सरदार पटेल होते तो डर जाते… धनखड़ के सदन में बयान पर जयराम रमेश ने खोला मोर्चा

1 month ago

हाइलाइट्स

उपराष्‍ट्रपति ने सदन में RSS की तारीफ बुधवार को की थी.कांग्रेस की तरफ से जयराम रमेश ने बयान के खिलाफ मोर्चा खोल दियारमेश ने RSS को गांधी जी का हत्‍यारा करार देते हुए गंभीर आरोप लगाए.

नई दिल्ली. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को सदन में राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवा संगठन (RSS) की जमकर तारीफ की थी. उन्‍होंने कहा था कि आरएसएस की ‘बेदाग साख’ है और वो ‘राष्‍ट्रीय सेवा’ का काम कर रह है. एक दिन बाद आज कांग्रेस ने उपराष्‍ट्रपति की बात का जवाब देते हुए कहा कि इस संगठन का “भारत की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने” का लंबा इतिहास रहा है. साथ ही यह देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के लिए “अभिशाप” है.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि हाल के दिनों में आरएसएस को दी जा रही “क्लीन चिट और प्रशंसा प्रमाणपत्र” से जो व्यक्ति भयभीत होता वह कोई और नहीं बल्कि ‘भारत के लौह पुरुष’ सरदार वल्लभभाई पटेल होते. गृह मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के कई दस्तावेज RSS के “हिंसक, संविधान विरोधी और राष्ट्र विरोधी चरित्र” से उनकी गहरी दहशत को दर्शाते हैं.

जयराम रमेश ने अपने पोस्‍ट में आगे कहा, “सरदार पटेल की अध्यक्षता में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 4 फरवरी, 1948 को जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि वह RSS पर प्रतिबंध लगा रहे हैं ‘ताकि हमारे देश में काम कर रही नफरत और हिंसा की ताकतों को जड़ से उखाड़ फेंका जा सके. संघ की गतिविधियों से प्रेरित और प्रायोजित हिंसा ने कई लोगों की जान ली है. सबसे हालिया और सबसे कीमती व्यक्ति खुद गांधीजी थे.”

कांग्रेस नेता ने बताया कि पटेल ने सितंबर 1948 में एमएस गोलवलकर को भी पत्र लिखकर आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने के अपने फैसले के बारे में बताया था. रमेश ने पत्र में पटेल के हवाले से कहा, ” आरएसएस के सभी भाषण सांप्रदायिक जहर से भरे हुए थे. जहर के अंतिम परिणाम के रूप में, देश को गांधीजी के अमूल्य जीवन का बलिदान सहना पड़ा. गांधीजी की मृत्यु के बाद आरएसएस के लोगों ने खुशी जताई और मिठाइयां बांटीं.” रमेश ने आरोप लगाया, “आरएसएस का भारत की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने का लंबा इतिहास रहा है. आरएसएस सरदार पटेल के लिए अभिशाप था, जैसे कि किसी अन्य भारतीय राष्ट्रवादी के लिए है.”

Tags: Jagdeep Dhankhar, Jairam ramesh, Sardar Vallabhbhai Patel

FIRST PUBLISHED :

August 1, 2024, 18:06 IST

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