होटल में रुकना हो गया सस्‍ता, जीएसटी रेट घटने से उद्योग जगत भी खुश

2 days ago

Last Updated:September 04, 2025, 12:59 IST

GST on Hotel Room : जीएसटी काउंसिल ने होटल के कमरों पर भी टैक्‍स घटा दिया है. पहले इस पर 4 दरें लगती थीं, जिसे अब 2 स्‍लैब में बदल दिया गया है. 7.5 हजार रुपये तक के कमरे पर अब 5 फीसदी जीएसटी लगेगा, जो पहले 18 फ...और पढ़ें

होटल में रुकना हो गया सस्‍ता, जीएसटी रेट घटने से उद्योग जगत भी खुशजीएसटी की दरों कटौती से होटल के कमरे भी सस्‍ते हो गए हैं.

नई दिल्‍ली. जीएसटी काउंसिल ने बुधवार को 56वीं बैठक में तमाम वस्‍तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की दरें घटा दी हैं. इस बार होटल इंडस्‍ट्री की मांग को पूरा करते हुए यहां भी जीएसटी की दरें घटा दी हैं. इसका मतलब है कि अब होटल में रुकना सस्‍ता हो जाएगा. जीएसटी परिषद ने होटल के कमरों पर पहले लगने वाली 4 तरह की दरों को खत्‍म करके अब सिर्फ 2 ही रेट कर दिए हैं. इसका फायदा सस्‍ते और महंगे दोनों ही तरह के होटलों पर मिलेगा.

फेडरेशन ऑफ होटल्स एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) के अध्यक्ष के श्यामा राजू ने होटल रूम पर 5 फीसदी और 12 फीसदी के दो स्लैब के जरिये सरल बनाने के निर्णय का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि 7,500 रुपये तक के कमरों पर जीएसटी घटाकर पांच फीसदी करने से भारतीय होटल घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय दोनों यात्रियों के लिए अधिक किफायती एवं आकर्षक बनेंगे. इस सुधार से पर्यटन की मांग में प्रत्यक्ष रूप से वृद्धि होगी और लोग सस्‍ते या महंगे किसी भी होटल में रुकेंगे, उन्‍हें फायदा होगा.

पहले कितना लगता था टैक्‍स
अभी तक होटल के कमरों पर जीएसटी की चार दरें लगती हैं. 1,000 रुपये से कम कीमत वाले होटल रूप पर शून्‍य जीएसटी है, जबकि 1,000 से 2,499 रुपये तक के होटल के कमरे पर 12 फीसदी जीएसटी लगता था. ढाई हजार से लेकर 7,499 रुपये तक के होटल कमरे पर 18 फीसदी टैक्‍स लगता है. इससे ज्‍यादा कीमत का होटल रूम है तो उस पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है. लेकिन, अब होटल के कमरों पर सिर्फ 2 ही रेट लगाए जाएंगे. 7.5 हजार से कम कीमत वाला कमरा है तो 5 फीसदी और ज्‍यादा है तो 12 फीसदी जीएसटी देना होगा.

उद्योग जगत ने क्‍या कहा
उद्योग जगत ने जीएसटी परिषद के फैसले को ‘दूरदर्शी’ करार देते हुए कहा कि इससे परिवारों को राहत मिलेगी और व्यवसायों के लिए भी कम्‍पलायंस आसान हो जाएगा. भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि जीएसटी सुधारों का कदम बड़ी उपलब्धि है. इससे रोजमर्रा की वस्तुओं तथा जरूरी कच्चे माल पर दरें कम करके परिवारों को तत्काल राहत मिलेगी और ग्रोथ भी तेज होगी. फिक्की की महानिदेशक ज्योति विज ने कहा कि कर स्लैब कम करने से उपभोग बढ़ेगा और उत्‍पादन में भी तेजी आएगी. इसका फायदा अर्थव्‍यवस्‍था को भी मिलेगा. पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष हेमंत जैन ने कहा कि 22 सितंबर 2025 से जीएसटी दरें घटने के बाद बाजार में तेजी आएगी और त्‍योहारी सीजन का फायदा मिलेगा.

कपड़ा और रियल एस्‍टेट उद्योग ने भी सराहा
भारतीय वस्त्र उद्योग परिसंघ (सीटी) के चेयरमैन राकेश मेहरा ने कहा कि रेशे एवं धागे पर जीएसटी दर को 18 और 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने का स्वागत करते हैं. इससे हजारों कताई करने वालों और बुनकरों के लिए उद्योग शुरू करना आसान हो जाएगा. उन्होंने कहा कि भारत में 70-80 फीसदी से भी ज्‍यादा कपडे़ बनाने वाले उद्यम एमएसएमई सेक्‍टर के हैं. जीएसटी घटने से इन उद्योगों को भी राहत मिलेगी. रियल एस्टेट क्षेत्र के संगठन नारेडको के अध्यक्ष जी. हरि बाबू ने कहा कि मकान बनाने के कई जरूरी सामान पर जीएसटी घटा दिया गया है, जिसका फायदा आम आदमी के साथ रियल एस्‍टेट को भी मिलेगा.

Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

September 04, 2025, 12:59 IST

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