Last Updated:June 04, 2025, 14:11 IST
Tamil Kannada Row Explained: कमल हासन के बयान ने तमिल और कन्नड़ भाषाओं के बीच जंग सी छेड़ दी है. उनके इस बयान पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने भी खूब फटकार लगाई, लेकिन उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया. चलिये समझते ह...और पढ़ें

कमल हासन के बयान से तमिल और कन्नड के बीच जंग सी छिड़ गई है.
हाइलाइट्स
कमल हासन के बयान से तमिल-कन्नड़ विवाद बढ़ा.कर्नाटक हाईकोर्ट ने कमल हासन को फटकार लगाई.कमल हासन ने माफी मांगने से इनकार किया.दक्षिण भारत के सुपरस्टार और राजनेता कमल हासन एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं. इस बार उनकी फिल्म ठग लाइफ के प्रमोशन के दौरान दिया गया एक बयान कर्नाटक में आग की तरह फैल गया, जिसने न केवल तमिल और कन्नड़ समुदायों के बीच तनाव पैदा किया, बल्कि कर्नाटक हाईकोर्ट को भी सख्त टिप्पणी करने के लिए मजबूर कर दिया. कमल हासन के इस बयान ने हिंदी विरोध के पुराने विवाद को पीछे छोड़ते हुए तमिल, कन्नड़ और तेलुगु भाषाओं के बीच एक नई जंग को जन्म दे दिया है.
आखिर कमल हासन ने ऐसा क्या कहा, जिसने हिंदी से लड़ते-लड़ते तमिल और कन्नड़ के बीच जंग शुरू कर दी? और इस मामले ने कर्नाटक हाईकोर्ट को क्यों नाराज किया? आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं.
कमल हासन का विवादित बयान
कमल हासन ने 28 मई को चेन्नई में अपनी आने वाली फिल्म ठग लाइफ के ऑडियो लॉन्च इवेंट पर बोल रहे थे. उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत तमिल में ‘उइरे उरावे तमीझे’ कहकर की थी, जिसका मतलब होता है मेरा जीवन और मेरा परिवार तमिल भाषा है. इसी दौरान उन्होंने कन्नड़ अभिनेता शिवराजकुमार की मौजूदगी का जिक्र करते हुए कहा, ‘आपकी भाषा (कन्नड़) तमिल से पैदा हुई है, इसलिए आप भी हमारे परिवार का हिस्सा हैं.’
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कमल हासन के इस बयान ने कर्नाटक के लोगों को भड़का दिया. तमिलनाडु में कुछ लोग दावा करते हैं कि तेलुगु और कन्नड़ जैसी द्रविड़ भाषाओं का जन्म तमिल से हुआ है. यह दावा ऐतिहासिक रूप से विवादास्पद रहा है, क्योंकि भाषाविदों का मानना है कि तमिल, कन्नड़, तेलुगु और मलयालम सभी प्रोटो-द्रविड़ भाषा से अलग-अलग विकसित हुई हैं, न कि एक-दूसरे से… कमल हासन के बयान ने इस संवेदनशील मुद्दे को फिर से हवा दे दी, जिसने तमिल-तेलुगु भाषा के बीच नई बहस छेड़ दी.
कर्नाटक में विरोध और फिल्म पर बैन की मांग
कमल हासन के बयान के बाद कर्नाटक में तीखा विरोध शुरू हो गया. कन्नड़ समर्थक संगठनों, जैसे कर्नाटक रक्षण वेदिके (केआरवी), ने सड़कों पर उतरकर कमल हासन की तस्वीरें जलाईं और उनकी फिल्म ठग लाइफ पर बैन की मांग की. कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स (KFCC) ने कमल हासन को चेतावनी दी कि अगर वह 30 मई तक सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगेंगे को उनकी फिल्म को कर्नाटक में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा. केएफसीसी के अध्यक्ष एम. नरसिम्हालु ने कहा, ‘यह मामला सिनेमा से आगे बढ़ चुका है. यह कर्नाटक के स्वाभिमान का सवाल है.’
