Last Updated:September 27, 2025, 09:11 IST
Gopalganj Crime News : बिहार पुलिस और एसटीएफ को पिछले सात सालों से कुख्यात मनीष कुशवाहा की तलाश थी. बिहार पुलिस ने उसपर तीन लाख रुपये का इनाम भी रखा था. बॉर्डर से लगे जिलों में आतंक का पर्याय बन चुका यूपी-बिहार का खतरनाक गैंगस्टर आखिरकार सीवान से गिरफ्तार कर लिया गया. गोपालगंज पुलिस की मदद से की गई यह कार्रवाई बहुत बड़ी है, क्योंकि शुरुआती दौर में रंगदारी से शुरू हुआ मनीष कुशवाहा का आपराधिक सफर हत्याओं और दहशत की मिसाल बन गया था. आइए जानते हैं कि एक साधारण किसान परिवार से निकला ये लड़का कैसे अपराध की दुनिया का बादशाह बन गया?

गोपालगंज. मनीष कुशवाहा यूपी-बिहार का वो कुख्यात है जिसका नाम अपराध की काली स्याही से लिखा गया है. किसान बेटे से गैंग लीडर बने इस अपराधी ने हत्याओं, लूट और रंगदारी से दहशत का राज चलाया है. 26 से अधिक केसों में फंसे इस अपराधी ने ग्रेनेड ब्लास्ट से लेकर सिर काटने तक के कांड किए हैं. मनीष का खौफ गाजीपुर से शुरू होकर बिहार के रोहतास तक फैला था. गाजीपुर के गलियारों से आरा तक इसके खौफ की दहशत का साया था और इसके नाम की गूंज से व्यापारी रातों को नींद उड़ जाती है. इस गैंगस्टर की अपराधी की कहानी बेहद डरावनी है जिसमें बात-बात पर खून की होली खेली जाती रही है.
यूपी-बिहार की सीमाओं पर खौफ का साया
गोपालगंज के एसपी अवधेश दीक्षित ने गैंगेस्टर मनीष कुशवाहा की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि उससे पूछताछ चल रही है. अपराधिक मामलों को भी खंगाला जा रहा है. उधर, मनीष कुशवाहा की गिरफ्तारी के बाद उसकी एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें दिख रहा है कि एसटीएफ बाइक चला रही है और वह बीच में हेलमेट पहनकर हाथ दोनों पीछे करके बैठा हुआ है. मनीष कुशवाहा की गिरफ्तारी की खबर मिलने के बाद व्यवसायियों के अलावा गोपालगंज पुलिस ने राहत की सांस ली है.आइए खंगालते हैं इस गैंगस्टर की क्राइम कुंडली.
गैंगस्टर मनीष कुशवाहा का अपराधिक इतिहास
गोपालगंज के विशंभरपुर थाना क्षेत्र के निरंजना गांव का रहनेवाला गैंगस्टर मनीष कुशवाहा पर हत्या, लूट, रंगदारी, बमबारी, पुलिस पर हमला, पुलिस से मुठभेड़ समेत 26 से अधिक आपराधिक मामलों में वांटेड रहा है. गैंगेस्टर मनीष कुशवाहा दियरा इलाके के लिए आतंक था. उसके पास लूट और स्मगलिंग के कई अत्याधुनिक हथियार थें. अपराधिक मामलों का जिक्र करें तो एक मार्च, 2020 को विशंभरपुर थाना क्षेत्र के खेम मटीहनिया के गुमनिया मोड़ पर निरंजना गांव के मछली व्यवसायी किसान बिंद को कार्बाइन से गोली मारकर हत्या कर दी थी. पुलिस से भी मुठभेड़ कर फरार हो गया था.
वायरल तस्वीर में दिख रहा है कि एसटीएफ बाइक चला रही है और मनीष कुशवाहा बीच में हेलमेट पहनकर दोनों हाथ पीछे करके बैठा हुआ है.
मनीष कुशवाहा का खूनी सफर और पुलिस एक्शन
पिछले सात साल से मनीष कुशवाहा पुलिस की नजरों में फरार चल रहा था. दरअसल, तत्कालीन एसपी स्वर्ण प्रभात ने 19 मई को टॉप-100 अपराधियों की सूची जारी करते हुए उसके घर की मिसाली कुर्की किया था और बुलडोजर से आवासीय मकान को ध्वस्त कराया था. हालांकि उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी. गोपालगंज के तत्कालीन एसपी रहे मनोज कुमार तिवारी ने गैंगेस्टर मनीष कुशवाहा के गैंग को तोड़ने के लिए बड़ा ऑपरेशन चलाया था और उसके सबसे करीबी शागिर्द रहे कुख्यात पप्पू कुशवाहा नगर थाना क्षेत्र के अरार मोड़ से पकड़ा था. इसके बाद मनीष कुशवाहा भूमिगत हो गया. बता दें कि वर्तमान में मनोज कुमार तिवारी सीवान के एसपी हैं.
