सुनीता विलियम्स को डेली 430 रुपये ओवरटाइम... चौंक गए ट्रंप, भारत होता तो ऐसा न होता!

1 day ago

Donald trump on astronauts overtime issue: अमेरिका की सरकारी स्पेस एजेंसी नासा हो या कोई और प्राइवेट वेंडर वो अपने-अपने एस्ट्रोनाट्स को कितनी सैलरी और ओवरटाइम में कितना पैसा देता है ये सवाल जमकर पूछा जा रहा है. ये इसलिए क्योंकि हाल ही में भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स लंबे इंतजार के बाद स्पेस से लौटीं तो उन्हें मिलने वाली पेमेंट को लेकर कुछ ऐसा सुनने को मिला कि ऑनलाइन बवाल कट गया. दरअसल अमेरिका को एक बार फिर से महान बनाने का नारा देने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो कुछ कहा उस पर दुनियाभर के नेटिजंस का रेस्पांस आ रहा है.

माजरा क्या है?

ट्रंप ने सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की सेफ लैंडिंग के लिए स्पेसएक्स (SpaceX) के मालिक और अपने बेहद खासमखास डोजी (DOGE: Department of Government Efficiency) के अफसर एलन मस्क की तारीफ की थी. उसी दौरान पता चला कि अंतरिक्ष में टोटल 278 एक्स्ट्रा दिन बिताने के बावजूद, नासा के अंतरिक्ष यात्रियों को ओवरटाइम सैलरी नहीं मिलेगा. यानी जिस मसले पर दुनिया की निगाह टिकी थी. अब उससे जुड़े पैसे के इस्यू को लेकर डोनाल्ड ट्रंप का प्रस्ताव वायरल हो रहा है.

ओवरटाइम को लेकर क्या है नियम?

नासा के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए निर्धारित ओवरटाइम के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा, 'किसी ने भी मुझसे इस बारे में कभी बात नहीं की. अगर मुझे करना पड़ा, तो मैं अपनी जेब से इसका भुगतान करूंगा. वहीं ये भी सच है कि कमर्सियल जॉब्स के इतर, नासा के अंतरिक्ष यात्री अमेरिका की संघीय सरकार के कर्मचारी होते हैं. इसका सीधा मतलब ये होता है कि उन्हें अन्य सरकारी कर्मचारियों के समान एक मानक तय सैलरी मिलती है. इस सामान्य अनुसूची के तहत, उन्हें विस्तारित मिशनों के लिए अतिरिक्त वेतन नहीं मिलता है - जिसमें ओवरटाइम, सप्ताहांत या छुट्टियों पर काम करना शामिल है. यहां तक ​​कि अंतरिक्ष की यात्रा को भी सरकारी कर्मचारियों के रूप में आधिकारिक यात्रा माना जाता है.

नासा का पे-रोल

नासा अंतरिक्ष यात्रियों के परिवहन, ठहरने और भोजन का खर्च उठाता है. वे छोटे दैनिक खर्चों के लिए मात्र पांच डॉलर यानी 430 रुपये मात्र का एक्स्ट्रा पेमेंट देता है. इस मद को इंसीडेंटल्स यानी आकस्मिक भत्ता कहा जाता है. सुनीता विलियम्स और विल्मोर ने स्पेस में 286 दिन बिताए हैं. इसलिए उन्हें 94,998 डॉलर (81,69,861 रुपये) और 123,152 डॉलर (1,05,91,115 रुपये) के बीच मिलने वाली सैलरी के अलावा प्रत्येक को 1,430 डॉलर (1,22,980 रुपये) अतिरिक्त मिलेंगे.

जब ट्रंप को पूरे मिशन के दौरान घटी घटनाओं के बारे में बताया गया, तो उन्होंने कहा, क्या बस इतना ही? उन्हें जो कुछ भी सहना पड़ा, उसके लिए यह बहुत कुछ नहीं है. ओवल ऑफिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने नासा के अंतरिक्ष यात्रियों को घर वापस लाने के लिए एलन मस्क को धन्यवाद देते हुए कहा, 'अगर हमारे पास एलन नहीं होते... तो उन्हें और लंबे समय तक वहां रुकना पड़ता. अब उन्हें और कौन ले जाएगा? अंतरिक्ष में 9-10 महीने रहने के बाद शरीर खराब होने लगता है. सोचिए अगर हमारे पास समय नहीं होता? वह (एलन मस्क) अभी बहुत कुछ झेल रहे हैं. देश के लिए कर रहे हैं.

घर लौटीं सुनीता विलियम्स 

विलियम्स और विल्मोर, पिछले साल 5 जून से आईएसएस पर थे, बीते बुधवार की सुबह दोनों स्पेसएक्स के यान से धरती पर लौटे. फ्लोरिडा के पूर्वी तट पर वो नीचे उतरे और स्ट्रेचर पर कैप्सूल से बाहर आए. कैप्सूल के अंदर और स्ट्रेचर पर अंतरिक्ष यात्रियों के मुस्कुराते और हाथ हिलाते हुए दृश्य दुनिया भर में लाइव प्रसारित किए गए थे. तब न केवल उनकी फैमिली, बल्कि अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी का जश्न पूरी दुनिया में मनाया गया था.

जबकि घर वापस लौटना एक चुनौती थी, नासा के अंतरिक्ष यात्रियों को सामान्य जीवन में लौटने में कुछ समय लगेगा. वे मांसपेशियों और हड्डियों के घनत्व को फिर से पहले जैसा बनाने के लिए एक महीने के रिहैब और अन्य मेडिकल जांचों से गुजरेंगे. इस दौरान उन्हें शक्ति प्रशिक्षण और धरती पर चलने के अनुकूल अभ्यास कराया जाएगा.

कैसी है प्रतिक्रियाएं?

आपको बताते चलें कि सुनीता और उनके साथी विल्मोर देश के मिशन के लिए गए और वहां फंस गए थे. ऐसे में अगर वो भारत के मिशन पर भारतीय एस्ट्रोनाट्स की हैसियत से गई होतीं तो पूरे देश में उनकी वापसी पर विश्वविजेताओं के जैसा स्वागत होता और केंद्र सरकार के साथ कई राज्य सरकारें उन पर पैसों की बारिश कर देतीं लेकिन अमेरिका में एक दिन का ओवरटाइम मात्र 430 रुपये जानकर लोगों का मन खट्टा हो गया है.

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