता है, लेकिन इसकी कोई अनिवार्यता नहीं है. हालांकि, 7वें वेतन आयोग में कहा गया था कि जरूरी नहीं कि कर्मचारियों के वेतन की समीक्षा 10 साल पर ही हो, इसे समय-समय पर करते रहना चाहिए.
कितनी बढ़ेगी सैलरी
कर्मचारी संगठनों ने सरकार को लिखे अपने पत्र में कहा है कि 7वें वेतन आयोग के बाद से अब तक सरकारी कामकाज, अर्थव्यवस्था और सेवाओं की मांग में काफी बदलाव आया है. लिहाजा 8वें वेतन आयोग में इन चीजों पर भी फोकस होना चाहिए और इसी के अनुरूप वेतन में बढ़ोतरी पर फैसला भी किया जाना चाहिए. आपको बता दें कि पिछली बार 23 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. कर्मचारी संगठनों की मानें तो इस बार वेतन में 30 से 35 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है.
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FIRST PUBLISHED :
October 29, 2024, 12:45 IST