किसान बेटे से अपराधी बन बैठा मनीष कुशवाहा
1080 की पैदाइश मनीष कुशवाहा किसान परिवार से ताल्लुक रखता था. उसने अपने शुरुआती दिनों में ही पढ़ाई-लिखाई छोड़ दी और खेतों की मिट्टी छोड़कर अपराध की राह पकड़ ली. पहले तो वह छोटे-मोटे झगड़ा करता और लंपटई से दहशत फैलाता. बाद में उसने रंगदारी का धंधा शुरू कर दिया. वर्ष 2000 के दशक में बिहार के आरा और भोजपुर इलाकों में उसका नाम तब पुलिस की फाइल में आया जब उसने व्यापारियों को धमकाना शुरू किया और रंगदारी मांगने लगा. स्थानीय गुटों से संपर्क के बाद उसने अपनी आपराधिक ताकत बढ़ाई और ‘कुशवाहा गैंग’ बना लिा.
अपराध का सिलसिला, इलाके में दहशत का नाम
मनीष का क्राइम रिकॉर्ड खौफनाक है. 26 से अधिक केस दर्ज हैं, जिनमें- हत्या, लूट, अपहरण और पुलिस पर हमले शामिल हैं. 2010 में गाजीपुर में एक व्यापारी की निर्मम हत्या कर उसने अपना पहला बड़ा कांड किया. बिहार में अस्पताल मालिक से रंगदारी मांगने पर ग्रेनेड हमला और AK-47 से फायरिंग की घटना ने उसे कुख्यात बना दिया. यूपी-बिहार बॉर्डर पर उसके गैंग ने 100 से ज्यादा गांवों में दहशत फैला रखी है. उसके नाम से विरोधियों को सिर काटकर होलिका दहन में फेंकने की अफवाहें आज भी इलाके में गूंजती हैं.
वर्ष 2023 में गोपालगंज पुलिस ने अपराधी मनीष कुशवाहा पर तीन लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.
पूर्वांचल में गैंग की जड़ें, फैला खा खौफ का साम्राज्य
मनीष कुशवाहा का कद बढ़ा तो अपराध की दुनिया में गैंगवार से जा जुड़ा. पांडे और कुशवाहा गुटों के बीच 1990 के दशक से चली आ रही दुश्मनी ने उसे चमकने मौका दिया. ललन पांडे जैसे दबंगों के खिलाफ खड़े होकर उसने अपना नाम कमाया. व्यापारियों को धमकी भरे पत्र, ‘H’ का कार्ड और शेर का सिंबल छोड़ना उसकी ट्रेडमार्क स्टाइल थी. आरा टाउन में एक्सटॉर्शन रैकेट चलाकर करोड़ों की उगाही की. महिलाओं और बच्चों तक को निशाना बनाने से बाज न नहीं आया और उसके गैंग ने 200 से ज्यादा आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया और इलाके की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाई.
मनीष कुशवाहा की गिरफ्तारी से ढहा खौफ का किला!
बता दें कि वर्ष 2015 में दिल्ली में छिपे मनीष को स्पेशल सेल ने पकड़ा था. तब बिहार पुलिस ने 50 हजार का इनाम घोषित किया था. गिरफ्तारी के बाद उसके सहयोगी मनोज और अन्य के साथ मिलकर चलाया जा रहा रैकेट उजागर हुआ. जेल में भी मोबाइल से ऑर्डर देते रहने के सबूत सामने आए. एक समय ऐसा भी आया कि 2020 में एक एनकाउंटर में घायल हुआ, लेकिन बच निकला. हालांकि, बाद में यूपी एसटीएफ और बिहार पुलिस के जॉइंट ऑपरेशन ने उसके नेटवर्क को तोड़ दिया. अब गाजीपुर-आरा बॉर्डर पर फैला साम्राज्य आज टूट चुका है, लेकिन अपराध के निशान बाकी हैं.
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
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Location :
Gopalganj,Bihar
First Published :
September 27, 2025, 09:11 IST