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी कमल हासन की आलोचना करते हुए कहा, ‘कन्नड़ भाषा का इतिहास समृद्ध और प्राचीन है. कमल हासन को इसके बारे में जानकारी नहीं है.’ बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने इसे ‘अहंकार की पराकाष्ठा’ करार दिया और कमल हासन को ‘एहसान फरामोश’ तक बता दिया. कुछ संगठनों ने तो थिएटरों में आग लगाने की धमकी तक दे डाली, जिसके बाद बेंगलुरु के बसवेश्वरनगर पुलिस ने कमल हासन की तस्वीर जलाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की.
कर्नाटक हाईकोर्ट की फटकार
विवाद बढ़ने के बाद कमल हासन ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने अपनी फिल्म ठग लाइफ की रिलीज को बिना किसी रुकावट के सुनिश्चित करने की मांग की. 3 जून 2025 को कर्नाटक हाईकोर्ट में जस्टिस एम. नागप्रसन्ना की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. कोर्ट ने कमल हासन को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा, ‘आप कमल हासन हो सकते हैं, लेकिन आपके पास लोगों की भावनाओं को आहत करने का अधिकार नहीं है. इस देश का बंटवारा भाषाई आधार पर हुआ था. पानी, जमीन और भाषा नागरिकों के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं.’ कोर्ट ने यह भी कहा कि कमल हासन को अपने बयान पर माफी मांग लेनी चाहिए, जो लोगों की भावनाओं को और भड़का रहा है.
कमल हासन के वकील ने दलील दी कि उनका बयान किसी व्यक्ति विशेष (शिवराजकुमार) के संदर्भ में था और इसमें कोई दुर्भावना नहीं थी. हालांकि, कोर्ट ने इस तर्क को पूरी तरह स्वीकार नहीं किया और कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब यह नहीं कि कोई भी कुछ भी बोल सकता है. कोर्ट ने यह भी नोट किया कि कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी जल विवाद जैसे मुद्दों के कारण पहले से ही तनाव है, और ऐसे बयान स्थिति को और बिगाड़ सकते हैं.
कमल हासन का रुख और सफाई
कमल हासन ने माफी मांगने से साफ इनकार कर दिया. तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘अगर मैं गलत हूं, तो माफी मांगूंगा. अगर मैं गलत नहीं हूं, तो माफी नहीं मांगूंगा. मैंने जो कहा, वह प्यार से कहा था.’ उन्होंने यह भी कहा कि उनका इरादा कन्नड़ या किसी अन्य भाषा का अपमान करना नहीं था, बल्कि वे तमिल और कन्नड़ के बीच भाईचारे की बात कर रहे थे. कमल हासन ने तमिलनाडु को एक ‘रेयर स्टेट’ बताया, जो अलग-अलग प्रांतों और भाषाओं के लोगों का स्वागत करता है, और कहा कि इतिहासकारों और भाषाविदों को इस बहस को सुलझाने देना चाहिए.
हिंदी विरोध से तमिल-कन्नड़ तनाव तक
दक्षिण भारत में क्षेत्रीय भाषा एक पुराना और संवेदनशील मुद्दा रहा है. वहां कथित रूप से हिन्दी थोपे जाने का गाहे-बगाहे विरोध भी होता रहा है. कमल हासन ने भी 2022 में हिंदी को ‘थोपने’ की निंदा की थी. वहीं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के साथ एक हालिया बैठक में उन्होंने केंद्र सरकार पर ‘हिंदिया’ बनाने का आरोप लगाया था. लेकिन इस बार उनके बयान ने हिंदी के बजाय कन्नड़-तमिल की लड़ाई शुरू कर दी.
कमल हासन के इस बयान को उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं से भी जोड़ा जा रहा है. उनकी पार्टी मक्कल निधि मय्यम (MNM) को डीएमके ने 19 जून 2025 को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए एक सीट दी है. तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया है. कुछ विश्लेषकों का मानना है कि कमल हासन का तमिल-समर्थक बयान डीएमके के वोट बैंक को मजबूत करने की रणनीति हो सकता है, लेकिन इसने कर्नाटक में उनकी छवि को डेंट कर दिया है और इससे उन्हें करोड़ों रुपये का भी नुकसान हुआ, जो उनकी फिल्म के कर्नाटक में रिलीज होने का अनुमान है.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
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