सिक्किम में भूस्खलन, 2 सैनिकों की मौत 6 लापता, 1200 टूरिस्ट को किया रेस्क्यू

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Last Updated:June 02, 2025, 23:20 IST

SIKKIM LAND SLIDE: प्राकृतिक आपदा को रोक पाना तो किसी के बस में नहीं है, लेकिन उसकी पहचान करना संभव है. पहाड़ी इलाकों में बादल फटने और ग्लेशियर फटने जैसी घटनाएं आम हैं, और इसकी वजह से नदी में आने वाला सैलाब निच...और पढ़ें

सिक्किम में भूस्खलन का कहर, 2 सैनिकों की मौत 6 लापता, 1200 को सुरक्षित निकाला

सिक्किम में कुदरत का कहर

हाइलाइट्स

सिक्किम में भूस्खलन से 2 सैनिकों की मौत, 6 लापता.1200 से ज्यादा सैलानी सुरक्षित निकाले गए.सेना ने एडवांस फ्लड वॉर्निंग सिस्टम तैयार किया.

SIKKIM LAND SLIDE: भारी बारिश के चलते सिक्किम में हर बार आफत आ जाती है. रविवार शाम 7 बजे भी ऐसा ही हुआ जब भारी बारिश की वजह से सिक्किम के लाचेन जिले के छातेन इलाके में भूस्खलन हो गया. इस भूस्खलन की चपेट में भारतीय सेना का एक कैंप भी आ गया. भारतीय सेना ने तुरंत राहत और बचाव के काम को शुरू किया. कुल 7 लोगों को रेस्क्यू किया गया, जिसमें से 4 को हल्की चोटें आईं और बाकी 3 के शव बरामद किए गए. मारे गए सैनिकों के नाम हवलदार लखविंदर सिंह, लांस नायक मुनीश ठाकुर और पोर्टर अभिषेक लखाड़ा शामिल हैं. सेना 6 अन्य लापता सैनिकों की तलाश में जुटी है. बताया जा रहा है कि इस पूरे रूट पर ज्यादातर पुल को इस आफत की बारिश और भूस्खलन में नुकसान हुआ है. फिलहाल सेना को राहत बचाव के लिए स्थानीय प्रशासन ने आग्रह नहीं किया है, लेकिन सेना अपने इलाके के आसपास जरूरत के हिसाब से अपने ऑपरेशन को अंजाम दे रही है.

भूस्खलन के चलते फंसे लोग को निकाला गया
भूस्खलन के चलते जगह-जगह सड़के बंद हो चुकी हैं. नॉर्थ सिक्किम के लाचेन और लाचुंग में 1200 से ज्यादा पर्यटक फंसे हुए थे. इसके अलावा 200 से ज्यादा गाड़ियां भी फंसी हुई थीं. सभी फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. डीएम अनंत जैन लगातार राहत और बचाव की निगरानी कर रहे हैं. उनके मुताबिक कुछ यात्री अभी भी फंसे हुए हैं. मौसम ठीक रहा तो हेलिकॉप्टर के जरिए उन्हें निकाला जाएगा.

सेना ने तैयार किया एडवांस फ्लड वॉर्निंग सिस्टम
सेना के कोर ऑफ इंजीनियर रेजिमेंट ने एक ऐसा फ्लड मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार किया है जो बढ़ते पानी के स्तर को मॉनिटर कर के तुरंत SMS भेज कर अलर्ट कर देगा.  साल 2023 में सिक्किम की तीस्ता नदी जहां से निकलती है, उसका ग्लेशियर लेक फट गया और पानी तेजी से तीस्ता में बहने लगा, जिससे निचले इलाकों में तबाही मच गई. सेना को भी काफी नुकसान हुआ. कोर ऑफ इंजीनियर्स के लेफ्टिनेंट कर्नल विनायक रावूल और हवलदार सुरेश पीके ने उसी खतरे से सीख लेते हुए अचानक और असामान्य तरीके से नदी में पानी के लेवल को मॉनिटर करने के लिए सोलर से ऑपरेट होने वाला एडवांस फ्लड वॉर्निंग सिस्टम डेवलप किया है. सूत्रो में मुतबिक फिलहाल इस डिवाइस प्रोडक्शन स्टेज पर है.

सिक्किम में भूस्खलन का कहर, 2 सैनिकों की मौत 6 लापता, 1200 को सुरक्षित निकाला

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