Israeli hostages: दो साल से ज्यादा लंबे इंतजार के बाद इजरायल को बड़ी राहत मिली है. हमास ने आखिरी जीवित बंधकों को रिहा कर दिया. इजरायल ने कहा कि अब उनके पास कोई बंधक नहीं बचा. ये लोग 7 अक्टूबर 2023 के हमले में पकड़े गए थे. सोमवार को रिहा हुए 13 बंधकों का यह दूसरा ग्रुप था. इससे पहले सात लोग घर लौट चुके थे. रेड क्रॉस ने गाजा से इन्हें इजरायली सेना को सौंपा.
सभी जिंदा बंधक इजरायल को मिले
सोमवार सुबह ही इजरायल रक्षा बल (आईडीएफ) ने एक्स पोस्ट में खुशी जताई. उन्होंने लिखा, "अपनी सीमाओं की ओर लौट रहे हैं. सात लौटते बंधक अब गाजा पट्टी में आईडीएफ और शिन बेट बलों से मिल चुके हैं, और वे इजरायली क्षेत्र की ओर जा रहे हैं." ये बंधक नोवा म्यूजिक फेस्टिवल और किबुट्ज पर हमले में पकड़े गए थे. इनमें गली और जिव बर्मन, मतन अंगरेस्ट, एलन ओहेल, ओमरी मीरान, एतान मोर और गाय गिल्बोआ-डाला जैसे नाम शामिल हैं. दो साल की कैद के बाद ये लोग कमजोर और घायल हैं. इजरायल में उनका इंतजार कर रहे परिवार भावुक हो गए. तेल अवीव के होस्टेज स्क्वायर पर हजारों लोग जमा हुए, जहां बड़े स्क्रीन पर लाइव दिखाया गया.
बंधकों के साथ सबसे पहले इजरायल में क्या होगा?
रिहा होते ही बंधकों का सबसे पहला काम चिकित्सीय जांच होगा. इजरायली सेना ने साफ कहा कि डॉक्टरों की टीम तैयार है. ये लोग लंबे समय से कैद में थे, इसलिए शारीरिक और मानसिक जांच जरूरी है. आईडीएफ ने बताया, जांच के बाद इन्हें परिवारों से मिलने दिया जाएगा. कुछ बंधकों ने रिहाई से पहले वीडियो कॉल पर घरवालों से बात की है. इससे पहले, सात इजरायली नागरिक 738 दिनों से ज्यादा समय तक हमास की कैद में रहने के बाद अपने देश लौट आए थे. इन सात में गली और जिव बर्मन, मतन अंगरेस्ट, एलन ओहेल, ओमरी मीरान, एतान मोर और गाय गिल्बोआ-डाला शामिल हैं.
सभी की निजता कर रखें ध्यान
आईडीएफ प्रवक्ता ने जनता से जिम्मेदारी और संवेदनशीलता बरतने, वापस लौटे लोगों की निजता का सम्मान करने और आधिकारिक जानकारी का पालन करने का अनुरोध किया है. आईडीएफ अतिरिक्त बंधकों को स्वीकार करने के लिए तैयार है, जिन्हें बाद में रेड क्रॉस को सौंपे जाने की उम्मीद है. इस बीच, हजारों इजरायली विशेष अवकाश प्रार्थना सभाओं के लिए नोवा स्थल पर एकत्रित हुए हैं. यह वही स्थल है जहां 7 अक्टूबर, 2023 को हमास ने कई इजरायलियों का नरसंहार किया था और सैकड़ों लोगों को बंधक बनाया था. इससे पहले, हमास ने घोषणा की कि वह गाजा युद्धविराम और कैदी विनिमय समझौते के पहले चरण में 20 "जीवित इजरायली बंदियों" को रिहा करेगा.
ट्रंप ने निभाई बड़ी भूमिका
हमास के अल-कस्साम ब्रिगेड ने एक बयान में कहा, "यह समझौता हमारे लोगों की दृढ़ता और इसके प्रतिरोध सेनानियों के लचीलेपन का परिणाम है, और हम इस समझौते और संबंधित समय-सीमा की अपनी प्रतिबद्धता का ऐलान करते हैं, जब तक कि दूसरा समूह इसका पालन करता है." इसमें आगे कहा गया है, "कई महीने पहले ही ज्यादातर बंदियों को जिंदा वापस किया जा सकता था, लेकिन वह इसमें लगातार देरी करता रहा." अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस डील में अहम भूमिका निभाई है. वे सोमवार को इजरायल पहुंचे और केनेसेट को संबोधित करेंगे. (इनपुट आईएएनएस से भी)