नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की पुलिस ने बढ़ते अपराध पर लगाम लगाने के लिए खास प्लानिंग की है. खासकर सुपारी किलिंग और डरा धमका कर फिरौती वसूलने की घटनाओं को लेकर पुलिस गंभीर दिख रही है. अब पुलिसवालों को निर्देश दिया गया है कि वे संदिग्धों और अपराधियों का पता लगाने के लिए दिल्ली के होटल और गेस्ट हाउस की जांच शुरू करें. पुलिस ने यह निर्देश राष्ट्रीय राजधानी में रंगदारी मांगने और गिरोहों के बीच वर्चस्व की लड़ाई के कारण अपराधियों द्वारा गोलीबारी की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर दिया है.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि जेल में बंद या विदेश में रह कर अपनी गतिविधियां चला रहे माफिया और सरगनाओं के इशारे पर सुपारी लेकर हत्या और अपराधियों द्वारा शोरूम के साथ ही व्यापारियों के घरों पर गोलीबारी के कई मामले दिल्ली में सामने आए हैं. पुलिस हेडक्वाटर ने स्थानीय पुलिस को निर्देश जारी किए हैं कि वे गेस्ट हाउस और होटल में ठहरने वाले मेहमानों की पहचान सत्यापित करने के लिए उनकी जांच शुरू करें. सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने स्थानीय अपराधियों, बदमाशों और अपने क्षेत्रों में रहने वाले संदिग्ध किशोरों का सत्यापन भी शुरू किया है.
होटल-गेस्ट हाउस की जांच शुरू
दिल्ली पुलिस के एक DCP ने पहचान गुप्त रखते हुए बताया कि हमने होटल और गेस्ट हाउस की जांच शुरू कर दी है. हम जमानत पर छूटे अपराधियों और आपराधिक रिकॉर्ड वाले लोगों की गतिविधियों पर भी नजर रख रहे हैं. संदिग्ध किशोरों की भी जांच की जा रही है. अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने जेल में बंद गैंगस्टर और उनके सहयोगियों के संदिग्ध ठिकानों पर भी छापेमारी शुरू कर दी है. उन्होंने बताया कि यह पूरा ऑपरेशन दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल के कोऑर्डिनेशन से उनके संबंधित क्षेत्र में चलाया जा रहा है. दिल्ली में 15 पुलिस जिला है, जिनके अंतर्गत करीब 180 पुलिस थाने आते हैं.
होटलों में ठहरते हैं बाहर से आए क्रिमिनल्स
पुलिस सूत्रों ने बताया कि सितंबर में दक्षिण दिल्ली के ग्रेटर कैलाश स्थित जिम के मालिक की हत्या के लिए एक दर्जन से अधिक संदिग्ध उत्तर प्रदेश से राष्ट्रीय राजधानी आए थे और अपनी साजिश को अंजाम देने से पहले एक होटल में रुके थे. उन्होंने बताया कि जून में फ्यूजन कार शोरूम में वसूली के लिए गोलीबारी करने वाले और बाद में पश्चिमी दिल्ली के बर्गर किंग में एक व्यक्ति की हत्या में संलिप्त आरोपी अपराध को अंजाम देने से पहले हरियाणा से दिल्ली आकर रुके थे. बता दें कि वसूली के फोन कॉल और गोलीबारी की घटनाओं ने दिल्ली पुलिस और व्यापारियों की नींद हराम कर दी है. आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अक्टूबर तक दिल्ली के व्यापारियों को लगभग 160 जबरन वसूली के कॉल आए, यानी औसतन हर दूसरे दिन एक कॉल.
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FIRST PUBLISHED :
November 13, 2024, 19:20 IST