Last Updated:August 26, 2025, 05:46 IST
INDIAN NAVY WARSHIP: विशाखापत्तनम में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह उदयगिरी और हिमगिरी दोनों वॉरशिप को आधिकारिक तौर पर नौसेना में शामिल करेंगे. इनके नौसेना में शामिल होने के बाद भारतीय नौसेना की ताकत में जबरदस्त इजाफ...और पढ़ें

INDIAN NAVY WARSHIP: चीन और पाकिस्तान की समुद्र में बढ़ती गतिविधियों को भारतीय नौसेना बारीकी से मॉनिटर कर रही है. दोनों की जुगलबंदी भारत के लिए कब चुनौती बन जाए, कहा नहीं जा सकता. इसलिए नौसेना ने इसका देसी इलाज ढूंढ लिया है. इसी कड़ी में आज एक ही दिन में दो नीलगिरी क्लास स्टेल्थ फ्रीगेट उदयगिरी और हिमगिरी नौसेना में शामिल हो रहे हैं. खास बात यह है कि ये दोनों फ्रीगेट दुनिया के सबसे खतरनाक सुपरसोनिक लॉन्ग रेंज एंटी शिप मिसाइल ब्रह्मोस से लैस हैं. सिर्फ यही नहीं, जितने भी स्वदेशी वॉरशिप नौसेना में शामिल किए जा रहे हैं, चाहे वो डिस्ट्रॉयर हों या फ्रीगेट, सभी में ब्रह्मोस मौजूद है. और जो पहले से ही सर्विस में हैं, उन्हें भी ब्रह्मोस से लैस किया जा रहा है. चीन और पाकिस्तान ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस का गदर देख चुके हैं.
2030 तक हर वॉरशिप होगा ब्रह्मोस से लैस
26 अगस्त के बाद से नौसेना के बेड़े में गाइडेड मिसाइल स्टेल्थ फ्रीगेट की कुल संख्या 14 हो जाएगी. हर वॉरशिप में 8 वर्टिकल लॉन्च ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइल लॉन्चर लगे हैं. भारतीय नौसेना में तलवार क्लास के वॉरशिप 2003 से शामिल होना शुरू हो गए थे. अब तक इस क्लास के 6 जंगी जहाज भारतीय नौसेना में समुद्री सुरक्षा में लगे हैं. इन 6 स्टेल्थ फ्रीगेट्स में से 4 को ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस किया जा चुका है, जबकि बाकी दो को ब्रह्मोस से लैस करने का काम जारी है. इसके अलावा, साल 2016 में भारत और रूस के बीच 4 तलवार क्लास स्टेल्थ फ्रीगेट्स बनाने के लिए समझौता हुआ था, जिनमें से दो रूस में और दो भारत में बनने थे. रूस में बने तुशिल और तमाल नौसेना में शामिल किए जा चुके हैं. दो और आने वाले हैं. आने वाले दिनों में भारतीय नौसेना के पास कुल गाइडेड मिसाइल स्टेल्थ फ्रीगेट की संख्या 20 हो जाएगी, जिसमें 7 नीलगिरी क्लास, 3 शिवालिक क्लास और 10 तलवार क्लास स्टेल्थ फ्रीगेट होंगे. इसके अलावा भारतीय नौसेना के पास 13 डिस्ट्रॉयर भी मौजूद हैं और हर नया डिस्ट्रॉयर 16 ब्रह्मोस वर्टिकल लॉन्चर से लैस हैं, जबकि पुराने डिस्ट्रॉयर में 8 लॉन्चर मौजूद हैं. इसमें 4 विशाखापत्तनम क्लास गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर, 3 कोलकाता क्लास, 3 दिल्ली क्लास और 3 राजपूत क्लास गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर शामिल हैं. सबका अगर जोड़ निकाला जाए तो साल 2030 में नेवी एक साथ 300 से ज्यादा ब्रह्मोस मिसाइल दाग सकती है. पाकिस्तान जैसे देश के साथ अगर ऐसा हुआ तो कराची से लेकर ग्वादर तक सब धुआं-धुआं हो जाएगा.
नीलगिरी क्लास फ्रीगेट की कहानी
आत्मनिर्भर भारत की मुहिम में एक के बाद एक स्वदेशी वॉरशिप नौसेना को सौंपे जा रहे हैं. प्रोजेक्ट 17A के तहत 7 नीलगिरी क्लास गाइडेड मिसाइल स्टेल्थ फ्रीगेट नौसेना के लिए बनाए जा रहे हैं. साल 2015 में MDL के साथ 4 और GRSE शिपबिल्डर के साथ 3 स्टेल्थ फ्रीगेट का करार हुआ था. इस प्रोजेक्ट के सभी 7 शिप साल 2019 से 2023 के बीच MDL और GRSE शिपबिल्डर लॉन्च कर चुके थे. इनमें से 4 के समुद्री परीक्षण जारी हैं. इन सभी स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रीगेट के नौसेना में शामिल होने के बाद नीले समुद्र में भारत की ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा. उदयगिरी नेवल डिजाइन ब्यूरो की तरफ से डिजाइन किया गया सौवां शिप है. नीलगिरी क्लास स्टेल्थ फ्रीगेट उदयगिरी भी 1 जुलाई को नौसेना को सौंपा गया था. 31 जुलाई को प्रोजेक्ट 17A के तहत बने एडवांस स्टेल्थ फ्रीगेट हिमगिरी नौसेना को सौंपा गया. साल 2025 तक इस क्लास के तीन वॉरशिप नौसेना के पास आ जाएंगे. पहला INS नीलगिरी को इसी साल जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेवी में शामिल किया था.
गाइडेड मिसाइल स्टेल्थ फ्रीगेट की ताकत
प्रोजेक्ट 17A के हिमगिरी और उदयगिरि की खासियत यह है कि यह एंटी सर्फेस और एंटी शिप वॉरफेयर के लिए ब्रह्मोस से लैस हैं. एंटी एयर वॉरफेयर के लिए एयर डिफेंस गन और बराक 8 लॉन्ग रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल, एंटी सबमरीन वॉरफेयर के लिए वरुणास्त्र और एंटी सबमरीन रॉकेट लॉन्चर से लैस हैं. यह फ्रीगेट सोनार, कॉम्बेट मैनेजमेंट सिस्टम और मल्टी फंक्शन डिजिटल रडार से लैस हैं, जो लंबी दूरी से आने वाले अटैक को डिटेक्ट, ट्रैक और इंटरसेप्ट कर सकते हैं. इस फ्रीगेट में 2 हेलिकॉप्टर भी आसानी से लैंड कर सकते हैं और उन्हें रखने के लिए हैंगर भी मौजूद है. इस प्रोजेक्ट 17A के तहत बनाए जा रहे सभी 7 फ्रीगेट में 75 प्रतिशत उपकरण स्वदेशी कंपनियों से लिए गए हैं. इसका डिज़ाइन भी स्वदेशी है, और इसका स्टील भी स्वदेशी है. इसका डिज़ाइन नेवी वॉरशिप डिज़ाइन ब्यूरो ने तैयार किया है. 6700 टन वजनी यह फ्रीगेट 30 नॉटिकल मील प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है. प्रोजेक्ट 17A के सभी वॉरशिप शिवालिक क्लास फ्रीगेट से 5 प्रतिशत बड़े हैं.
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First Published :
August 26, 2025, 05:46 IST